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1000 Names of Goddess Kali | Sahasra Namavali of Goddess Kali

DeepakDeepak

1000 Kali Names

Sahasra Namavali of Goddess Kali

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श्मशानकालिका
1
ॐ श्मशानकालिकायै नमः।
Om Shmashanakalikayai Namah।
जो श्मशान भूमि से अन्धकार को दूर करती हैं
काली
2
ॐ काल्यै नमः।
Om Kalyai Namah।
जो अन्धकार को दूर करती हैं
भद्रकाली
3
ॐ भद्रकाल्यै नमः।
Om Bhadrakalyai Namah।
जो शान्त स्वरूप में विद्यमान हैं
कपालिनी
4
ॐ कपालिन्यै नमः।
Om Kapalinyai Namah।
जो मुण्डमाल धारण करती हैं।
गुह्यकाली
5
ॐ गुह्यकाल्यै नमः।
Om Guhyakalyai Namah।
जो गुप्त रूप से अन्धकार नष्ट करती हैं
महाकाली
6
ॐ महाकाल्यै नमः।
Om Mahakalyai Namah।
जो महाकाल की महाशक्ति हैं
कुरुकुल्ला
7
ॐ कुरुकुल्लायै नमः।
Om Kurukullayai Namah।
जो मायावी सम्मोहन शक्तियों वाली देवी हैं
अविरोधिनी
8
ॐ अविरोधिन्यै नमः।
Om Avirodhinyai Namah।
जो निर्विरोध हैं अथवा सृष्टि में जिनका कोई विरोधी नहीं है
कालिका
9
ॐ कालिकायै नमः।
Om Kalikayai Namah।
जो श्याम वर्ण वाली हैं
कालरात्रि
10
ॐ कालरात्र्यै नमः।
Om Kalaratryai Namah।
जिनका वर्ण रात्रि के अन्धकार के समान है
महाकालनितम्बिनी
11
ॐ महाकालनितम्बिन्यै नमः।
Om Mahakalanitambinyai Namah।
महाकाल जिनके नितम्ब के रूप में विद्यमान हैं
कालभैरवभार्या
12
ॐ कालभैरवभार्यायै नमः।
Om Kalabhairavabharyayai Namah।
जो कालभैरव की अर्धाङ्गिनी हैं
कुलवर्त्मप्रकाशिनी
13
ॐ कुलवर्त्मप्रकाशिन्यै नमः।
Om Kulavartmaprakashinyai Namah।
जो कुलवंश को प्रकाशित करने वाली हैं
कामदा
14
ॐ कामदायै नमः।
Om Kamadayai Namah।
जो समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति करती हैं
कामिनी
15
ॐ कामिन्यै नमः।
Om Kaminyai Namah।
जो आकर्षक एवं स्नेहमयी हैं
काम्या
16
ॐ काम्यायै नमः।
Om Kamyayai Namah।
जो परम उद्देश्य हैं
कमनीयसुभाविनी
17
ॐ कमनीयसुभाविन्यै नमः।
Om Kamaniyasubhavinyai Namah।
जो सुन्दर, सुखद एवं शुभ हैं
कस्तूरीरसनीलाङ्गी
18
ॐ कस्तूरीरसनीलाङ्ग्यै नमः।
Om Kasturirasanilangyai Namah।
जो कस्तूरी के समान श्याम वर्ण वाली हैं
कुञ्जरेश्वरगामिनी
19
ॐ कुञ्जरेश्वरगामिन्यै नमः।
Om Kunjareshvaragaminyai Namah।
जिनकी चाल एवं गति भगवान गणेश के समान है
ककारवर्णसर्वाङ्गी
20
ॐ ककारवर्णसर्वाङ्ग्यै नमः।
Om Kakaravarnasarvangyai Namah।
जो ककार वर्ण के रूप में विद्यमान हैं
कामिनी
21
ॐ कामिन्यै नमः।
Om Kaminyai Namah।
जो आकर्षक एवं स्नेहमयी हैं
कामसुन्दरी
22
ॐ कामसुन्दर्यै नमः।
Om Kamasundaryai Namah।
जो कामदेव के समान सुन्दर हैं
कामार्त्ता
23
ॐ कामार्तायै नमः।
Om Kamartayai Namah।
जिन्हें प्रेम एवं श्रद्धा द्वारा प्राप्त किया जा सकता है
कामरूपा
24
ॐ कामरूपायै नमः।
Om Kamarupayai Namah।
जो इच्छानुसार कोई भी रूप धारण कर सकती हैं
कामधेनु
25
ॐ कामधेनवे नमः।
Om Kamadhenave Namah।
जो कामधेनु के समान समस्त कामनाओं की पूर्ति करती हैं
कलावती
26
ॐ कलावत्यै नमः।
Om Kalavatyai Namah।
जो सभी कलाओं को जानने वाली हैं
कान्ता
27
ॐ कान्तायै नमः।
Om Kantayai Namah।
जो अत्यन्त रूपवती हैं
कामस्वरूपा
28
ॐ कामस्वरूपायै नमः।
Om Kamasvarupayai Namah।
जो कामदेव के समान रूपवती हैं
कामाख्या
29
ॐ कामाख्यायै नमः।
Om Kamakhyayai Namah।
जो इच्छाओं की पूर्ति करने वाली हैं
कुलपालिनी
30
ॐ कुलपालिन्यै नमः।
Om Kulapalinyai Namah।
जो कुल (वंश) की रक्षा करती हैं
कुलीना
31
ॐ कुलीनायै नमः।
Om Kulinayai Namah।
जो उत्तम कुल से हैं
कुलवती
32
ॐ कुलवत्यै नमः।
Om Kulavatyai Namah।
जो महान कुल में अवतरित हुयी हैं
अम्बा
33
ॐ अम्बायै नमः।
Om Ambayai Namah।
जो सम्पूर्ण सृष्टि की माता हैं
दुर्गा
34
ॐ दुर्गायै नमः।
Om Durgayai Namah।
जो दैत्यनाशक, विघ्ननाशक, रोगनाशक, पापनाशक तथा शत्रुनाशक हैं
दुर्गार्तिनाशिनी
35
ॐ दुर्गार्तिनाशिन्यै नमः।
Om Durgartinashinyai Namah।
जो समस्त प्रकार के संकटों को नष्ट करती हैं
कौमारी
36
ॐ कौमार्यै नमः।
Om Kaumaryai Namah।
जो परम पवित्र एवं चिर यौवना हैं
कुलजा
37
ॐ कुलजायै नमः।
Om Kulajayai Namah।
जो श्रेष्ठ कुल से हैं
कृष्णाकृष्णदेहा
38
ॐ कृष्णाकृष्णदेहायै नमः।
Om Krishnakrishnadehayai Namah।
जो भगवान श्री कृष्ण के समान श्याम वर्ण की हैं
कृशोदरी
39
ॐ कृशोदर्यै नमः।
Om Krishodaryai Namah।
जिनकी कमर अत्यन्त पतली है
कृशाङ्गी
40
ॐ कृशाङ्ग्यै नमः।
Om Krishangyai Namah।
जिनके शरीर की आकृति पतली है
कुलिशाङ्गी
41
ॐ कुलिशाङ्ग्यै नमः।
Om Kulishangyai Namah।
जिनका शरीर इन्द्र के वज्र की भाँति कठोर है
क्रीङ्कारी
42
ॐ क्रीङ्कार्यै नमः।
Om Krinkaryai Namah।
जो 'क्रीं' बीज की ध्वनि के रूप में विद्यमान हैं
कमला
43
ॐ कमलायै नमः।
Om Kamalayai Namah।
जो कमला महाविद्या के रूप में स्थित हैं
कला
44
ॐ कलायै नमः।
Om Kalayai Namah।
जो कला-कौशल के रूप में स्थित हैं
करालास्या
45
ॐ करालास्यायै नमः।
Om Karalasyayai Namah।
जो अत्यन्त उग्र हैं
कराली
46
ॐ कराल्यै नमः।
Om Karalyai Namah।
जो भयंकर रूप वाली हैं
कुलकान्ता
47
ॐ कुलकान्तायै नमः।
Om Kulakantayai Namah।
जो अपने कुल में प्रिय हैं
अपराजिता
48
ॐ अपराजितायै नमः।
Om Aparajitayai Namah।
जो अजेय हैं अथवा जिन्हें कोई पराजित नहीं कर सकता
उग्रा
49
ॐ उग्रायै नमः।
Om Ugrayai Namah।
जो उग्र प्रकृति वाली हैं
उग्रप्रभा
50
ॐ उग्रप्रभायै नमः।
Om Ugraprabhayai Namah।
जिनकी आभा अत्यधिक प्रबल है
दीप्ता
51
ॐ दीप्तायै नमः।
Om Diptayai Namah।
जो अग्नि के समान देदीप्यमान हैं
विप्रचित्ता
52
ॐ विप्रचित्तायै नमः।
Om Viprachittayai Namah।
जो चतुर एवं विवेकी हैं
महाबला
53
ॐ महाबलायै नमः।
Om Mahabalayai Namah।
जो बहुत शक्तिशाली एवं पराक्रमी हैं
नीला
54
ॐ नीलायै नमः।
Om Nilayai Namah।
जो नीलवर्ण वाली हैं
घना
55
ॐ घनायै नमः।
Om Ghanayai Namah।
जो दृढ़ एवं शक्तिशाली हैं
बलाका
56
ॐ बलाकायै नमः।
Om Balakayai Namah।
जो चिर-यौवना हैं
मात्रामुद्रापिता
57
ॐ मात्रामुद्रापितायै नमः।
Om Matramudrapitayai Namah।
जो पदार्थ एवं मूल्य के परे हैं
असिता
58
ॐ असितायै नमः।
Om Asitayai Namah।
जो श्याम अथवा अश्वेत वर्ण की हैं
ब्राह्मी
59
ॐ ब्राह्म्यै नमः।
Om Brahmyai Namah।
जो भगवान ब्रह्मा की शक्ति हैं
नारायणी
60
ॐ नारायण्यै नमः।
Om Narayanyai Namah।
जो भगवान विष्णु की शक्ति हैं
भद्रा
61
ॐ भद्रायै नमः।
Om Bhadrayai Namah।
जो महान एवं दयालु हैं
सुभद्रा
62
ॐ सुभद्रायै नमः।
Om Subhadrayai Namah।
जो अत्यन्त शुभ एवं भाग्यशालिनी हैं
भक्तवत्सला
63
ॐ भक्तवत्सलायै नमः।
Om Bhaktavatsalayai Namah।
जो भक्तों पर स्‍नेह एवं करुणा बरसाने वाली हैं
माहेश्वरी
64
ॐ माहेश्वर्यै नमः।
Om Maheshvaryai Namah।
जो महेश्वर (शिव जी) की धर्मपत्नी हैं
चामुण्डा
65
ॐ चामुण्डायै नमः।
Om Chamundayai Namah।
जो चण्ड-मुण्ड का संहार करने वाली देवी हैं
वाराही
66
ॐ वाराह्यै नमः।
Om Varahyai Namah।
जो वराह भगवान की शक्ति हैं
नारसिंहिका
67
ॐ नारसिंहिकायै नमः।
Om Narasimhikayai Namah।
जो नृसिंह भगवान की शक्ति हैं
वज्राङ्गी
68
ॐ वज्राङ्ग्यै नमः।
Om Vajrangyai Namah।
जो वज्र के समान कठोर हैं
वज्रकङ्काली
69
ॐ वज्रकङ्काल्यै नमः।
Om Vajrakankalyai Namah।
जिनकी अस्थियाँ वज्र के समान कठोर हैं
नृमुण्डस्रग्विणी
70
ॐ नृमुण्डस्रग्विण्यै नमः।
Om Nrimundasragvinyai Namah।
जो नरमुण्ड माला से सुशोभित हैं
शिवा
71
ॐ शिवायै नमः।
Om Shivayai Namah।
जो भगवान शिव की शक्ति हैं
मालिनी
72
ॐ मालिन्यै नमः।
Om Malinyai Namah।
जो विभिन्न प्रकार की मालायें धारण करती हैं
नरमुण्डाली
73
ॐ नरमुण्डाल्यै नमः।
Om Naramundalyai Namah।
जो नरमुण्ड की मालायें धारण करती हैं
गलद्रक्तविभूषणा
74
ॐ गलद्रक्तविभूषणायै नमः।
Om Galadraktavibhushanayai Namah।
जिनके कण्ठ से रक्त की धार प्रवाहित होती है
रक्तचन्दनसिक्ताङ्गी
75
ॐ रक्तचन्दनसिक्ताङ्ग्यै नमः।
Om Raktachandanasiktangyai Namah।
जिनके सम्पूर्ण शरीर पर रक्त चन्दन सुशोभित है
सिन्दूरारुणमस्तका
76
ॐ सिन्दूरारुणमस्तकायै नमः।
Om Sindurarunamastakayai Namah।
जिनके मस्तक पर सिन्दूर सुशोभित है
घोररूपा
77
ॐ घोररूपायै नमः।
Om Ghorarupayai Namah।
जिनका रूप अत्यन्त विकराल है
घोरदंष्ट्रा
78
ॐ घोरदंष्ट्रायै नमः।
Om Ghoradamshtrayai Namah।
जो अत्यन्त भयावह दातों वाली हैं
घोराघोरतरा
79
ॐ घोराघोरतरायै नमः।
Om Ghoraghoratarayai Namah।
जो भयंकर से भी अति भयंकर हैं
शुभा
80
ॐ शुभायै नमः।
Om Shubhayai Namah।
जो अत्यन्त शुभ हैं
महादंष्ट्रा
81
ॐ महादंष्ट्रायै नमः।
Om Mahadamshtrayai Namah।
जिनके दाँत अत्यन्त तीक्ष्ण एवं विशाल हैं
महामाया
82
ॐ महामायायै नमः।
Om Mahamayayai Namah।
जो महामाया के रूप में विद्यमान हैं
