हनुमान गायत्री मन्त्र, भगवान हनुमान के सर्वाधिक लोकप्रिय मन्त्रों में से एक है। देव पूजन में अधिकांश देवी-देवताओं की स्तुति उनके अपने गायत्री मन्त्र द्वारा की जाती है। भगवान हनुमान गायत्री मन्त्र, अत्यन्त प्रचलित गायत्री मन्त्र का ही एक रुपान्तरण है।
ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि।
तन्नो हनुमत् प्रचोदयात्॥
हम अञ्जना के पुत्र एवं वायु के देवता, पवन देव के पुत्र भगवान हनुमान से प्रार्थना करते हैं, कि वे हमारी बुद्धि को बुद्धिमत्ता एवं ज्ञान की ओर अग्रसर करें।
प्रस्तुत लेख में भगवान हनुमान के विषय में विस्तृत वर्णन किया गया है। श्री हनुमान जी, हिन्दु धर्म में पूजे जाने वाले सर्वाधिक लोकप्रिय देवताओं में से एक हैं। हनुमान जी को महावीर, बजरंगबली, आञ्जनेय तथा पवनपुत्र आदि नामों से भी जाना जाता है।
भगवान हनुमान के जन्मदिवस को हनुमान जयन्ती के रूप में मनाया जाता है। हिन्दु कैलेण्डर के अनुसार, उत्तर भारत में चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाता है। हनुमान जयन्ती को विभिन्न क्षेत्रों में हनुमथ जयन्थी एवं हनुमान व्रतम् के रूप में मनाया जाता है।
आरती कीजै हनुमान लला की दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥ यह श्री हनुमान जी को समर्पित सर्वाधिक प्रचलित एवं लोकप्रिय आरती है। इस मधुर आरती का गायन हनुमान जी से सम्बन्धित विभिन्न अवसरों पर किया जाता है। यह आरती हनुमान जी के दैनिक पूजन में भी गायी जाती है।
जय हनुमान ज्ञान गुण सागर। जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥ उपरोक्त हनुमान चालीसा भगवान हनुमान को समर्पित सर्वाधिक लोकप्रिय स्तुति है, जिसका गायन हनुमान भक्तों द्वारा प्रतिदिन किया जाता है। चालीस चौपाईयाँ से युक्त होने के कारण इस प्रार्थना को चालीसा कहा जाता है।
हनुमान जयन्ती, भगवान हनुमान जी के जन्म के उपलक्ष्य में मनायी जाती है। हनुमान जी को वानर देवता के रूप में भी जाना जाता है। सम्पूर्ण भारत में व्यापक रूप से हनुमान जी की पूजा की जाती है। प्रस्तुत लेख में हनुमान जयन्ती की तिथि एवं समय प्रदान किया गया है।
तमिल कैलेण्डर के अनुसार हनुमान जयन्ती मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन मनायी जाती है। तमिल नाडु में हनुमान जयन्ती को हनुमथ जयन्थी के रूप मनाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन मूल नक्षत्र में हनुमान जी का जन्म हुआ था।
1. ॐ आञ्जनेयाय नमः। 2. ॐ महावीराय नमः। 3. ॐ हनुमते नमः। ... 107. ॐ जाम्बवत्प्रीतिवर्धनाय नमः। 108. ॐ सीतासमेत श्रीरामपाद सेवदुरन्धराय नमः। आदि हनुमान जी के 108 नाम, अर्थात हनुमान अष्टोत्तर शतनामावली अर्थ एवं वीडियो सहित प्रस्तुत हैं।
हनुमान जयन्ती के ग्रीटिंग्स एवं ई-कार्ड्स के माध्यम से आप अपने प्रियजनों को हनुमान जयन्ती की शुभकामनायें प्रेषित कर सकते हैं। इन शुभकामना सन्देशों में दिये गये चित्रों में, हनुमान जी को पर्वत ले जाते हुये, आशीर्वाद देते हुये तथा पूँछ के आसन पर विराजमान दर्शाया गया है।
भगवान हनुमान जी की प्रसन्नता एवं कृपा प्राप्त करने हेतु षोडशोपचार हनुमान पूजा विधि द्वारा उनका पूजन किया जाता है। प्रस्तुत हनुमान पूजा विधि में सङ्कल्प, आवाहन, ध्यान, आसन, पाद्य, अर्घ्य आदि पूजा के सोलह चरणों को सम्मिलित किया गया है।
उक्त लेख में दीपावली पर हनुमान पूजा मुहूर्त दिया गया है। भारत के कुछ क्षेत्रों में दीवाली पूजा से एक दिन पूर्व काली चौदस के दिन हनुमान जी की पूजा की जाती है। इस अवसर पर अयोध्या स्थित प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मन्दिर में भव्य रूप से श्री हनुमान जन्मोत्सव का आयोजन किया जाता है।
आन्ध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में तेलुगु कैलेण्डर के अनुसार हनुमान जयन्ती मनायी जाती है। तेलुगु हनुमान जयन्ती चैत्र पूर्णिमा से आरम्भ होकर 41 दिनों तक मनाई जाती है। प्रस्तुत लेख में तेलुगु हनुमान जयन्ती मुहूर्त एवं दीक्षा आरम्भ का समय प्रदान किया गया है।
प्रस्तुत हनुमान मन्त्रों की सूची में श्री हनुमान मूल मन्त्र, हनुमान गायत्री मन्त्र एवं मनोजवम् मारुततुल्यवेगम् मन्त्र प्रदान किये गये हैं। इन मन्त्रों का निष्ठापूर्वक जाप करने से हनुमान जी प्रसन्न होकर साधक पर कृपा करते हैं।
हनुमान पूजा के लिए पूर्ण आकार का श्री हनुमान यन्त्र वॉलपेपर यहाँ प्रदान किया गया है। उक्त चित्र को मुद्रित करवाकर, पूजा के लिये प्रयोग किया जा सकता है। हिन्दु धर्म में प्रतिष्ठित यन्त्र को साक्षात् सम्बन्धित देवता का ही रूप मानकर उसकी पूजा-अर्चना की जाती है।