
हस्त नक्षत्र - हस्त वैदिक ज्योतिष में तेरहवाँ नक्षत्र है, जिसका विस्तार कन्या राशि में 10° से 23°20' तक है।
प्रतीक चिह्न - इस नक्षत्र का प्रतीक हाथ अथवा मुष्टिका है।
खगोलीय नाम - यह नक्षत्र α, β, γ, δ तथा ε कोरवी (Corvi) को निरूपित करता है।
नक्षत्र के देवता - सवितृ अथवा सूर्य आदि नामों से लोकप्रिय रचनात्मक और परिवर्तनकारी ऊर्जा प्रदान करने वाले सूर्य देवता ही हस्त नक्षत्र के देवता हैं।
शासक ग्रह - हस्त नक्षत्र पर चन्द्र (चन्द्र ग्रह) का शासन होता है।
अन्य - हस्त में पाँच तारे (उँगली) होते हैं, जो कोरवस (Corvus), अर्थात कौवा तारामण्डल के अनुरूप होते हैं। जो हम चाहते हैं, उसे प्रकट करने एवं उसे हमारे हाथों में रखने की क्षमता ही सवितृ देव की शक्ति है। सवितृ देव, जीवन प्रदान करने वाले एवं शिशु के जन्म में सहायता करने वाले प्रसवितृ के रूप में अवस्थित हैं।
नक्षत्र अस्त उदय - हस्त प्रति वर्ष लगभग 46 दिनों की अवधि के लिये अस्त हो जाता है। हस्त नक्षत्र के अस्त एवं उदय होने का समय ज्ञात करने हेतु सम्बन्धित पृष्ठ देखें - हस्त अस्त उदय।
नक्षत्र गोचर - हस्त को अधिकांश शुभ कार्यों हेतु उत्तम माना जाता है। वर्ष पर्यन्त, चन्द्रमा किस समय हस्त नक्षत्र में गोचर कर रहा है, यह ज्ञात करने हेतु उक्त पृष्ठ का अवलोकन करें - हस्त नक्षत्र के सभी दिनों की सूचि।