सुदती
83
ॐ सुदत्यै नमः।
Om Sudatyai Namah।
जो सुन्दर दाँतों वाली हैं
युगदन्तुरा
84
ॐ युगदन्तुरायै नमः।
Om Yugadanturayai Namah।
जिनके दाँत टेढ़े-मेढ़े एवं उभरे हुये हैं
सुलोचना
85
ॐ सुलोचनायै नमः।
Om Sulochanayai Namah।
जो सुन्दर नेत्रों वाली हैं
विरूपाक्षी
86
ॐ विरूपाक्ष्यै नमः।
Om Virupakshyai Namah।
सूर्य, चन्द्र एवं अग्नि जिनके तीन नेत्रों के रूप में विद्यमान हैं
विशालाक्षी
87
ॐ विशालाक्ष्यै नमः।
Om Vishalakshyai Namah।
जिनके नेत्र अत्यन्त विशाल हैं
त्रिलोचना
88
ॐ त्रिलोचनायै नमः।
Om Trilochanayai Namah।
जो तीन नेत्रों वाली हैं
शारदेन्दुप्रसन्नास्या
89
ॐ शारदेन्दुप्रसन्नास्यायै नमः।
Om Sharadenduprasannasyayai Namah।
जो शरद पूर्णिमा के चन्द्रमा की भाँति प्रसन्न हैं
स्फुरत्स्मेराम्बुजेक्षणा
90
ॐ स्फुरत्स्मेराम्बुजेक्षणायै नमः।
Om Sphuratsmerambujekshanayai Namah।
जिनके नेत्र कमल पुष्प के समान प्रफुल्लित हैं
अट्टहासा
91
ॐ अट्टहासायै नमः।
Om Attahasayai Namah।
जो भगवान शिव (अट्टहास) की अर्धाङ्गिनी हैं
प्रसन्नास्या
92
ॐ प्रसन्नास्यायै नमः।
Om Prasannasyayai Namah।
जो प्रसन्न एवं आनन्दित हैं
स्मेरवक्त्रा
93
ॐ स्मेरवक्त्रायै नमः।
Om Smeravaktrayai Namah।
जिनके मुख पर मन्दहास है
सुभाषिणी
94
ॐ सुभाषिण्यै नमः।
Om Subhashinyai Namah।
जो मधुरता एवं कोमलता से बोलती हैं
प्रसन्नपद्मवदना
95
ॐ प्रसन्नपद्मवदनायै नमः।
Om Prasannapadmavadanayai Namah।
जिनका मुखमण्डल खिले हुये कमल पुष्प के समान है
स्मितास्या
96
ॐ स्मितास्यायै नमः।
Om Smitasyayai Namah।
जो मुस्कुराती रहती हैं
प्रियभाषिणी
97
ॐ प्रियभाषिण्यै नमः।
Om Priyabhashinyai Namah।
जो प्रेम से संवाद करती हैं
कोटराक्षी
98
ॐ कोटराक्ष्यै नमः।
Om Kotarakshyai Namah।
जो गहरे व कठोर नेत्र वाली हैं
कुलश्रेष्ठा
99
ॐ कुलश्रेष्ठायै नमः।
Om Kulashreshthayai Namah।
जो अपने कुल में सर्वश्रेष्ठ हैं
महती
100
ॐ महत्यै नमः।
Om Mahatyai Namah।
जो सर्वोच्च एवं महान हैं
बहुभाषिणी
101
ॐ बहुभाषिण्यै नमः।
Om Bahubhashinyai Namah।
जिन्हें बहुत सी भाषाओं का ज्ञान है
सुमति
102
ॐ सुमत्यै नमः।
Om Sumatyai Namah।
जो अत्यन्त बुद्धिशाली एवं विवेकी हैं
कुमति
103
ॐ कुमत्यै नमः।
Om Kumatyai Namah।
जो कुमति स्वरूपा हैं
चण्डा
104
ॐ चण्डायै नमः।
Om Chandayai Namah।
जो चण्ड (भगवान शिव) की धर्मपत्नी हैं
चण्डमुण्डा
105
ॐ चण्डमुण्डायै नमः।
Om Chandamundayai Namah।
जो चण्ड-मुण्ड नामक राक्षसों का अन्त करने वाली देवी हैं
अतिवेगिनी
106
ॐ अतिवेगिन्यै नमः।
Om Ativeginyai Namah।
जिनकी गति अत्यधिक तीव्र है
प्रचण्डा
107
ॐ प्रचण्डायै नमः।
Om Prachandayai Namah।
जो अत्यन्त भीषण हैं
चण्डिका
108
ॐ चण्डिकायै नमः।
Om Chandikayai Namah।
जो अति आक्रामक स्वभाव वाली हैं
चण्डी
109
ॐ चण्ड्यै नमः।
Om Chandyai Namah।
जो क्रोधी प्रकृति की हैं
चर्चिका
110
ॐ चर्चिकायै नमः।
Om Charchikayai Namah।
जिनका वेदों में पुनः-पुनः वर्णन प्राप्त होता है
चण्डवेगिनी
111
ॐ चण्डवेगिन्यै नमः।
Om Chandaveginyai Namah।
जो अत्यन्त तीव्र गति एवं चाल वाली हैं
सुकेशी
112
ॐ सुकेश्यै नमः।
Om Sukeshyai Namah।
जिनके केश (बाल) अति सुन्दर हैं
मुक्तकेशी
113
ॐ मुक्तकेश्यै नमः।
Om Muktakeshyai Namah।
जिनके केश खुले हुये हैं
दीर्घकेशी
114
ॐ दीर्घकेश्यै नमः।
Om Dirghakeshyai Namah।
जिनके केश अत्यधिक लम्बे हैं
महत्कचा
115
ॐ महत्कचायै नमः।
Om Mahatkachayai Namah।
जिनके केश अत्यन्त घने हैं
प्रेतदेहाकर्णपूरा
116
ॐ प्रेतदेहाकर्णपूरायै नमः।
Om Pretadehakarnapurayai Namah।
जो प्रेतों को कर्ण कुण्डल के रूप में धारण करती हैं
प्रेतपाणीसुमेखला
117
ॐ प्रेतपाणीसुमेखलायै नमः।
Om Pretapanisumekhalayai Namah।
जो प्रेतों की मेखला (कटिसूत्र) के रूप में धारण करती हैं
प्रेतासना
118
ॐ प्रेतासनायै नमः।
Om Pretasanayai Namah।
जो प्रेतों के आसन पर विराजमान हैं
प्रियप्रेता
119
ॐ प्रियप्रेतायै नमः।
Om Priyapretayai Namah।
जो प्रेतों को प्रिय हैं
प्रेतभूमिकृतालया
120
ॐ प्रेतभूमिकृतालयायै नमः।
Om Pretabhumikritalayayai Namah।
जो प्रेतभूमि में निवास करती हैं
श्मशानवासिनी
121
ॐ श्मशानवासिन्यै नमः।
Om Shmashanavasinyai Namah।
जो श्मशान में निवास करती हैं
पुण्या
122
ॐ पुण्यायै नमः।
Om Punyayai Namah।
जो स्वयं पुण्य स्वरूपा हैं अथवा जो परम पवित्र एवं शुद्ध हैं
पुण्यदा
123
ॐ पुण्यदायै नमः।
Om Punyadayai Namah।
जो पुण्य प्रदान करने वाली हैं
कुलपण्डिता
124
ॐ कुलपण्डितायै नमः।
Om Kulapanditayai Namah।
जो विदुषी हैं
पुण्यालया
125
ॐ पुण्यालयायै नमः।
Om Punyalayayai Namah।
जो समस्त प्रकार के पुण्यों का आश्रय हैं
पुण्यदेहा
126
ॐ पुण्यदेहायै नमः।
Om Punyadehayai Namah।
जो सभी के लिये पूजनीय हैं
पुण्यश्लोकी
127
ॐ पुण्यश्लोक्यै नमः।
Om Punyashlokyai Namah।
विभिन्न श्लोकों में जिनकी महिमा वर्णित है
पावनी
128
ॐ पावन्यै नमः।
Om Pavanyai Namah।
जो विशुद्ध हैं
पुत्रा
129
ॐ पुत्रायै नमः।
Om Putrayai Namah।
जो पुत्रों की माता हैं
पवित्रा
130
ॐ पवित्रायै नमः।
Om Pavitrayai Namah।
जो परम पवित्र हैं
परमा
131
ॐ परमायै नमः।
Om Paramayai Namah।
जो सर्वोच्च हैं
पुरा
132
ॐ पुरायै नमः।
Om Purayai Namah।
जो सृष्टि के आदि से उपस्थित हैं
पुण्यविभूषणा
133
ॐ पुण्यविभूषणायै नमः।
Om Punyavibhushanayai Namah।
समस्त पुण्य जिनके आभूषण के रूप में स्थित हैं
पुण्यनाम्नी
134
ॐ पुण्यनाम्न्यै नमः।
Om Punyanamnyai Namah।
जिनका नाम अत्यन्त पवित्र है
भीतिहरा
135
ॐ भीतिहरायै नमः।
Om Bhitiharayai Namah।
जो भय को हरने वाली हैं
वरदा
136
ॐ वरदायै नमः।
Om Varadayai Namah।
जो वर प्रदान करने वाली हैं
खड्गपाणिनी
137
ॐ खड्गपाणिन्यै नमः।
Om Khadgapaninyai Namah।
जो खड्ग धारण करने वाली हैं
नृमुण्डहस्तशस्ता
138
ॐ नृमुण्डहस्तशस्तायै नमः।
Om Nrimundahastashastayai Namah।
जो हाथ में नरमुण्ड लिये हुये हैं
छिन्नमस्ता
139
ॐ छिन्नमस्तायै नमः।
Om Chhinnamastayai Namah।
जो देवी का मस्तक रहित स्वरूप है
सुनासिका
140
ॐ सुनासिकायै नमः।
Om Sunasikayai Namah।
जिनकी नाक अत्यन्त सुन्दर है
दक्षिणा
141
ॐ दक्षिणायै नमः।
Om Dakshinayai Namah।
जो दक्षिण दिशा की ओर देख रही हैं
श्यामला
142
ॐ श्यामलायै नमः।
Om Shyamalayai Namah।
जो साँवले रंग की हैं
श्यामा
143
ॐ श्यामायै नमः।
Om Shyamayai Namah।
जो नीलवर्ण वाली हैं
शान्ता
144
ॐ शान्तायै नमः।
Om Shantayai Namah।
जो शान्ति स्वरूपा हैं
पीनोन्नतस्तनी
145
ॐ पीनोन्नतस्तन्यै नमः।
Om Pinonnatastanyai Namah।
जो विशाल एवं उभरे स्तन वाली हैं
दिगम्बरा
146
ॐ दिगम्बरायै नमः।
Om Digambarayai Namah।
जो ब्रह्माण्ड को वस्त्र के रूप में धारण करती हैं
घोररावा
147
ॐ घोररावायै नमः।
Om Ghoraravayai Namah।
जो अत्यन्त भीषण गर्जना करती हैं
सृक्कान्ता
148
ॐ सृक्कान्तायै नमः।
Om Srikkantayai Namah।
जिनकी आभा कमल पुष्प के समान है
रक्तवाहिनी
149
ॐ रक्तवाहिन्यै नमः।
Om Raktavahinyai Namah।
जो रक्तरञ्जित स्वरूप वाली हैं
घोररावा
150
ॐ घोररावायै नमः।
Om Ghoraravayai Namah।
जो अत्यन्त भीषण गर्जना करती हैं
शिवा
151
ॐ शिवायै नमः।
Om Shivayai Namah।
जो भगवान शिव की अर्धाङ्गिनी हैं
खड्गा
152
ॐ खड्गायै नमः।
Om Khadgayai Namah।
जो स्वयं खड्ग स्वरूपा हैं
विशङ्का
153
ॐ विशङ्कायै नमः।
Om Vishankayai Namah।
जिन्हें किसी भी प्रकार का भय नहीं है
मदनातुरा
154
ॐ मदनातुरायै नमः।
Om Madanaturayai Namah।
जो मदिरापान हेतु आतुर हैं
मत्ता
155
ॐ मत्तायै नमः।
Om Mattayai Namah।
जो परम उत्साहित एवं आनन्दित हैं
प्रमत्ता
156
ॐ प्रमत्तायै नमः।
Om Pramattayai Namah।
जो विचारशून्य हैं
प्रमदा
157
ॐ प्रमदायै नमः।
Om Pramadayai Namah।
जो चिर यौवना हैं
सुधासिन्धुनिवासिनी
158
ॐ सुधासिन्धुनिवासिन्यै नमः।
Om Sudhasindhunivasinyai Namah।
जो अमृत सागर में निवास करती हैं
अतिमत्ता
159
ॐ अतिमत्तायै नमः।
Om Atimattayai Namah।
जो सम्माननीय हैं
महामत्ता
160
ॐ महामत्तायै नमः।
Om Mahamattayai Namah।
जो उन्मुक्त हैं
सर्वाकर्षणकारिणी
161
ॐ सर्वाकर्षणकारिण्यै नमः।
Om Sarvakarshanakarinyai Namah।
जो सभी को आकर्षित करने वाली हैं
गीतप्रिया
162
ॐ गीतप्रियायै नमः।
Om Gitapriyayai Namah।
जिन्हें गीत प्रिय हैं
वाद्यरता
163
ॐ वाद्यरतायै नमः।
Om Vadyaratayai Namah।
जिन्हें वाद्ययन्त्र प्रिय हैं
प्रेतनृत्यपरायणा
164
ॐ प्रेतनृत्यपरायणायै नमः।
Om Pretanrityaparayanayai Namah।
जिन्हें प्रेतनृत्य प्रिय है
चतुर्भुजा
165
ॐ चतुर्भुजायै नमः।
Om Chaturbhujayai Namah।
जो चार भुजाओं वाली हैं
दशभुजा
166
ॐ दशभुजायै नमः।
Om Dashabhujayai Namah।
जो दस भुजाओं वाली हैं
अष्टादशभुजा
167
ॐ अष्टादशभुजायै नमः।
Om Ashtadashabhujayai Namah।
