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सूर्य नमस्कार मन्त्र - मन्त्र एवं वीडियो

DeepakDeepak

सूर्य नमस्कार मन्त्र

श्री सूर्य नमस्कार मन्त्र

सूर्य नमस्कार भगवान सूर्य को समर्पित योगासन है। सूर्य नमस्कार को न केवल शारीरिक अपितु आध्यात्मिक दृष्टि से भी अत्यन्त महत्वपूर्ण माना जाता है। प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करने से व्यक्ति निरोगी एवं तेजस्वी होता है। धर्मग्रन्थों में सूर्य नमस्कार को स्त्री, पुरुष, बालक, युवा तथा वृद्ध सभी के लिये लाभकारी बताया गया है।

सूर्य नमस्कार में बारह आसन होते हैं तथा प्रत्येक आसन के लिये एक निश्चित मन्त्र निर्धारित होता है जिसका उच्चारण आसन करते समय किया जाता है। सूर्य नमस्कार आरम्भ करने से पूर्व एवं समाप्त करने के पश्चात् भिन्न-भिन्न श्लोकों का उच्चारण भी किया जाता है, जो निम्नलिखित हैं -

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॥ सूर्य नमस्कार मन्त्र ॥

ॐ ध्येयः सदा सवितृ-मण्डल-मध्यवर्ती, नारायणः सरसिजासन-सन्निविष्टः।
केयूरवान् मकरकुण्डलवान् किरीटी, हारी हिरण्मयवपुर्धृतशंखचक्रः॥

सूर्य नमस्कार के 12 मन्त्र एवं आसनों की सूचि

  1. ॐ मित्राय नमः। - प्रणामासन
  2. ॐ रवये नमः। - हस्त उत्तानासन या हस्तोत्थानासन
  3. ॐ सूर्याय नमः। - उत्तानासन या हस्तपादासन
  4. ॐ भानवे नमः। - अश्व संचालनासन या एकपादप्रसारणासन
  5. ॐ खगाय नमः। - चतुरंग दण्डासन या द्विपाद प्रसारणासन
  6. ॐ पूष्णे नमः। - अष्टांग नमस्कार या अष्टांगनमस्कारासन
  7. ॐ हिरण्यगर्भाय नमः। - भुजंगासन
  8. ॐ मरीचये नमः। - अधोमुखश्वानासन या पर्वतासन
  9. ॐ आदित्याय नमः। - अश्वसंचालनासन
  10. ॐ सवित्रे नमः। - उत्तानासन या हस्तपादासन
  11. ॐ अर्काय नमः। - हस्त उत्तानासन या हस्तोत्थानासन
  12. ॐ भास्कराय नमः। - प्रणामासन
  13. ॐ श्रीसवितृसूर्यनारायणाय नमः। - प्रणामासन

आदित्यस्य नमस्कारान् ये कुर्वन्ति दिने दिने।
आयुः प्रज्ञा बलं वीर्यं तेजस्तेषां च जायते॥

Kalash
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