टिप्पणी: सभी समय १२-घण्टा प्रारूप में कोलंबस, संयुक्त राज्य अमेरिका के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं।
आधी रात के बाद के समय जो आगामि दिन के समय को दर्शाते हैं, आगामि दिन से प्रत्यय कर दर्शाये गए हैं। पञ्चाङ्ग में दिन सूर्योदय से शुरू होता है और पूर्व दिन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाता है।
उपच्छाया चन्द्र ग्रहण 2020 में 10 एवं 11 जनवरी को दर्शनीय होगा। वर्ष 2020 में होने वाले चार चन्द्र ग्रहणों में से प्रथम चन्द्र ग्रहण होगा।
इस चन्द्र ग्रहण की प्रच्छाया का परिमाण -0.116 एवं उपच्छाया का परिमाण 0.896 होगा। उपच्छाया चन्द्र ग्रहण को आसानी से सामान्य पूर्णिमा से अलग नहीं पहचाना जा सकता है।
क्योंकि यह एक उपच्छाया ग्रहण है इसीलिये हिन्दुओं द्वारा किये जाने वाले किसी भी धार्मिक संस्कार के लिये यह ग्रहण मान्य नहीं होगा। ग्रहण देखने वालो के लिये भी यह बहुत महत्वपूर्ण नहीं होगा क्योंकि चन्द्र ग्रहण शायद ही नग्न आँखों के माध्यम से दिखाई देगा। यह उपच्छाया ग्रहण पूर्ण नहीं होगा क्योंकि अधिकतम ग्रहण के दौरान पृथ्वी की उपच्छाया केवल 89% चन्द्रमा को ढाकेगी।
यह उपच्छाया ग्रहण मुख्यतः एशिया, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, हिंद महासागर, अटलांटिक महासागर, उत्तर अमेरिका के कुछ उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों एवं दक्षिण अमेरिका के कुछ क्षेत्रों से दिखाई देगा।
यह ग्रहण संयुक्त राज्य अमरीका एवं दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के अधिकतम भागों से दर्शनीय नहीं होगा।
हालाँकि, उपच्छाया ग्रहण भारत, पाकिस्तान, नेपाल, मॉरीशस और सिंगापुर में दिखाई देगा लेकिन चन्द्र ग्रहण के दौरान की जाने वाली कोई भी धार्मिक गतिविधियाँ मान्य नहीं होगी।
नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, अहमदाबाद, हैदराबाद एवं पुणे भारत में कुछ लोकप्रिय शहर हैं, जहाँ उपच्छाया चन्द्र ग्रहण दिखाई देगा।
लंदन, पेरिस, रोम, मैड्रिड, काहिरा, बर्लिन, मास्को, टोक्यो, सिडनी, बीजिंग, दुबई, अबु धाबी, रियाद, कराची, जेद्दा और जोहानसबर्ग दुनिया के कुछ प्रसिद्ध शहर हैं, जहाँ उपच्छाया चन्द्र ग्रहण दिखाई देगा।
ग्रहण की दृश्यता के बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया 10, 11 जनवरी 2020 के उपच्छाया चन्द्र ग्रहण का प्लॉट देखें।
जब चन्द्र ग्रहण मध्यरात्रि (१२ बजे) से पहले लग जाता है परन्तु मध्यरात्रि के पश्चात समाप्त होता है - दूसरे शब्दों में जब चन्द्र ग्रहण अंग्रेजी कैलेण्डर में दो दिनों का अधिव्यापन (ओवरलैप) करता है - तो जिस दिन चन्द्रग्रहण अधिकतम होता है उस दिन की दिनाँक चन्द्रग्रहण के लिये दर्शायी जाती है। ऐसी स्थिति में चन्द्रग्रहण की उपच्छाया तथा प्रच्छाया का स्पर्श पिछले दिन अर्थात मध्यरात्रि से पहले हो सकता है।
इस पृष्ठ पर दिये चन्द्रोदय और चन्द्रास्त के समय लंबन/विस्थापनाभास के लिये संशोधित हैं। लंबन का संशोधन चन्द्रग्रहण देखने के लिये उत्तम समय देता है।
हिन्दु धर्म में चन्द्रग्रहण एक धार्मिक घटना है जिसका धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व है। जो चन्द्रग्रहण नग्न आँखों से स्पष्ट दृष्टिगत न हो तो उस चन्द्रग्रहण का धार्मिक महत्व नहीं होता है। मात्र उपच्छाया वाले चन्द्रग्रहण नग्न आँखों से दृष्टिगत नहीं होते हैं इसीलिये उनका पञ्चाङ्ग में समावेश नहीं होता है और कोई भी ग्रहण से सम्बन्धित कर्मकाण्ड नहीं किया जाता है। केवल प्रच्छाया वाले चन्द्रग्रहण, जो कि नग्न आँखों से दृष्टिगत होते हैं, धार्मिक कर्मकाण्डों के लिये विचारणीय होते हैं। सभी परम्परागत पञ्चाङ्ग केवल प्रच्छाया वाले चन्द्रग्रहण को ही सम्मिलित करते हैं।
यदि चन्द्रग्रहण आपके शहर में दर्शनीय नहीं हो परन्तु दूसरे देशों अथवा शहरों में दर्शनीय हो तो कोई भी ग्रहण से सम्बन्धित कर्मकाण्ड नहीं किया जाता है। लेकिन यदि मौसम की वजह से चन्द्रग्रहण दर्शनीय न हो तो ऐसी स्थिति में चन्द्रग्रहण के सूतक का अनुसरण किया जाता है और ग्रहण से सम्बन्धित सभी सावधानियों का पालन किया जाता है।