जो अठारह भुजाओं वाली हैं
कात्यायनी
168
ॐ कात्यायन्यै नमः।
Om Katyayanyai Namah।
जो महर्षि कात्यायन की पुत्री हैं
जगन्माता
169
ॐ जगन्मात्रे नमः।
Om Jaganmatre Namah।
जो सम्पूर्ण सृष्टि को जन्म देने वाली माता हैं
जगती
170
ॐ जगत्यै नमः।
Om Jagatyai Namah।
जो सम्पूर्ण सृष्टि की स्वामिनी हैं
परमेश्वरी
171
ॐ परमेश्वर्यै नमः।
Om Parameshvaryai Namah।
जो समस्त देवी-देवताओं में श्रेष्ठ हैं
जगद्बन्धु
172
ॐ जगद्बन्धवे नमः।
Om Jagadbandhave Namah।
जो सृष्टि की रक्षा करने वाली हैं
जगद्धात्री
173
ॐ जगद्धात्र्यै नमः।
Om Jagaddhatryai Namah।
जो सम्पूर्ण जगत की अधिष्ठात्री देवी हैं
जगदानन्दकारिणी
174
ॐ जगदानन्दकारिण्यै नमः।
Om Jagadanandakarinyai Namah।
जो सम्पूर्ण सृष्टि के आनन्द का कारण हैं
जगन्मयी
175
ॐ जगन्मय्यै नमः।
Om Jaganmayyai Namah।
जिनमें समस्त ब्रह्माण्ड समाहित है
हैमवती
176
ॐ हैमवत्यै नमः।
Om Haimavatyai Namah।
जो स्वर्ण के समान आभा वाली हैं
महामाया
177
ॐ महामायायै नमः।
Om Mahamayayai Namah।
जो स्वयं महामाया के रूप में स्थित हैं
महामहा
178
ॐ महामहायै नमः।
Om Mahamahayai Namah।
जो अत्यधिक शक्तिशाली हैं
नागयज्ञोपवीताङ्गी
179
ॐ नागयज्ञोपवीताङ्ग्यै नमः।
Om Nagayajnopavitangyai Namah।
जो सर्पों को पवित्र सूत्र के रूप में धारण करती हैं
नागिनी
180
ॐ नागिन्यै नमः।
Om Naginyai Namah।
जो नागों की स्वामिनी हैं
नागशायिनी
181
ॐ नागशायिन्यै नमः।
Om Nagashayinyai Namah।
जो नागों पर शयन करती हैं
नागकन्या
182
ॐ नागकन्यायै नमः।
Om Nagakanyayai Namah।
जो नाग की पुत्री हैं
देवकन्या
183
ॐ देवकन्यायै नमः।
Om Devakanyayai Namah।
जो देव की पुत्री हैं
गन्धर्वी
184
ॐ गन्धर्व्यै नमः।
Om Gandharvyai Namah।
जो गन्धर्व विद्या (गीत-संगीत) में पारंगत हैं
किन्नरेश्वरी
185
ॐ किन्नरेश्वर्यै नमः।
Om Kinnareshvaryai Namah।
जो किन्नरों की देवी हैं
मोहरात्रि
186
ॐ मोहरात्र्यै नमः।
Om Moharatryai Namah।
जो मोहरात्रि स्वरूपा हैं (वह प्रलय जो ब्रह्मा के पचास वर्ष बीतने पर होता है)
महारात्रि
187
ॐ महारात्र्यै नमः।
Om Maharatryai Namah।
जो महारात्री स्वरूपा हैं
दारुणा
188
ॐ दारुणायै नमः।
Om Darunayai Namah।
जो अत्यन्त कठोर हैं
भासुराम्बरा
189
ॐ भासुराम्बरायै नमः।
Om Bhasurambarayai Namah।
जो भयावह वस्त्र धारण करती हैं
विद्याधरी
190
ॐ विद्याधर्यै नमः।
Om Vidyadharyai Namah।
जो सभी विद्याओं में पारंगत हैं
वसुमती
191
ॐ वसुमत्यै नमः।
Om Vasumatyai Namah।
जो पृथ्वी के रूप में स्थित हैं
यक्षिणी
192
ॐ यक्षिण्यै नमः।
Om Yakshinyai Namah।
जो स्वयं यक्षिणी स्वरूपा हैं
योगिनी
193
ॐ योगिन्यै नमः।
Om Yoginyai Namah।
जो योग साधना करने वाली हैं
जरा
194
ॐ जरायै नमः।
Om Jarayai Namah।
जो जीर्णता के रूप में स्थित हैं
राक्षसी
195
ॐ राक्षस्यै नमः।
Om Rakshasyai Namah।
जो राक्षसी स्वरूपा हैं
डाकिनी
196
ॐ डाकिन्यै नमः।
Om Dakinyai Namah।
जो डाकिनी स्वरूपा हैं
वेदमयी
197
ॐ वेदमय्यै नमः।
Om Vedamayyai Namah।
समस्त वेद जिनमें समाहित हैं
वेदविभूषणा
198
ॐ वेदविभूषणायै नमः।
Om Vedavibhushanayai Namah।
जो वेदों से अलंकृत हैं
श्रुति
199
ॐ श्रुत्यै नमः।
Om Shrutyai Namah।
जो स्वयं वेद स्वरूपा हैं
स्मृति
200
ॐ स्मृत्यै नमः।
Om Smrityai Namah।
जो स्मृति के रूप में स्थित हैं
महाविद्या
201
ॐ महाविद्यायै नमः।
Om Mahavidyayai Namah।
जो दस महाविद्याओं में से एक हैं
गुह्यविद्या
202
ॐ गुह्यविद्यायै नमः।
Om Guhyavidyayai Namah।
जो रहस्यमय मन्त्रों का गुप्त ज्ञान हैं
पुरातनी
203
ॐ पुरातन्यै नमः।
Om Puratanyai Namah।
जो आदिकाल से उपस्थित हैं
चिन्त्या
204
ॐ चिन्त्यायै नमः।
Om Chintyayai Namah।
जो ध्यान करने योग्य हैं
अचिन्त्या
205
ॐ अचिन्त्यायै नमः।
Om Achintyayai Namah।
जो ध्यान से परे हैं
सुधा
206
ॐ सुधायै नमः।
Om Sudhayai Namah।
जो अमृत स्वरूपा हैं
स्वाहा
207
ॐ स्वाहायै नमः।
Om Svahayai Namah।
जो स्वधा स्वरूपा हैं
निद्रा
208
ॐ निद्रायै नमः।
Om Nidrayai Namah।
जो निद्रा स्वरूपा हैं
तन्द्रा
209
ॐ तन्द्रायै नमः।
Om Tandrayai Namah।
जो तन्द्रा (आलस्य) स्वरूपा हैं
पार्वती
210
ॐ पार्वत्यै नमः।
Om Parvatyai Namah।
जो देवी पार्वती के रूप में स्थित हैं
अपर्णा
211
ॐ अपर्णायै नमः।
Om Aparnayai Namah।
जो व्रत के समय पत्ते तक ग्रहण नहीं करती हैं
निश्चला
212
ॐ निश्चलायै नमः।
Om Nishchalayai Namah।
जो अडिग एवं अटल हैं
लोला
213
ॐ लोलायै नमः।
Om Lolayai Namah।
जो निरन्तर गतिशील हैं
सर्वविद्या
214
ॐ सर्वविद्यायै नमः।
Om Sarvavidyayai Namah।
जो सर्वज्ञता को प्राप्त हैं
तपस्विनी
215
ॐ तपस्विन्यै नमः।
Om Tapasvinyai Namah।
जो निरन्तर तपस्या में लीन रहती हैं
गङ्गा
216
ॐ गङ्गायै नमः।
Om Gangayai Namah।
जो गङ्गा स्वरूपा हैं
काशी
217
ॐ काश्यै नमः।
Om Kashyai Namah।
जो स्वयं काशी के रूप में स्थित हैं
शची
218
ॐ शच्यै नमः।
Om Shachyai Namah।
जो वाणी की शक्ति हैं
सीता
219
ॐ सीतायै नमः।
Om Sitayai Namah।
जो देवी सीता स्वरूपा हैं
सती
220
ॐ सत्यै नमः।
Om Satyai Namah।
जो एक गुणी एवं पतिव्रता पत्नी हैं
सत्यपरायणा
221
ॐ सत्यपरायणायै नमः।
Om Satyaparayanayai Namah।
जिन्हें सत्य प्रिय है
नीति
222
ॐ नीत्यै नमः।
Om Nityai Namah।
जो नैतिकता का मूर्त स्वरूप हैं
सुनीति
223
ॐ सुनीत्यै नमः।
Om Sunityai Namah।
जो अत्यन्त शिष्ट हैं
सुरुचि
224
ॐ सुरुच्यै नमः।
Om Suruchyai Namah।
जो परमानन्द स्वरूपा हैं
तुष्टि
225
ॐ तुष्ट्यै नमः।
Om Tushtyai Namah।
जो नौ प्रकार की तुष्टियों की स्वामिनी हैं
पुष्टि
226
ॐ पुष्ट्यै नमः।
Om Pushtyai Namah।
जो पोषण का मूर्त स्वरूप हैं
धृति
227
ॐ धृत्यै नमः।
Om Dhrityai Namah।
जो साहसी हैं
क्षमा
228
ॐ क्षमायै नमः।
Om Kshamayai Namah।
जो क्षमा स्वरूपा हैं
वाणी
229
ॐ वाण्यै नमः।
Om Vanyai Namah।
जो वाणी के रूप में स्थित हैं
बुद्धि
230
ॐ बुद्ध्यै नमः।
Om Buddhyai Namah।
जो बुद्धि स्वरूपा हैं
महालक्ष्मी
231
ॐ महालक्ष्म्यै नमः।
Om Mahalakshmyai Namah।
जो स्वयं महालक्ष्मी स्वरूपा हैं
लक्ष्मी
232
ॐ लक्ष्म्यै नमः।
Om Lakshmyai Namah।
जो धन-सम्पदा के रूप में स्थित हैं
नीलसरस्वती
233
ॐ नीलसरस्वत्यै नमः।
Om Nilasarasvatyai Namah।
जो देवी नील सरस्वती का स्वरूप हैं
स्रोतस्वती
234
ॐ स्रोतस्वत्यै नमः।
Om Srotasvatyai Namah।
जो नदी के रूप में विद्यमान हैं
सरस्वती
235
ॐ सरस्वत्यै नमः।
Om Sarasvatyai Namah।
जो देवी सरस्वती का स्वरूप हैं
मातङ्गी
236
ॐ मातङ्ग्यै नमः।
Om Matangyai Namah।
जो मातङ्ग (भगवान शिव) की अर्धाङ्गिनी हैं
विजया
237
ॐ विजयायै नमः।
Om Vijayayai Namah।
जो सदैव विजयी होती हैं
जया
238
ॐ जयायै नमः।
Om Jayayai Namah।
जो विजय की देवी हैं
नदी
239
ॐ नद्यै नमः।
Om Nadyai Namah।
जो नदी स्वरूपा हैं
सिन्धु
240
ॐ सिन्धवे नमः।
Om Sindhave Namah।
जो सिन्धु (समुद्र) के रूप में स्थित हैं
सर्वमयी
241
ॐ सर्वमय्यै नमः।
Om Sarvamayyai Namah।
जो सृष्टि में सर्वत्र व्याप्त हैं
तारा
242
ॐ तारायै नमः।
Om Tarayai Namah।
जो संसार सागर से तारने वाली हैं
शून्यनिवासिनी
243
ॐ शून्यनिवासिन्यै नमः।
Om Shunyanivasinyai Namah।
जो अनस्तित्व में निवास करती हैं
शुद्धा
244
ॐ शुद्धायै नमः।
Om Shuddhayai Namah।
जो परम पवित्र हैं
तरङ्गिणी
245
ॐ तरङ्गिण्यै नमः।
Om Taranginyai Namah।
जो नदी के समान तरंगमयी हैं
मेधा
246
ॐ मेधायै नमः।
Om Medhayai Namah।
जो मानसिक शक्ति के रूप में स्थित हैं
लाकिनी
247
ॐ लाकिन्यै नमः।
Om Lakinyai Namah।
जो लाकिनी देवी के रूप में स्थित हैं
बहुरूपिणी
248
ॐ बहुरूपिण्यै नमः।
Om Bahurupinyai Namah।
जिनके अनेकों रूप हैं
स्थूला
249
ॐ स्थूलायै नमः।
Om Sthulayai Namah।
जो मूर्त स्वरूप में स्थित हैं
सूक्ष्मा
250
ॐ सूक्ष्मायै नमः।
Om Sukshmayai Namah।
जो सूक्ष्म रूप में विद्यमान हैं
सूक्ष्मतरा
251
ॐ सूक्ष्मतरायै नमः।
Om Sukshmatarayai Namah।
जो सूक्ष्म से भी अतिसूक्ष्म हैं
भगवती
252
ॐ भगवत्यै नमः।
Om Bhagavatyai Namah।
जो समस्त संसार की स्वामिनी हैं
अनुरूपिणी
253
ॐ अनुरूपिण्यै नमः।
Om Anurupinyai Namah।
जो सृष्टि के अनुरूप हैं
परमाणुस्वरूपा
254
ॐ परमाणुस्वरूपायै नमः।
Om Paramanusvarupayai Namah।
जो परमाणु स्वरूपा हैं
चिदानन्दस्वरूपिणी
255
ॐ चिदानन्दस्वरूपिण्यै नमः।
Om Chidanandasvarupinyai Namah।
जो स्वयं आनन्द स्वरूपा हैं
सदानन्दमयी
256
ॐ सदानन्दमय्यै नमः।
Om Sadanandamayyai Namah।
जो सदैव आनन्दमग्न रहती हैं
सत्या
257
ॐ सत्यायै नमः।
Om Satyayai Namah।
जो सत्य स्वरूपा हैं
सर्वानन्दस्वरूपिणी
258
ॐ सर्वानन्दस्वरूपिण्यै नमः।
Om Sarvanandasvarupinyai Namah।
जो समस्त प्रकार के आनन्द का मूर्त रूप हैं
सुनन्दा
259
ॐ सुनन्दायै नमः।
Om Sunandayai Namah।
जो आनन्द प्रदान करने वाली हैं
