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2025 दशावतार जयन्ती कैलेण्डर Fairfield, Connecticut, संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए

DeepakDeepak

2025 दशावतार कैलेण्डर

2025 दशावतार जयन्ती के दिन
[2081 - 2082] विक्रम सम्वत
मत्स्य जयन्ती
मार्च 31, 2025, सोमवार
तृतीया
शुक्ल तृतीया
चैत्र, शुक्ल तृतीया
राम नवमी
अप्रैल 5, 2025, शनिवार
नवमी
शुक्ल नवमी
चैत्र, शुक्ल नवमी
परशुराम जयन्ती
अप्रैल 29, 2025, मंगलवार
तृतीया
शुक्ल तृतीया
वैशाख, शुक्ल तृतीया
नृसिंह जयन्ती
मई 10, 2025, शनिवार
चतुर्दशी
शुक्ल चतुर्दशी
वैशाख, शुक्ल चतुर्दशी
कूर्म जयन्ती
मई 11, 2025, रविवार
पूर्णिमा
शुक्ल पूर्णिमा
वैशाख, शुक्ल पूर्णिमा
कल्की जयन्ती
जुलाई 29, 2025, मंगलवार
षष्ठी
शुक्ल षष्ठी
श्रावण, शुक्ल षष्ठी
बलराम जयन्ती
अगस्त 14, 2025, बृहस्पतिवार
षष्ठी
कृष्ण षष्ठी
भाद्रपद, कृष्ण षष्ठी
कृष्ण जन्माष्टमी
अगस्त 15, 2025, शुक्रवार
अष्टमी
कृष्ण अष्टमी
भाद्रपद, कृष्ण अष्टमी
वराह जयन्ती
अगस्त 25, 2025, सोमवार
तृतीया
शुक्ल तृतीया
भाद्रपद, शुक्ल तृतीया
वामन जयन्ती
सितम्बर 4, 2025, बृहस्पतिवार
द्वादशी
शुक्ल द्वादशी
भाद्रपद, शुक्ल द्वादशी
बुद्ध जयन्ती
अक्टूबर 1, 2025, बुधवार
दशमी
शुक्ल दशमी
आश्विन, शुक्ल दशमी

टिप्पणी: सभी समय २४:००+ प्रारूप में Fairfield, संयुक्त राज्य अमेरिका के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं।
आधी रात के बाद के समय २४:०० से अधिक हैं और आगामि दिन के समय को दर्शाते हैं। पञ्चाङ्ग में दिन सूर्योदय से शुरू होता है और पूर्व दिन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाता है।

2025 दशावतार कैलेण्डर

भगवान विष्णु के प्रमुख दस अवतारों को दशावतार नाम से जाना जाता है। ऐसी धारणा है कि, भगवान विष्णु समय-समय पर पृथ्वी पर अधर्म के नाश हेतु अवतार लेते हैं। प्रभु के इन अवतारों का उद्देश्य आसुरी शक्तियों का विनाश एवं धर्म की पुनर्स्थापना करना होता है। वहीं दूसरी ओर भगवान इन अवतारों में अपनी लीलाओं के माध्यम से भक्तों को जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति दिलाते हैं।

हिन्दु धर्म में भगवान विष्णु के इन दशावतार को चार युगों के अनुसार वर्णित किया गया है। सतयुग में प्रभु ने मत्स्य, कूर्म, वराह एवं नृसिंह अवतार धारण किये थे। त्रेता युग में भगवान विष्णु ने वामन, परशुराम और राम के अवतार में पृथ्वी पर अपनी लीलाएँ कीं। अगले दो अवतार, द्वापर युग में कृष्ण और बलराम के रूप में हुए। श्रीमद्भागवत महापुराण के अनुसार, भगवान विष्णु का दसवाँ व अन्तिम अवतार कलियुग के अन्त में कल्कि के नाम से होगा। कलयुग को कालचक्र का अन्तिम युग माना गया है।

भगवान विष्णु के सभी अवतारों की जन्मतिथियों को भक्तगण धूमधाम से मनाते हैं। इस सुअवसर पर भक्तगण विधि-विधान से उपवास रखते हैं। इन विशेष तिथियों पर भगवान विष्णु के अवतार-विशेष की पूजा-अर्चना की जाती है।

उत्तर भारतीय दशवतार सूची में भगवान बलराम के स्थान पर भगवान बुद्ध का उल्लेख मिलता है। हालाँकि, दक्षिण भारत में, भगवान बुद्ध को कभी भगवान विष्णु के अवतार के रूप में स्वीकार नहीं किया गया।

यह ध्यान रहे कि भगवान राम, भगवान कृष्ण, भगवान नृसिंह और भगवान परशुराम को छोड़कर शेष अन्य अवतारों की जयन्ती को लेकर विद्वानों में मतभेद है। हमने यहाँ दशावतार की तिथियों को सुनिश्चित करने के लिए धर्म-सिन्धु एवं निर्णय-सिन्धु को आधार माना है।

Kalash
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