नन्दिनी
260
ॐ नन्दिन्यै नमः।
Om Nandinyai Namah।
जो प्रसन्न हैं
स्तुत्या
261
ॐ स्तुत्यायै नमः।
Om Stutyayai Namah।
जो स्तुति करने योग्य हैं
स्तवनीयस्वभाविनी
262
ॐ स्तवनीयस्वभाविन्यै नमः।
Om Stavaniyasvabhavinyai Namah।
जिनका स्वभाव प्रशंसनीय है
रङ्गिणी
263
ॐ रङ्गिण्यै नमः।
Om Ranginyai Namah।
जो युद्धभूमि की देवी हैं
टङ्किनी
264
ॐ टङ्किन्यै नमः।
Om Tankinyai Namah।
जो टङ्कार के रूप में स्थित हैं
चित्रा
265
ॐ चित्रायै नमः।
Om Chitrayai Namah।
जो विविध कलाओं के रूप में स्थित हैं
विचित्रा
266
ॐ विचित्रायै नमः।
Om Vichitrayai Namah।
जो अत्यन्त भव्य हैं
चित्ररूपिणी
267
ॐ चित्ररूपिण्यै नमः।
Om Chitrarupinyai Namah।
जो कला के विभिन्न अंगों में समाहित हैं
पद्मा
268
ॐ पद्मायै नमः।
Om Padmayai Namah।
जो कमल वर्ण वाली हैं
पद्मालया
269
ॐ पद्मालयायै नमः।
Om Padmalayayai Namah।
जो कमल पुष्प में वास करती हैं
पद्ममुखी
270
ॐ पद्ममुख्यै नमः।
Om Padmamukhyai Namah।
जिनका मुख कमल के समान है
पद्मविभूषणा
271
ॐ पद्मविभूषणायै नमः।
Om Padmavibhushanayai Namah।
जो कमल पुष्पों से अलंकृत हैं
डाकिनी
272
ॐ डाकिन्यै नमः।
Om Dakinyai Namah।
जो डाकिणी स्वरूपा हैं
शाकिनी
273
ॐ शाकिन्यै नमः।
Om Shakinyai Namah।
जो शाकिनी स्वरूपा हैं
क्षान्ता
274
ॐ क्षान्तायै नमः।
Om Kshantayai Namah।
जो धैर्य स्वरूपा हैं
राकिणी
275
ॐ राकिण्यै नमः।
Om Rakinyai Namah।
जो योगिनी राकिणी के समान हैं
रुधिरप्रिया
276
ॐ रुधिरप्रियायै नमः।
Om Rudhirapriyayai Namah।
जिन्हें रक्त प्रिय है
भ्रान्ति
277
ॐ भ्रान्त्यै नमः।
Om Bhrantyai Namah।
जो भ्रम के रूप में स्थित हैं
भवानी
278
ॐ भवान्यै नमः।
Om Bhavanyai Namah।
जो भव (शिव जी) की अर्धाङ्गिनी हैं
रुद्राणी
279
ॐ रुद्राण्यै नमः।
Om Rudranyai Namah।
जो शिव जी के रुद्र रूप की अर्धाङ्गिनी हैं
मृडानी
280
ॐ मृडान्यै नमः।
Om Mridanyai Namah।
जो भगवान भोलेनाथ के मृडा रूप की अर्धाङ्गिनी हैं
शत्रुमर्दिनी
281
ॐ शत्रुमर्दिन्यै नमः।
Om Shatrumardinyai Namah।
जो शत्रुओं का नाश करने वाली हैं
उपेन्द्राणी
282
ॐ उपेन्द्राण्यै नमः।
Om Upendranyai Namah।
जो भगवान विष्णु की शक्ति हैं
महेन्द्राणी
283
ॐ महेन्द्राण्यै नमः।
Om Mahendranyai Namah।
जो भगवान शिव की शक्ति हैं
ज्योत्स्ना
284
ॐ ज्योत्स्नायै नमः।
Om Jyotsnayai Namah।
जिनकी चन्द्रमा के समान आभा है
चन्द्रस्वरूपिणी
285
ॐ चन्द्रस्वरूपिण्यै नमः।
Om Chandrasvarupinyai Namah।
जिनका रूप चन्द्र के समान है
सूर्यात्मिका
286
ॐ सूर्यात्मिकायै नमः।
Om Suryatmikayai Namah।
जिनमें सूर्य के समान आत्मतेज है
रुद्रपत्नी
287
ॐ रुद्रपत्न्यै नमः।
Om Rudrapatnyai Namah।
जो भगवान रुद्र (भगवान शिव) की धर्मपत्नी हैं
रौद्री
288
ॐ रौद्र्यै नमः।
Om Raudryai Namah।
जो रुद्र की शक्ति हैं
स्त्री
289
ॐ स्त्रियै नमः।
Om Striyai Namah।
जो स्त्री स्वरूप में स्थित हैं
प्रकृति
290
ॐ प्रकृत्यै नमः।
Om Prakrityai Namah।
जो स्वयं प्रकृति स्वरूपा हैं
पुमान्
291
ॐ पुंसे नमः।
Om Pumse Namah।
जो पुरुष स्वरूपा हैं
शक्ति
292
ॐ शक्त्यै नमः।
Om Shaktyai Namah।
जो शक्ति के रूप में स्थित हैं
मुक्ति
293
ॐ मुक्त्यै नमः।
Om Muktyai Namah।
जो स्वयं मुक्ति स्वरूपा हैं
मति
294
ॐ मत्यै नमः।
Om Matyai Namah।
जो मति (बुद्धि) स्वरूपा हैं
माता
295
ॐ मात्रे नमः।
Om Matre Namah।
जो मात्रा के रूप में स्थित हैं
भक्ति
296
ॐ भक्त्यै नमः।
Om Bhaktyai Namah।
जो भक्ति स्वरूपा हैं
मुक्ति
297
ॐ मुक्त्यै नमः।
Om Muktyai Namah।
जो मुक्ति स्वरूपा हैं
पतिव्रता
298
ॐ पतिव्रतायै नमः।
Om Pativratayai Namah।
जो पतिव्रता हैं
सर्वेश्वरी
299
ॐ सर्वेश्वर्यै नमः।
Om Sarveshvaryai Namah।
जो समस्त देवी-देवताओं की पूजनीय हैं
सर्वमाता
300
ॐ सर्वमात्रे नमः।
Om Sarvamatre Namah।
जो सम्पूर्ण सृष्टि स्वरूपा हैं
शर्वाणी
301
ॐ शर्वाण्यै नमः।
Om Sharvanyai Namah।
जो भगवान शिव की पत्नी हैं
हरवल्लभा
302
ॐ हरवल्लभायै नमः।
Om Haravallabhayai Namah।
जो भगवान शिव को प्रिय हैं
सर्वज्ञा
303
ॐ सर्वज्ञायै नमः।
Om Sarvajnayai Namah।
जो सर्वज्ञा हैं
सिद्धिदा
304
ॐ सिद्धिदायै नमः।
Om Siddhidayai Namah।
जो सिद्धि प्रदान करने वाली हैं
सिद्धा
305
ॐ सिद्धायै नमः।
Om Siddhayai Namah।
जो स्वयं सिद्धि स्वरूपा हैं
भव्याभव्या
306
ॐ भव्याभव्यायै नमः।
Om Bhavyabhavyayai Namah।
जो महान एवं वैभवशाली हैं
भयापहा
307
ॐ भयापहायै नमः।
Om Bhayapahayai Namah।
जो भय का नाश करती हैं
कर्त्री
308
ॐ कर्त्र्यै नमः।
Om Kartryai Namah।
जो सृजन करने वाली हैं
हर्त्री
309
ॐ हर्त्र्यै नमः।
Om Hartryai Namah।
जो विनाश करने वाली हैं
पालयित्री
310
ॐ पालयित्र्यै नमः।
Om Palayitryai Namah।
जो पालन करने वाली हैं
शर्वरी
311
ॐ शर्वर्यै नमः।
Om Sharvaryai Namah।
जो रात्रि स्वरूपा हैं
तामसी
312
ॐ तामस्यै नमः।
Om Tamasyai Namah।
जो तमोगुण से युक्त हैं
दया
313
ॐ दयायै नमः।
Om Dayayai Namah।
जो दया का मूर्त स्वरूप हैं
तमिस्रातामसी
314
ॐ तमिस्रातामस्यै नमः।
Om Tamisratamasyai Namah।
जो घोर अन्धकार के रूप में स्थित हैं
स्थास्नु
315
ॐ स्थास्नवे नमः।
Om Sthasnave Namah।
जो स्थायी हैं
स्थिरा
316
ॐ स्थिरायै नमः।
Om Sthirayai Namah।
जो अचल हैं
धीरा
317
ॐ धीरायै नमः।
Om Dhirayai Namah।
जो दृढ़ निश्चयी हैं
तपस्विनी
318
ॐ तपस्विन्यै नमः।
Om Tapasvinyai Namah।
जो निरन्तर तपस्या में लीन रहती हैं
चार्वङ्गी
319
ॐ चार्वङ्ग्यै नमः।
Om Charvangyai Namah।
जो उत्तम देह वाली हैं
चञ्चला
320
ॐ चञ्चलायै नमः।
Om Chanchalayai Namah।
जो अस्थिर स्वभाव वाली हैं
लोलजिह्वा
321
ॐ लोलजिह्वायै नमः।
Om Lolajihvayai Namah।
जिनकी जिह्वा (जीभ) बाहर निकली है
चारुचरित्रिणी
322
ॐ चारुचरित्रिण्यै नमः।
Om Charucharitrinyai Namah।
जिनका चरित्र चन्द्रमा के समान निर्मल है
त्रपा
323
ॐ त्रपायै नमः।
Om Trapayai Namah।
जो ख्याति स्वरूपा हैं
त्रपावती
324
ॐ त्रपावत्यै नमः।
Om Trapavatyai Namah।
जो अत्यन्त प्रसिद्ध हैं
लज्जा
325
ॐ लज्जायै नमः।
Om Lajjayai Namah।
जो लज्जा स्वरूपा हैं
विलज्जा
326
ॐ विलज्जायै नमः।
Om Vilajjayai Namah।
जो लज्जा रहित हैं
हरयौवती
327
ॐ हरयौवत्यै नमः।
Om Harayauvatyai Namah।
जो भगवान शिव की संगिनी हैं
सत्यवती
328
ॐ सत्यवत्यै नमः।
Om Satyavatyai Namah।
जो सम्पूर्ण अस्तित्व की स्वामिनी हैं
धर्मनिष्ठा
329
ॐ धर्मनिष्ठायै नमः।
Om Dharmanishthayai Namah।
जो धर्म के पथ पर चलने वाली हैं
श्रेष्ठा
330
ॐ श्रेष्ठायै नमः।
Om Shreshthayai Namah।
जो संसार में सर्वश्रेष्ठ हैं
निष्ठुरवादिनी
331
ॐ निष्ठुरवादिन्यै नमः।
Om Nishthuravadinyai Namah।
जो कठोर संगीतज्ञा हैं
गरिष्ठा
332
ॐ गरिष्ठायै नमः।
Om Garishthayai Namah।
जो परम आदरणीय हैं
दुष्टसंहन्त्री
333
ॐ दुष्टसंहन्त्र्यै नमः।
Om Dushtasamhantryai Namah।
जो दुष्टों का संहार करने वाली हैं
विशिष्टा
334
ॐ विशिष्टायै नमः।
Om Vishishtayai Namah।
जो विलक्षण हैं
श्रेयसी
335
ॐ श्रेयस्यै नमः।
Om Shreyasyai Namah।
जो सर्वाधिक सुन्दर हैं
घृणा
336
ॐ घृणायै नमः।
Om Ghrinayai Namah।
जो घृणा के रूप में स्थित हैं
भीमा
337
ॐ भीमायै नमः।
Om Bhimayai Namah।
जो अद्भुत हैं
भयानका
338
ॐ भयानकायै नमः।
Om Bhayanakayai Namah।
जो विकराल हैं
भीमनादिनी
339
ॐ भीमनादिन्यै नमः।
Om Bhimanadinyai Namah।
जो घोर गर्जना करने वाली हैं
भी
340
ॐ भिये नमः।
Om Bhiye Namah।
जो विनाश करने वाली हैं
प्रभावती
341
ॐ प्रभावत्यै नमः।
Om Prabhavatyai Namah।
जो अत्यन्त ओजपूर्ण हैं
वागीश्वरी
342
ॐ वागीश्वर्यै नमः।
Om Vagishvaryai Namah।
जो वाणी एवं भाषा की देवी हैं
श्री
343
ॐ श्रिये नमः।
Om Shriye Namah।
जो सम्पत्ति एवं सौभाग्य की देवी हैं
यमुना
344
ॐ यमुनायै नमः।
Om Yamunayai Namah।
जो यमुना स्वरूपा हैं
यज्ञकर्त्री
345
ॐ यज्ञकर्त्र्यै नमः।
Om Yajnakartryai Namah।
जो यज्ञ करने वाली हैं
यजुःप्रिया
346
ॐ यजुःप्रियायै नमः।
Om Yajuhpriyayai Namah।
जिन्हें यज्ञ प्रिय हैं
ऋक्सामाथर्वनिलया
347
ॐ ऋक्सामाथर्वनिलयायै नमः।
Om Riksamatharvanilayayai Namah।
जो वेद स्वरूपा हैं
रागिणी
348
ॐ रागिण्यै नमः।
Om Raginyai Namah।
जो संगीत के रूप में स्थित हैं
शोभना
349
ॐ शोभनायै नमः।
Om Shobhanayai Namah।
जो अत्यन्त रूपवती एवं गुणवती हैं
सुरा
350
ॐ सुरायै नमः।
Om Surayai Namah।
जो मद्य स्वरूपा अथवा मधु स्वरूपा हैं
कलकण्ठी
351
ॐ कलकण्ठ्यै नमः।
Om Kalakanthyai Namah।
जिनका कण्ठ कोयल के समान मधुर है
कम्बुकण्ठी
352
ॐ कम्बुकण्ठ्यै नमः।
Om Kambukanthyai Namah।
जिनका गला शंख के समान है
वेणुवीणापरायणा
353
ॐ वेणुवीणापरायणायै नमः।
Om Venuvinaparayanayai Namah।
जिन्हें वीणा वादन अत्यन्त प्रिय है
वंशिनी
354
ॐ वंशिन्यै नमः।
Om Vamshinyai Namah।
समस्त संसार जिनका वंश है
वैष्णवी
355
ॐ वैष्णव्यै नमः।
Om Vaishnavyai Namah।
जो माता वैष्णवी के रूप में स्थित हैं
स्वच्छा
356
ॐ स्वच्छायै नमः।
Om Svachchhayai Namah।
जो अत्यधिक स्वच्छ हैं
धात्री
357
ॐ धात्र्यै नमः।
Om Dhatryai Namah।
जो सम्पूर्ण सृष्टि की माता हैं
त्रिजगदीश्वरी
358
ॐ त्रिजगदीश्वर्यै नमः।
Om Trijagadishvaryai Namah।
जो तीनों लोकों की देवी हैं
मधुमती
359
ॐ मधुमत्यै नमः।
Om Madhumatyai Namah।
जो मधुमती स्वरूपा हैं
कुण्डलिनी
360
ॐ कुण्डलिन्यै नमः।
Om Kundalinyai Namah।
जो कुण्डलिनी के रूप में स्थित हैं
ऋद्धि
361
ॐ ऋद्ध्यै नमः।
Om Riddhyai Namah।
जो ऋद्धि स्वरूपा हैं
शुद्धि
362
ॐ शुद्ध्यै नमः।
Om Shuddhyai Namah।
जो अत्यन्त शुद्ध हैं
शुचिस्मिता
363
ॐ शुचिस्मितायै नमः।
Om Shuchismitayai Namah।
जिनके मुख पर सुन्दर मुस्कान है
रम्भोर्वशीरतीरामा
364
ॐ रम्भोर्वशीरतीरामायै नमः।
Om Rambhorvashiratiramayai Namah।
जो रम्भा, उर्वशी, रति, रमा आदि अप्सराओं के रूप में स्थित हैं
रोहिणी
365
ॐ रोहिण्यै नमः।
Om Rohinyai Namah।
जो रोहिणी नक्षत्र के रूप में स्थित हैं
रेवती
366
ॐ रेवत्यै नमः।
Om Revatyai Namah।
जो रेवती नक्षत्र के रूप में स्थित हैं
मघा
367
ॐ मघायै नमः।
Om Maghayai Namah।
जो मघा नक्षत्र के रूप में स्थित हैं
शङ्खिनी
368
ॐ शङ्खिन्यै नमः।
Om Shankhinyai Namah।
जो शंख धारण करती हैं
चक्रिणी
369
ॐ चक्रिण्यै नमः।
Om Chakrinyai Namah।
जो चक्र धारण करती हैं
कृष्णा
370
ॐ कृष्णायै नमः।
Om Krishnayai Namah।
जो कृष्ण (काले-नीले) वर्ण की हैं
गदिनी
371
ॐ गदिन्यै नमः।
Om Gadinyai Namah।
जो गदा धारण करती हैं
पद्मिनी
372
ॐ पद्मिन्यै नमः।
Om Padminyai Namah।
जो कमलपुष्प धारण करती हैं
शूलिनी
373
ॐ शूलिन्यै नमः।
Om Shulinyai Namah।
जो त्रिशूल धारण करती हैं
परिघास्त्रा
374
ॐ परिघास्त्रायै नमः।
Om Parighastrayai Namah।
जो परिघ अस्त्र (लोहे का एक विशेष अस्त्र) धारण करती हैं
पाशिनी
375
ॐ पाशिन्यै नमः।
Om Pashinyai Namah।
जो हाथ में पाश लिये रहती हैं
शार्ङ्गपाणिनी
376
ॐ शार्ङ्गपाणिन्यै नमः।
Om Sharngapaninyai Namah।
जो शार्ङ्ग नामक धनुष धारण करती हैं
पिनाकधारिणी
377
ॐ पिनाकधारिण्यै नमः।
Om Pinakadharinyai Namah।
जो पिनाक नामक धनुष धारण करती हैं
धूम्रा
378
ॐ धूम्रायै नमः।
Om Dhumrayai Namah।
जो धूम्र वर्ण की हैं
सुरभी
379
ॐ सुरभ्यै नमः।
Om Surabhyai Namah।
जो मधुर एवं मित्रवत हैं
वनमालिनी
380
ॐ वनमालिन्यै नमः।
Om Vanamalinyai Namah।
जो वनमाला धारण करती हैं
रथिनी
381
ॐ रथिन्यै नमः।
Om Rathinyai Namah।
जो रथ पर आरूढ़ है
समरप्रीता
382
ॐ समरप्रीतायै नमः।
Om Samarapritayai Namah।
जिन्हें युद्ध प्रिय हैं
वेगिनी
383
ॐ वेगिन्यै नमः।
Om Veginyai Namah।
जो अत्यन्त तीव्र वेग वाली हैं
रणपण्डिता
384
ॐ रणपण्डितायै नमः।
Om Ranapanditayai Namah।
जिन्हें समस्त रण कौशल का ज्ञान है
जटिनी
385
ॐ जटिन्यै नमः।
Om Jatinyai Namah।
जो जटा धारण करती हैं
वज्रिणी
386
ॐ वज्रिण्यै नमः।
Om Vajrinyai Namah।
जो वज्र के समान कठोर हैं
नीललावण्याम्बुधिचन्द्रिका
387
ॐ नीललावण्याम्बुधिचन्द्रिकायै नमः।
Om Nilalavanyambudhichandrikayai Namah।
जो नीलसागर के समान कान्ति वाली हैं
बलिप्रिया
388
ॐ बलिप्रियायै नमः।
Om Balipriyayai Namah।
जिन्हें बलि प्रिय हैं
सदापूज्या
389
ॐ सदापूज्यायै नमः।
Om Sadapujyayai Namah।
जो सदैव पूजनीय हैं
दैत्येन्द्रमथिनी
390
ॐ दैत्येन्द्रमथिन्यै नमः।
Om Daityendramathinyai Namah।
जो दैत्यों के नायक का अन्त करने वाली हैं
महिषासुरसंहर्त्री
391
ॐ महिषासुरसंहर्त्र्यै नमः।
Om Mahishasurasamhartryai Namah।
जो महिषासुर का संहार करने वाली हैं
कामिनी
392
ॐ कामिन्यै नमः।
Om Kaminyai Namah।
जो अत्यन्त स्नेहमयी हैं
रक्तदन्तिका
393
ॐ रक्तदन्तिकायै नमः।
Om Raktadantikayai Namah।
जिनके दाँत रक्तरञ्जित हैं
रक्तपा
394
ॐ रक्तपायै नमः।
Om Raktapayai Namah।
जो रक्तपान करने वाली हैं
रुधिराक्ताङ्गी
395
ॐ रुधिराक्ताङ्ग्यै नमः।
Om Rudhiraktangyai Namah।
जिनके सम्पूर्ण अंग रक्तरञ्जित हैं
रक्तखर्परधारिणी
396
ॐ रक्तखर्परधारिण्यै नमः।
Om Raktakharparadharinyai Namah।
जो रक्त से भरा हुआ खप्पर धारण करती हैं
रक्तप्रिया
397
ॐ रक्तप्रियायै नमः।
Om Raktapriyayai Namah।
जिन्हें रक्त अतिप्रिय है
मांसरुचिरा
398
ॐ मांसरुचये नमः।
Om Mamsaruchaye Namah।
जिन्हें मांस प्रिय है
वासवासक्तमानसा
399
ॐ वासवासक्तमानसायै नमः।
Om Vasavasaktamanasayai Namah।
जो इन्द्र के मन को आकर्षित करने वाली हैं
गलच्छोणितमुण्डाली
400
ॐ गलच्छोणितमुण्डाल्यै नमः।
Om Galachchhonitamundalyai Namah।
जो गले में मुण्डमाला धारण करती हैं
कण्ठमालाविभूषणा
401
ॐ कण्ठमालाविभूषणायै नमः।
Om Kanthamalavibhushanayai Namah।
जिनका कण्ठ मालाओं से सुशोभित है
शवासना
402
ॐ शवासनायै नमः।
Om Shavasanayai Namah।
जो श्वास के रूप में स्थित हैं
चितान्तस्स्था
403
ॐ चितान्तस्स्थायै नमः।
Om Chitantassthayai Namah।
जो चिता पर सवार हैं
माहेशी
404
ॐ माहेश्यै नमः।
Om Maheshyai Namah।
जो भगवान महेश (शिव) की शक्ति हैं
वृषवाहिनी
405
ॐ वृषवाहिन्यै नमः।
Om Vrishavahinyai Namah।
जो नन्दी की सवारी करती हैं
व्याघ्रत्वगम्बरा
406
ॐ व्याघ्रत्वगम्बरायै नमः।
Om Vyaghratvagambarayai Namah।
जो बाघ चर्म धारण करती हैं
चीनचैलिनी
407
ॐ चीनचैलिन्यै नमः।
Om Chinachailinyai Namah।
जो हिरण की भाँति तीव्र चाल वाली हैं
सिंहवाहिनी
408
ॐ सिंहवाहिन्यै नमः।
Om Simhavahinyai Namah।
जो सिंह की सवारी करने वाली हैं
वामदेवी
409
ॐ वामदेव्यै नमः।
Om Vamadevyai Namah।
जो वाम मार्ग की देवी हैं
महादेवी
410
ॐ महादेव्यै नमः।
Om Mahadevyai Namah।
जो सर्वश्रेष्ठ हैं
गौरी
411
ॐ गौर्यै नमः।
Om Gauryai Namah।
जो गौर वर्ण की हैं
सर्वज्ञभामिनी
412
ॐ सर्वज्ञभामिन्यै नमः।
Om Sarvajnabhaminyai Namah।
जो सर्वज्ञ स्त्री स्वरूप में स्थित हैं
बालिका
413
ॐ बालिकायै नमः।
Om Balikayai Namah।
जो बालिका स्वरूप में स्थित हैं
तरुणी
414
ॐ तरुण्यै नमः।
Om Tarunyai Namah।
जो तरुण युवती के रूप में स्थित हैं
वृद्धा
415
ॐ वृद्धायै नमः।
Om Vriddhayai Namah।
जो वृद्ध स्त्री के रूप में स्थित हैं
वृद्धमाता
416
ॐ वृद्धमात्रे नमः।
Om Vriddhamatre Namah।
जो सम्पत्ति में वृद्धि करने वाली हैं
जरातुरा
417
ॐ जरातुरायै नमः।
Om Jaraturayai Namah।
जो जर्जर स्वरूप में हैं
सुभ्रू
418
ॐ सुभ्रुवे नमः।
Om Subhruve Namah।
जिनकी भौहें अत्यन्त सुन्दर हैं
विलासिनी
419
ॐ विलासिन्यै नमः।
Om Vilasinyai Namah।
जो आकर्षक एवं उन्मुक्त हैं
ब्रह्मवादिनी
420
ॐ ब्रह्मवादिन्यै नमः।
Om Brahmavadinyai Namah।
जो वेदों की रक्षा एवं व्याख्या करती हैं
ब्राह्मणी
421
ॐ ब्राह्मण्यै नमः।
Om Brahmanyai Namah।
जो ब्राह्मणी के रूप में स्थित हैं
सती
422
ॐ सत्यै नमः।
Om Satyai Namah।
जो सत्य स्वरूपा हैं
सुप्तवती
423
ॐ सुप्तवत्यै नमः।
Om Suptavatyai Namah।
जो निद्रा स्वरूपा हैं
चित्रलेखा
424
ॐ चित्रलेखायै नमः।
Om Chitralekhayai Namah।
जो संसार की रचना करने वाली हैं
लोपामुद्रा
425
ॐ लोपामुद्रायै नमः।
Om Lopamudrayai Namah।
जो देवी लोपमुद्रा के रूप में स्थित हैं
सुरेश्वरी
426
ॐ सुरेश्वर्यै नमः।
Om Sureshvaryai Namah।
जो देवों की अधिष्ठात्री देवी हैं
अमोघा
427
ॐ अमोघायै नमः।
Om Amoghayai Namah।
जो अचूक हैं तथा कभी निष्फल नहीं होती हैं
अरुन्धती
428
ॐ अरुन्धत्यै नमः।
Om Arundhatyai Namah।
जो देवी अरुन्धती के रूप में स्थित हैं
तीक्ष्णा
429
ॐ तीक्ष्णायै नमः।
Om Tikshnayai Namah।
जो तीक्ष्ण स्वभाव वाली हैं
भोगवती
430
ॐ भोगवत्यै नमः।
Om Bhogavatyai Namah।
जो धन-वैभव से युक्त हैं
अनुरागिणी
431
ॐ अनुरागिण्यै नमः।
Om Anuraginyai Namah।
जो स्वयं संगीत स्वरूपा हैं
मन्दाकिनी
432
ॐ मन्दाकिन्यै नमः।
Om Mandakinyai Namah।
जो आकाशगंगा के रूप में विद्यमान हैं
मन्दहासा
433
ॐ मन्दहासायै नमः।
Om Mandahasayai Namah।
जिनके मुखमण्डल पर मन्द-मन्द मुस्कान है
ज्वालामुखी
434
ॐ ज्वालामुख्यै नमः।
Om Jvalamukhyai Namah।
जिनके मुख से ज्वाला प्रकट होती है
असुरान्तका
435
ॐ असुरान्तकायै नमः।
Om Asurantakayai Namah।
जो असुरों का अन्त करने वाली हैं
मानदा
436
ॐ मानदायै नमः।
Om Manadayai Namah।
जो मान-सम्मान प्रदान करने वाली हैं
मानिनीमान्या
437
ॐ मानिनीमान्यायै नमः।
Om Maninimanyayai Namah।
जो सम्मानीयों द्वारा भी पूजनीय हैं
माननीया
438
ॐ माननीयायै नमः।
Om Mananiyayai Namah।
जो सम्पूर्ण सृष्टि द्वारा सम्मानीय हैं
मदातुरा
439
ॐ मदातुरायै नमः।
Om Madaturayai Namah।
जो मद से युक्त हैं
मदिरा
440
ॐ मदिरायै नमः।
Om Madirayai Namah।
जो मदिरा के रूप में स्थित हैं
मेदुरा
441
ॐ मेदुरायै नमः।
Om Medurayai Namah।
जो घनघोर हैं
उन्मादा
442
ॐ उन्मादायै नमः।
Om Unmadayai Namah।
जो उन्माद युक्त हैं
मेध्या
443
ॐ मेध्यायै नमः।
Om Medhyayai Namah।
जो पराक्रमी एवं शूरवीर हैं
साध्या
444
ॐ साध्यायै नमः।
Om Sadhyayai Namah।
जो परम लक्ष्य हैं
प्रसादिनी
445
ॐ प्रसादिन्यै नमः।
Om Prasadinyai Namah।
जो दयालु हैं
सुमध्या
446
ॐ सुमध्यायै नमः।
Om Sumadhyayai Namah।
जिनकी कमर अति सुन्दर है
अनन्तगुणिनी
447
ॐ अनन्तगुणिन्यै नमः।
Om Anantaguninyai Namah।
जो अनन्त गुणों की धनी हैं
सर्वलोकोत्तमोत्तमा
448
ॐ सर्वलोकोत्तमोत्तमायै नमः।
Om Sarvalokottamottamayai Namah।
जो समस्त लोकों में सर्वोत्तम हैं
जयदा
449
ॐ जयदायै नमः।
Om Jayadayai Namah।
जो विजय प्रदान करने वाली हैं
जित्वरा
450
ॐ जित्वरायै नमः।
Om Jitvarayai Namah।
जो सभी को अधीन करने वाली अथवा वश में करने वाली हैं
जैत्री
451
ॐ जैत्र्यै नमः।
Om Jaitryai Namah।
जो सदा विजयी हैं
जयश्री
452
ॐ जयश्रिये नमः।
Om Jayashriye Namah।
जो विजय की देवी हैं
जयशालिनी
453
ॐ जयशालिन्यै नमः।
Om Jayashalinyai Namah।
जो विजय धारण करने वाली हैं
सुखदा
454
ॐ सुखदायै नमः।
Om Sukhadayai Namah।
जो सुख प्रदान करने वाली हैं
शुभदा
455
ॐ शुभदायै नमः।
Om Shubhadayai Namah।
जो शुभता प्रदान करने वाली हैं
सत्या
456
ॐ सत्यायै नमः।
Om Satyayai Namah।
जो सत्यता प्रदान करने वाली हैं
सखी
457
ॐ सख्यै नमः।
Om Sakhyai Namah।
जो सदैव निकट रहती हैं
सङ्क्षोभकारिणी
458
ॐ सङ्क्षोभकारिण्यै नमः।
Om Sankshobhakarinyai Namah।
जो उपद्रव करने वाली हैं
शिवदूती
459
ॐ शिवदूत्यै नमः।
Om Shivadutyai Namah।
जो भगवान शिव की दूती हैं
भूतिमती
460
ॐ भूतिमत्यै नमः।
Om Bhutimatyai Namah।
जो कल्याण करने वाली हैं
विभूति
461
ॐ विभूत्यै नमः।
Om Vibhutyai Namah।
जो भस्म स्वरूपा हैं
भूषणानना
462
ॐ भूषणाननायै नमः।
Om Bhushanananayai Namah।
जो विकराल मुखमण्डल वाली हैं
कौमारी
463
ॐ कौमार्यै नमः।
Om Kaumaryai Namah।
जो सप्तमातृकाओं में से एक हैं
कुलजा
464
ॐ कुलजायै नमः।
Om Kulajayai Namah।
जो उत्तम कुल से हैं
कुन्ती
465
ॐ कुन्त्यै नमः।
Om Kuntyai Namah।
जो ब्राह्मण पत्नी हैं
कुलस्त्रीकुलपालिका
466
ॐ कुलस्त्रीकुलपालिकायै नमः।
Om Kulastrikulapalikayai Namah।
जो कुल का पालन करने वाली हैं
कीर्ति
467
ॐ कीर्त्यै नमः।
Om Kirtyai Namah।
जो स्वयं कीर्ति स्वरूपा हैं
यशस्विनी
468
ॐ यशस्विन्यै नमः।
Om Yashasvinyai Namah।
जो अलौकिक हैं
भूषा
469
ॐ भूषायै नमः।
Om Bhushayai Namah।
जो स्वयं आभूषण स्वरूपा हैं
भूष्ठा
470
ॐ भूष्ठायै नमः।
Om Bhushthayai Namah।
जो अलंकृत हैं
भूतपतिप्रिया
471
ॐ भूतपतिप्रियायै नमः।
Om Bhutapatipriyayai Namah।
जो भूतपति (भगवान शिव) को अतिप्रिय हैं
सुगुणा
472
ॐ सुगुणायै नमः।
Om Sugunayai Namah।
जो सगुण साकार रूप में स्थित हैं
निर्गुणा
473
ॐ निर्गुणायै नमः।
Om Nirgunayai Namah।
जो निर्गुण निराकार रूप में स्थित हैं
अधिष्ठा
474
ॐ अधिष्ठायै नमः।
Om Adhishthayai Namah।
जो सम्पूर्ण सृष्टि की अधिष्ठात्री देवी हैं
निष्ठा
475
ॐ निष्ठायै नमः।
Om Nishthayai Namah।
जो स्वयं निष्ठा स्वरूपा हैं
काष्ठा
476
ॐ काष्ठायै नमः।
Om Kashthayai Namah।
जो सर्वोच्च एवं सर्वशक्तिशाली हैं
प्रकाशिनी
477
ॐ प्रकाशिन्यै नमः।
Om Prakashinyai Namah।
जो अत्यधिक देदीप्यमान हैं
धनिष्ठा
478
ॐ धनिष्ठायै नमः।
Om Dhanishthayai Namah।
जो समस्त धन-सम्पत्ति की स्वामिनी हैं
धनदा
479
ॐ धनदायै नमः।
Om Dhanadayai Namah।
जो धन-सम्पत्ति प्रदान करने वाली हैं
धन्या
480
ॐ धन्यायै नमः।
Om Dhanyayai Namah।
जो कृतज्ञता का मूर्त रूप हैं
वसुधा
481
ॐ वसुधायै नमः।
Om Vasudhayai Namah।
जो स्वयं पृथ्वी के रूप में स्थित हैं
सुप्रकाशिनी
482
ॐ सुप्रकाशिन्यै नमः।
Om Suprakashinyai Namah।
जो अपने तेज से प्रकाशित होने वाली हैं
उर्वीगुर्वी
483
ॐ उर्वीगुर्व्यै नमः।
Om Urvigurvyai Namah।
जो तीनों लोकों का आधार हैं
गुरुश्रेष्ठा
484
ॐ गुरुश्रेष्ठायै नमः।
Om Gurushreshthayai Namah।
जो समस्त गुरुओं में सर्वश्रेष्ठ हैं
षड्‌गुणा
485
ॐ षड्गुणायै नमः।
Om Shadgunayai Namah।
जो छः गुणों (सन्धि, विग्रह, यान, आसन, द्वैधीभाव, संश्रय) से युक्त हैं
त्रिगुणात्मिका
486
ॐ त्रिगुणात्मिकायै नमः।
Om Trigunatmikayai Namah।
जो त्रिगुणों (सत्व, रज, तम) से युक्त हैं
राज्ञामाज्ञा
487
ॐ राज्ञामाज्ञायै नमः।
Om Rajnamajnayai Namah।
जो राज आज्ञा के रूप में स्थित हैं
महाप्राज्ञा
488
ॐ महाप्राज्ञायै नमः।
Om Mahaprajnayai Namah।
जो अत्यन्त चतुर एवं बुद्धिमती हैं
सुगुणा
489
ॐ सुगुणायै नमः।
Om Sugunayai Namah।
जो अनेक गुणों से युक्त हैं
निर्गुणात्मिका
490
ॐ निर्गुणात्मिकायै नमः।
Om Nirgunatmikayai Namah।
जो समस्त गुणों से परे हैं
महाकुलीना
491
ॐ महाकुलीनायै नमः।
Om Mahakulinayai Namah।
जो अत्यन्त सम्भ्रान्त हैं
निष्कामा
492
ॐ निष्कामायै नमः।
Om Nishkamayai Namah।
जो समस्त कामनाओं से रहित हैं
सकामा
493
ॐ सकामायै नमः।
Om Sakamayai Namah।
जो सभी कामनाओं से युक्त हैं
कामजीवना
494
ॐ कामजीवनायै नमः।
Om Kamajivanayai Namah।
जो कामदेव की प्राणशक्ति हैं
कामदेवकला
495
ॐ कामदेवकलायै नमः।
Om Kamadevakalayai Namah।
जो कामदेव की कलाओं के रूप में स्थित हैं
रामा
496
ॐ रामायै नमः।
Om Ramayai Namah।
जो सम्पूर्ण संसार की स्वामिनी हैं
अभिरामा
497
ॐ अभिरामायै नमः।
Om Abhiramayai Namah।
जो आनन्दमयी हैं
शिवनर्तकी
498
ॐ शिवनर्तक्यै नमः।
Om Shivanartakyai Namah।
जो भगवान शिव के साथ नृत्य करती हैं
चिन्तामणि
499
ॐ चिन्तामण्यै नमः।
Om Chintamanyai Namah।
जो समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाली हैं
कल्पलता
500
ॐ कल्पलतायै नमः।
Om Kalpalatayai Namah।
जो मनोवाञ्छित वर देने वाली हैं
जाग्रती
501
ॐ जाग्रत्यै नमः।
Om Jagratyai Namah।
जो पूर्ण रूप से जागृत हैं
दीनवत्सला
502
ॐ दीनवत्सलायै नमः।
Om Dinavatsalayai Namah।
जो दीन-दुखियों पर कृपा करने वाली हैं
कार्तिकी
503
ॐ कार्तिक्यै नमः।
Om Kartikyai Namah।
जो भगवान कार्तिकेय की शक्ति हैं
कृत्तिका
504
ॐ कृत्तिकायै नमः।
Om Krittikayai Namah।
जो कटार के समान तीक्ष्ण हैं
कृत्या
505
ॐ कृत्यायै नमः।
Om Krityayai Namah।
जो सम्मोहन एवं वशीकरण के रूप में स्थित हैं
अयोध्या
506
ॐ अयोध्यायै नमः।
Om Ayodhyayai Namah।
जिनसे युद्ध नहीं किया जा सकता
विषमा
507
ॐ विषमायै नमः।
Om Vishamayai Namah।
जो असमान हैं
समा
508
ॐ समायै नमः।
Om Samayai Namah।
जो समान हैं
सुमन्त्रा
509
ॐ सुमन्त्रायै नमः।
Om Sumantrayai Namah।
जो एक उत्तम मार्गदर्शिका हैं
मन्त्रिणी
510
ॐ मन्त्रिण्यै नमः।
Om Mantrinyai Namah।
जो समस्त मन्त्रों की शक्ति हैं
घूर्णा
511
ॐ घूर्णायै नमः।
Om Ghurnayai Namah।
जो निरन्तर घूर्णन करने वाली हैं
ह्लादिनी
512
ॐ ह्लादिन्यै नमः।
Om Hladinyai Namah।
जो शक्ति स्वरूपा हैं
क्लेशनाशिनी
513
ॐ क्लेशनाशिन्यै नमः।
Om Kleshanashinyai Namah।
जो समस्त प्रकार के क्लेश का नाश करती हैं
त्रैलोक्यजननी
514
ॐ त्रैलोक्यजनन्यै नमः।
Om Trailokyajananyai Namah।
जो तीनों लोकों की रचना करने वाली हैं
हृष्टा
515
ॐ हृष्टायै नमः।
Om Hrishtayai Namah।
जो उत्साह से परिपूर्ण हैं
निर्मांसामलरूपिणी
516
ॐ निर्मांसामलरूपिण्यै नमः।
Om Nirmamsamalarupinyai Namah।
जो क्षीण (पतले) एवं साँवले शरीर वाली हैं
तडागनिम्नजठरा
517
ॐ तडागनिम्नजठरायै नमः।
Om Tadaganimnajatharayai Namah।
जिनकी नाभि अत्यन्त गहरी है
शुष्कमांसास्थिमालिनी
518
ॐ शुष्कमांसास्थिमालिन्यै नमः।
Om Shushkamamsasthimalinyai Namah।
जो सूखे मांस एवं अस्थियों की माला धारण करती हैं
अवन्ती
519
ॐ अवन्त्यै नमः।
Om Avantyai Namah।
जो उज्जैन की देवी हैं
मधुरा
520
ॐ मधुरायै नमः।
Om Madhurayai Namah।
जो अत्यन्त मधुर हैं
हृद्या
521
ॐ हृद्यायै नमः।
Om Hridyayai Namah।
जो हृदय में निवास करने वाली हैं
त्रैलोक्यपावनक्षमा
522
ॐ त्रैलोक्यपावनक्षमायै नमः।
Om Trailokyapavanakshamayai Namah।
जो तीनों लोकों को पावन एवं क्षमा करने वाली हैं
व्यक्ताव्यक्ता
523
ॐ व्यक्ताव्यक्तायै नमः।
Om Vyaktavyaktayai Namah।
जो व्यक्त एवं अव्यक्त दोनों रूपों में हैं
अनेकमूर्ति
524
ॐ अनेकमूर्त्यै नमः।
Om Anekamurtyai Namah।
जो अनेक रूप धारण करने वाली हैं
शरभी
525
ॐ शरभ्यै नमः।
Om Sharabhyai Namah।
जो भगवान शिव के शरभ अवतार की शक्ति हैं
भीमनादिनी
526
ॐ भीमनादिन्यै नमः।
Om Bhimanadinyai Namah।
जो अत्यन्त भीषण गर्जना करने वाली हैं
क्षेमङ्करी
527
ॐ क्षेमङ्कर्यै नमः।
Om Kshemankaryai Namah।
जो मङ्गल करने वाली हैं
शाङ्करी
528
ॐ शाङ्कर्यै नमः।
Om Shankaryai Namah।
जो भगवान शंकर की अर्धाङ्गिनी हैं
सर्वसम्मोहकारिणी
529
ॐ सर्वसम्मोहकारिण्यै नमः।
Om Sarvasammohakarinyai Namah।
जो सभी को सम्मोहित करने वाली हैं
ऊर्ध्वतेजस्विनी
530
ॐ ऊर्ध्वतेजस्विन्यै नमः।
Om Urdhvatejasvinyai Namah।
जिनमें अत्यधिक तेज समाहित है
क्लिन्ना
531
ॐ क्लिन्नायै नमः।
Om Klinnayai Namah।
जो कोमल हैं
महातेजस्विनी
532
ॐ महातेजस्विन्यै नमः।
Om Mahatejasvinyai Namah।
जिनमें असीम तेज है
अद्वैता
533
ॐ अद्वैतायै नमः।
Om Advaitayai Namah।
जो अद्वैत रूप में स्थित हैं
योगिनी
534
ॐ योगिन्यै नमः।
Om Yoginyai Namah।
जो योग विद्या में निपुण हैं
पूज्या
535
ॐ पूज्यायै नमः।
Om Pujyayai Namah।
जो सदैव पूजनीय हैं
सुरभी
536
ॐ सुरभ्यै नमः।
Om Surabhyai Namah।
जो मधुर एवं मित्रवत हैं
सर्वमङ्गला
537
ॐ सर्वमङ्गलायै नमः।
Om Sarvamangalayai Namah।
जो सभी का मङ्गल करने वाली हैं
सर्वप्रियङ्करी
538
ॐ सर्वप्रियङ्कर्यै नमः।
Om Sarvapriyankaryai Namah।
जो सभी को प्रिय हैं
भोग्या
539
ॐ भोग्यायै नमः।
Om Bhogyayai Namah।
जो भोगने योग्य हैं
धनिनी
540
ॐ धनिन्यै नमः।
Om Dhaninyai Namah।
जो वैभवशालिनी एवं सौभाग्यशालिनी हैं
पिशिताशना
541
ॐ पिशिताशनायै नमः।
Om Pishitashanayai Namah।
जो मांस भक्षण करने वाली हैं
भयङ्करी
542
ॐ भयङ्कर्यै नमः।
Om Bhayankaryai Namah।
जो अत्यन्त भयानक हैं
पापहरा
543
ॐ पापहरायै नमः।
Om Papaharayai Namah।
जो समस्त पापों को हर लेती हैं
निष्कलङ्का
544
ॐ निष्कलङ्कायै नमः।
Om Nishkalankayai Namah।
जो किसी भी प्रकार के कलंक से मुक्त हैं
वशङ्करी
545
ॐ वशङ्कर्यै नमः।
Om Vashankaryai Namah।
जो वशीकरण करने वाली हैं
आशा
546
ॐ आशायै नमः।
Om Ashayai Namah।
जो आशा के रूप में स्थित हैं
तृष्णा
547
ॐ तृष्णायै नमः।
Om Trishnayai Namah।
जो तृष्णा के रूप में स्थित हैं
चन्द्रकला
548
ॐ चन्द्रकलायै नमः।
Om Chandrakalayai Namah।
जो चन्द्रमा के समान कलाओं से युक्त हैं
निद्राणा
549
ॐ निद्राणायै नमः।
Om Nidranayai Namah।
जो निद्रा में लीन हैं
वायुवेगिनी
550
ॐ वायुवेगिन्यै नमः।
Om Vayuveginyai Namah।
जो वायु के समान गति वाली हैं
सहस्रसूर्यसङ्काशा
551
ॐ सहस्रसूर्यसङ्काशायै नमः।
Om Sahasrasuryasankashayai Namah।
जो सहस्र सूर्यों के समान तेजपूर्ण हैं
चन्द्रकोटिसमप्रभा
552
ॐ चन्द्रकोटिसमप्रभायै नमः।
Om Chandrakotisamaprabhayai Namah।
जिनकी आभा करोड़ों चन्द्र के समान है
निशुम्भशुम्भसंहत्री
553
ॐ निशुम्भशुम्भसंहर्त्र्यै नमः।
Om Nishumbhashumbhasamhartryai Namah।
जो शुम्भ-निशुम्भ का संहार करने वाली हैं
रक्तबीजविनाशिनी
554
ॐ रक्तबीजविनाशिन्यै नमः।
Om Raktabijavinashinyai Namah।
जो रक्तबीज का नाश करने वाली हैं
मधुकैटभसंहर्त्री
555
ॐ मधुकैटभसंहर्त्र्यै नमः।
Om Madhukaitabhasamhartryai Namah।
जो मधु-कैटभ का अन्त करने वाली हैं
महिषासुरघातिनी
556
ॐ महिषासुरघातिन्यै नमः।
Om Mahishasuraghatinyai Namah।
जो महिषासुर का वध करने वाली हैं
वह्निमण्डलमध्यस्था
557
ॐ वह्निमण्डलमध्यस्थायै नमः।
Om Vahnimandalamadhyasthayai Namah।
जो जठराग्नि में स्थित रहने वाली हैं
सर्वसत्त्वप्रतिष्ठिता
558
ॐ सर्वसत्त्वप्रतिष्ठितायै नमः।
Om Sarvasattvapratishthitayai Namah।
जो समस्त जीवों में विद्यमान हैं
सर्वाचारवती
559
ॐ सर्वाचारवत्यै नमः।
Om Sarvacharavatyai Namah।
जो सृष्टि के समस्त कार्यों में स्थित हैं
सर्वदेवकन्याऽतिदेवता
560
ॐ सर्वदेवकन्याऽतिदेवतायै नमः।
Om Sarvadevakanyaatidevatayai Namah।
जो समस्त देवकन्याओं की पूजनीय हैं
दक्षकन्या
561
ॐ दक्षकन्यायै नमः।
Om Dakshakanyayai Namah।
जो दक्ष प्रजापति की पुत्री हैं
दक्षयज्ञनाशिनी
562
ॐ दक्षयज्ञनाशिन्यै नमः।
Om Dakshayajnanashinyai Namah।
जो दक्ष प्रजापति के यज्ञ का विध्वंस करने वाली हैं
दुर्गतारिणी
563
ॐ दुर्गतारिण्यै नमः।
Om Durgatarinyai Namah।
जो कष्टों का निवारण करने वाली हैं
इज्या
564
ॐ इज्यायै नमः।
Om Ijyayai Namah।
जो आहुति स्वरूपा हैं
पूज्या
565
ॐ पूज्यायै नमः।
Om Pujyayai Namah।
जो सम्पूर्ण जगत में पूजनीय हैं
विभा
566
ॐ विभायै नमः।
Om Vibhayai Namah।
जो अत्यन्त सुन्दर एवं अनन्त तेजपूर्ण हैं
भूति
567
ॐ भूत्यै नमः।
Om Bhutyai Namah।
जो भूमि स्वरूपा हैं
सत्कीर्ति
568
ॐ सत्कीर्त्यै नमः।
Om Satkirtyai Namah।
जो सपूर्ण सृष्टि में लोकप्रिय हैं
ब्रह्मचारिणी
569
ॐ ब्रह्मचारिण्यै नमः।
Om Brahmacharinyai Namah।
जिन्हें वेदों का ज्ञान है
रम्भोरू
570
ॐ रम्भोर्वै नमः।
Om Rambhorvai Namah।
जो रम्भा अप्सरा के रूप में विद्यमान अथवा भीषण गर्जना करने वाली हैं
चतुरा
571
ॐ चतुरायै नमः।
Om Chaturayai Namah।
जो अत्यन्त चतुर हैं
राका
572
ॐ राकायै नमः।
Om Rakayai Namah।
जो पूर्णिमा के चन्द्रमा के समान हैं
जयन्ती
573
ॐ जयन्त्यै नमः।
Om Jayantyai Namah।
जो सदैव विजयी होने वाली हैं
वरुणा
574
ॐ वरुणायै नमः।
Om Varunayai Namah।
जो नदी के रूप में स्थित हैं
कुहू
575
ॐ कुह्वै नमः।
Om Kuhvai Namah।
जो अमावस्या की रात्रि के रूप में स्थित हैं
मनस्विनी
576
ॐ मनस्विन्यै नमः।
Om Manasvinyai Namah।
जो अत्यधिक गुण एवं ज्ञान से युक्त हैं
देवमाता
577
ॐ देवमात्रे नमः।
Om Devamatre Namah।
जो देवताओं की माता हैं
यशस्या
578
ॐ यशस्यायै नमः।
Om Yashasyayai Namah।
जिन्हें अत्यन्त ख्याति एवं कीर्ति प्राप्त है
ब्रह्मवादिनी
579
ॐ ब्रह्मवादिन्यै नमः।
Om Brahmavadinyai Namah।
जो वेद की रक्षा एवं व्याख्या करने वाली हैं
सिद्धिदा
580
ॐ सिद्धिदायै नमः।
Om Siddhidayai Namah।
जो ऋद्धि (सुख-सौभाग्य) प्रदान करती हैं
वृद्धिदा
581
ॐ वृद्धिदायै नमः।
Om Vriddhidayai Namah।
जो वृद्धि (सम्वर्धन) प्रदान करती हैं
वृद्धि
582
ॐ वृद्ध्यै नमः।
Om Vriddhyai Namah।
जो स्वयं वृद्धि स्वरूपा हैं
सर्वाद्या
583
ॐ सर्वाद्यायै नमः।
Om Sarvadyayai Namah।
जो सृष्टि के आदि से उपस्थित हैं
सर्वदायिनी
584
ॐ सर्वदायिन्यै नमः।
Om Sarvadayinyai Namah।
जो सभी प्रकार की सुख-सुविधायें प्रदान करने वाली हैं
आधाररूपिणी
585
ॐ आधाररूपिण्यै नमः।
Om Adhararupinyai Namah।
जो समस्त सृष्टि के आधार के रूप में स्थित हैं
ध्येया
586
ॐ ध्येयायै नमः।
Om Dhyeyayai Namah।
जो ध्यान करने योग्य हैं
मूलाधारनिवासिनी
587
ॐ मूलाधारनिवासिन्यै नमः।
Om Muladharanivasinyai Namah।
जो मूलाधार चक्र में निवास करती हैं
आज्ञा
588
ॐ आज्ञायै नमः।
Om Ajnayai Namah।
जो आज्ञा स्वरूपा हैं
प्रज्ञा
589
ॐ प्रज्ञायै नमः।
Om Prajnayai Namah।
जो ज्ञान स्वरूपा हैं
पूर्णमना
590
ॐ पूर्णमनसे नमः।
Om Purnamanase Namah।
जो पूर्ण रूप से सन्तुष्ट हैं
चन्द्रमुखी
591
ॐ चन्द्रमुख्यै नमः।
Om Chandramukhyai Namah।
जिनका मुखमण्डल चन्द्रमा के समान है
अनुकूलिनी
592
ॐ अनुकूलिन्यै नमः।
Om Anukulinyai Namah।
जो उपकार करने वाली हैं
वावदूका
593
ॐ वावदूकायै नमः।
Om Vavadukayai Namah।
जो उत्तम वाचिका हैं
निम्ननाभि
594
ॐ निम्ननाभ्यै नमः।
Om Nimnanabhyai Namah।
जिनकी नाभि गहरी है
सत्यसन्धा
595
ॐ सत्यसन्धायै नमः।
Om Satyasandhayai Namah।
जो विश्वसनीय अथवा वचन पालन करने वाली हैं
दृढव्रता
596
ॐ दृढव्रतायै नमः।
Om Dridhavratayai Namah।
जो अपनी प्रतिज्ञा पर दृढ़ रहने वाली हैं
आन्वीक्षिकी
597
ॐ आन्वीक्षिक्यै नमः।
Om Anvikshikyai Namah।
जो तर्कशील एवं खोजी प्रवृत्ति वाली हैं
दण्डनीति
598
ॐ दण्डनीत्यै नमः।
Om Dandanityai Namah।
जो स्वयं दण्डनीति स्वरूपा हैं
त्रयी
599
ॐ त्रय्यै नमः।
Om Trayyai Namah।
जो तीन वेदों (ऋग्वेद, सामवेद एवं यजुर्वेद) के रूप में स्थित हैं
त्रिदिवसुन्दरी
600
ॐ त्रिदिवसुन्दर्यै नमः।
Om Tridivasundaryai Namah।
जो सम्पूर्ण देवलोक में सर्वाधिक रूपवती हैं
ज्वालिनी
601
ॐ ज्वालिन्यै नमः।
Om Jvalinyai Namah।
जो स्वयं अग्नि स्वरूपा हैं
ज्वलिनी
602
ॐ ज्वलिन्यै नमः।
Om Jvalinyai Namah।
जो अग्नि के समान ज्वलनशील हैं
शैलतनया
603
ॐ शैलतनयायै नमः।
Om Shailatanayayai Namah।
जो पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैं
विन्ध्यवासिनी
604
ॐ विन्ध्यवासिन्यै नमः।
Om Vindhyavasinyai Namah।
जो विन्ध्याचल पर्वत पर निवास करती हैं
प्रत्यया
605
ॐ प्रत्ययायै नमः।
Om Pratyayayai Namah।
जो विश्वास के रूप में स्थित हैं
खेचरी
606
ॐ खेचर्यै नमः।
Om Khecharyai Namah।
जो खेचरी मुद्रा के रूप में स्थित हैं
धैर्या
607
ॐ धैर्यायै नमः।
Om Dhairyayai Namah।
जो धैर्य धारण करने वाली हैं
तुरीया
608
ॐ तुरीयायै नमः।
Om Turiyayai Namah।
जो जाग्रत, स्वप्न, सुषुप्ति अवस्था के परे हैं
विमलातुरा
609
ॐ विमलातुरायै नमः।
Om Vimalaturayai Namah।
जिन्हें शुद्धता एवं स्वच्छता प्रिय है
प्रगल्भा
610
ॐ प्रगल्भायै नमः।
Om Pragalbhayai Namah।
जो साहसी एवं आत्मविश्वासी हैं
वारुणी
611
ॐ वारुण्यै नमः।
Om Varunyai Namah।
जो वरुण देव की शक्ति हैं
क्षामा
612
ॐ क्षामायै नमः।
Om Kshamayai Namah।
जिनका शरीर दुर्बल है
दर्शिनी
613
ॐ दर्शिन्यै नमः।
Om Darshinyai Namah।
जो दर्शन करने योग्य हैं
विस्फुलिङ्गिनी
614
ॐ विस्फुलिङ्गिन्यै नमः।
Om Visphulinginyai Namah।
जो अग्नि किरणों के समान हैं
भक्ति
615
ॐ भक्त्यै नमः।
Om Bhaktyai Namah।
जो अत्यन्त निष्ठा से युक्त हैं
सिद्धि
616
ॐ सिद्ध्यै नमः।
Om Siddhyai Namah।
जो स्वयं सिद्धि स्वरूपा हैं
सदाप्राप्ति
617
ॐ सदाप्राप्त्यै नमः।
Om Sadapraptyai Namah।
जो किसी भी स्थान पर प्रकट हो सकती हैं
प्रकाम्या
618
ॐ प्रकाम्यायै नमः।
Om Prakamyayai Namah।
जो अप्रतिरोध्य कामना वाली हैं
महिमा
619
ॐ महिम्ने नमः।
Om Mahimne Namah।
जो अपने शरीर का आकार अनन्त गुना बढ़ा सकती हैं
अणिमा
620
ॐ अणिम्ने नमः।
Om Animne Namah।
जो अपने शरीर का आकार अणु के समान घटा सकती हैं
ईक्षा
621
ॐ ईक्षायै नमः।
Om Ikshayai Namah।
जो सृष्टि के समस्त क्रियाकलाप देख रही हैं
सिद्धि
622
ॐ सिद्ध्यै नमः।
Om Siddhyai Namah।
जो स्वयं सिद्धि स्वरूपा हैं
वशित्वा
623
ॐ वशित्वायै नमः।
Om Vashitvayai Namah।
जो किसी को भी वश में कर सकती हैं
ईशित्वा
624
ॐ ईशित्वायै नमः।
Om Ishitvayai Namah।
जिनका प्रत्येक जीव-निर्जीव पर पूर्ण अधिकार है
ऊर्ध्वनिवासिनी
625
ॐ ऊर्ध्वनिवासिन्यै नमः।
Om Urdhvanivasinyai Namah।
जो सर्वोच्च स्थान पर निवास करती हैं
लघिमा
626
ॐ लघिम्ने नमः।
Om Laghimne Namah।
जो अपने शरीर का भार वायु से भी हल्का कर सकती हैं
सावित्री
627
ॐ सावित्र्यै नमः।
Om Savitryai Namah।
जो सावित्री स्वरूपा हैं
गायत्री
628
ॐ गायत्र्यै नमः।
Om Gayatryai Namah।
जो गायत्री स्वरूपा हैं
भुवनेश्वरी
629
ॐ भुवनेश्वर्यै नमः।
Om Bhuvaneshvaryai Namah।
जो 14 भुवनों की स्वामिनी हैं
मनोहरा
630
ॐ मनोहरायै नमः।
Om Manoharayai Namah।
जो मन को हरने वाली हैं
चिता
631
ॐ चितायै नमः।
Om Chitayai Namah।
जो चिता के रूप में स्थित हैं
दिव्या
632
ॐ दिव्यायै नमः।
Om Divyayai Namah।
जो अत्यन्त दिव्य हैं
देव्युदारा
633
ॐ देव्युदारायै नमः।
Om Devyudarayai Namah।
जो दिव्य एवं उदार हैं
मनोरमा
634
ॐ मनोरमायै नमः।
Om Manoramayai Namah।
जो आकर्षक हैं
पिङ्गला
635
ॐ पिङ्गलायै नमः।
Om Pingalayai Namah।
जो पिङ्गला नाड़ी के रूप में स्थित हैं
कपिला
636
ॐ कपिलायै नमः।
Om Kapilayai Namah।
जो भूरे रंग की हैं
जिह्वा
637
ॐ जिह्वायै नमः।
Om Jihvayai Namah।
जो स्वयं जिह्वा के रूप में स्थित हैं
रसज्ञा
638
ॐ रसज्ञायै नमः।
Om Rasajnayai Namah।
जो समस्त रसों (मधुर, अम्ल, लवण, कटु, कषाय, तिक्त ) को जानने वाली हैं
रसिका
639
ॐ रसिकायै नमः।
Om Rasikayai Namah।
जिन्हें रस प्रिय हैं
रसा
640
ॐ रसायै नमः।
Om Rasayai Namah।
जो स्वयं रस के रूप में स्थित हैं
सुषुम्नेडायोगवती
641
ॐ सुषुम्नेडायोगवत्यै नमः।
Om Sushumnedayogavatyai Namah।
जो सुषुम्ना नाड़ी के रूप में स्थित हैं
गान्धारी
642
ॐ गान्धार्यै नमः।
Om Gandharyai Namah।
जो गान्धारी स्वरूपा हैं
नवकान्तका
643
ॐ नवकान्तकायै नमः।
Om Navakantakayai Namah।
जो नवीन कान्ति धारण किये हुये हैं
पाञ्चालीरुक्मिणीराधाराध्या
644
ॐ पाञ्चालीरुक्मिणीराधाराध्यायै नमः।
Om Panchalirukminiradharadhyayai Namah।
जो पाञ्चाली, रुक्मिणी एवं राधा की आराध्या देवी हैं
भीमा
645
ॐ भीमायै नमः।
Om Bhimayai Namah।
जो विशालकाय हैं
राधिका
646
ॐ राधिकायै नमः।
Om Radhikayai Namah।
जो राधिका स्वरूपा हैं
अमृता
647
ॐ अमृतायै नमः।
Om Amritayai Namah।
जो अमृत स्वरूपा हैं
तुलसीबृन्दा
648
ॐ तुलसीबृन्दायै नमः।
Om Tulasibrindayai Namah।
जो तुलसी स्वरूपा हैं
कैटभी
649
ॐ कैटभ्यै नमः।
Om Kaitabhyai Namah।
जो कैटभ नामक राक्षस का अन्त करने वाली हैं
कपटेश्वरी
650
ॐ कपटेश्वर्यै नमः।
Om Kapateshvaryai Namah।
जो छल-कपट आदि की देवी हैं
उग्रचण्डेश्वरी
651
ॐ उग्रचण्डेश्वर्यै नमः।
Om Ugrachandeshvaryai Namah।
जो उग्र एवं आक्रामक हैं
वीरजननी
652
ॐ वीरजनन्यै नमः।
Om Virajananyai Namah।
जो वीर को जन्म देने वाली हैं
वीरसुन्दरी
653
ॐ वीरसुन्दर्यै नमः।
Om Virasundaryai Namah।
जो अत्यन्त बल एवं सुन्दर रूप से युक्त हैं
उग्रतारा
654
ॐ उग्रतारायै नमः।
Om Ugratarayai Namah।
जो देवी उग्रतारा के रूप में विराजमान हैं
यशोदाख्या
655
ॐ यशोदाख्यायै नमः।
Om Yashodakhyayai Namah।
जो माता यशोदा के समान हैं
देवकी
656
ॐ देवक्यै नमः।
Om Devakyai Namah।
जो देवकी स्वरूपा हैं
देवमानिता
657
ॐ देवमानितायै नमः।
Om Devamanitayai Namah।
समस्त देव जिनका सम्मान करते हैं
निरञ्जना
658
ॐ निरञ्जनायै नमः।
Om Niranjanayai Namah।
जो दोषरहित हैं
चित्रदेवी
659
ॐ चित्रदेव्यै नमः।
Om Chitradevyai Namah।
जो देवी सरस्वती का रूप हैं
क्रोधिनी
660
ॐ क्रोधिन्यै नमः।
Om Krodhinyai Namah।
जो अत्यन्त क्रोधित हैं
कुलदीपिका
661
ॐ कुलदीपिकायै नमः।
Om Kuladipikayai Namah।
जो देवगणों में सर्वोत्तम हैं
कुलरागीश्वरी
662
ॐ कुलरागीश्वर्यै नमः।
Om Kularagishvaryai Namah।
जो कुल से प्रेम करने वाली हैं
ज्वाला
663
ॐ ज्वालायै नमः।
Om Jvalayai Namah।
जो स्वयं ज्वाला स्वरूपा हैं
मात्रिका
664
ॐ मात्रिकायै नमः।
Om Matrikayai Namah।
जो मातृका के रूप में विराजित हैं
द्राविणी
665
ॐ द्राविण्यै नमः।
Om Dravinyai Namah।
जो स्थिर हैं
द्रवा
666
ॐ द्रवायै नमः।
Om Dravayai Namah।
जो द्रव के रूप में स्थित हैं
योगीश्वरी
667
ॐ योगीश्वर्यै नमः।
Om Yogishvaryai Namah।
जो योगियों की देवी हैं
महामारी
668
ॐ महामार्यै नमः।
Om Mahamaryai Namah।
जो महामारी के रूप में स्थित हैं
भ्रामरी
669
ॐ भ्रामर्यै नमः।
Om Bhramaryai Namah।
जो भ्रामरी प्राणायाम में स्थित हैं
बिन्दुरूपिणी
670
ॐ बिन्दुरूपिण्यै नमः।
Om Bindurupinyai Namah।
जो बिन्दु स्वरूपा हैं
दूती
671
ॐ दूत्यै नमः।
Om Dutyai Namah।
जो दूती हैं
प्राणेश्वरी
672
ॐ प्राणेश्वर्यै नमः।
Om Praneshvaryai Namah।
जो समस्त प्राणियों की देवी हैं
गुप्ता
673
ॐ गुप्तायै नमः।
Om Guptayai Namah।
जो अत्यधिक गोपनीय हैं
बहुला
674
ॐ बहुलायै नमः।
Om Bahulayai Namah।
जो सम्पूर्ण जगत में व्याप्त हैं
डामरी
675
ॐ डामर्यै नमः।
Om Damaryai Namah।
जो भगवान शिव का अनुचरण करने वाली हैं
प्रभा
676
ॐ प्रभायै नमः।
Om Prabhayai Namah।
जो प्रकाशित हैं
कुब्जिका
677
ॐ कुब्जिकायै नमः।
Om Kubjikayai Namah।
जो 8 वर्षीय बालिका के रूप में स्थित हैं
ज्ञानिनी
678
ॐ ज्ञानिन्यै नमः।
Om Jnaninyai Namah।
जो ज्ञान से परिपूर्ण हैं
ज्येष्ठा
679
ॐ ज्येष्ठायै नमः।
Om Jyeshthayai Namah।
जो वरिष्ठा हैं
भुशुण्डी
680
ॐ भुशुण्ड्यै नमः।
Om Bhushundyai Namah।
जो आग्नेयास्त्र के रूप में स्थित हैं
प्रकटाकृति
681
ॐ प्रकटाकृत्यै नमः।
Om Prakatakrityai Namah।
जो प्रकट रूप से उपस्थित हैं
द्राविणी
682
ॐ द्राविण्यै नमः।
Om Dravinyai Namah।
जो धन-सम्पत्ति स्वरूपा हैं
गोपिनी
683
ॐ गोपिन्यै नमः।
Om Gopinyai Namah।
जो अत्यन्त गोपनीय हैं
मायाकामबीजेश्वरी
684
ॐ मायाकामबीजेश्वर्यै नमः।
Om Mayakamabijeshvaryai Namah।
जो माया एवं काम से परे हैं
प्रिया
685
ॐ प्रियायै नमः।
Om Priyayai Namah।
जो प्रिय हैं
शाकम्भरी
686
ॐ शाकम्भर्यै नमः।
Om Shakambharyai Namah।
जो शाक-सब्जियों की देवी हैं
कोकनदा
687
ॐ कोकनदायै नमः।
Om Kokanadayai Namah।
जो लाल कमलपुष्प के समान हैं
सुसत्या
688
ॐ सुसत्यायै नमः।
Om Susatyayai Namah।
जो एक मधुर सत्य के रूप में स्थित हैं
तिलोत्तमा
689
ॐ तिलोत्तमायै नमः।
Om Tilottamayai Namah।
जो अप्सराओं का प्रतिनिधित्व करती हैं
अमेया
690
ॐ अमेयायै नमः।
Om Ameyayai Namah।
जो महान एवं उदार हैं
विक्रमा
691
ॐ विक्रमायै नमः।
Om Vikramayai Namah।
जो वीर एवं पराक्रमी हैं
क्रूरा
692
ॐ क्रूरायै नमः।
Om Krurayai Namah।
जो क्रूर हैं
सम्यक्छीला
693
ॐ सम्यक्छीलायै नमः।
Om Samyakchhilayai Namah।
जो यथायोग्य दण्ड देने वाली हैं
त्रिविक्रमा
694
ॐ त्रिविक्रमायै नमः।
Om Trivikramayai Namah।
जो तीनों लोकों पर विजय प्राप्त करने वाली हैं
स्वस्ति
695
ॐ स्वस्त्यै नमः।
Om Svastyai Namah।
जो शुभ एवं कल्याण स्वरूपा हैं
हव्यवहा
696
ॐ हव्यवहायै नमः।
Om Havyavahayai Namah।
जो हवन की अग्नि के रूप में विद्यमान हैं
प्रीतिरुक्मा
697
ॐ प्रीतिरुक्मायै नमः।
Om Pritirukmayai Namah।
जिन्हें स्वर्णाभूषण प्रिय हैं
धूम्रार्चिरङ्गदा
698
ॐ धूम्रार्चिरङ्गदायै नमः।
Om Dhumrarchirangadayai Namah।
जो धूम्र वर्ण वाली हैं
तपिनी
699
ॐ तपिन्यै नमः।
Om Tapinyai Namah।
जो सदैव तप में लीन रहती हैं
तापिनी
700
ॐ तापिन्यै नमः।
Om Tapinyai Namah।
जो ताप उत्पन्न करती हैं
विश्वभोगदा
701
ॐ विश्वभोगदायै नमः।
Om Vishvabhogadayai Namah।
जो संसार के विभिन्न भोग प्रदान करने वाली हैं
धरणीधरा
702
ॐ धरणीधरायै नमः।
Om Dharanidharayai Namah।
जो पृथ्वी को धारण करने वाली हैं
त्रिखण्डा
703
ॐ त्रिखण्डायै नमः।
Om Trikhandayai Namah।
जो तीनों खण्डों में निवास करने वाली हैं
रोधिनी
704
ॐ रोधिन्यै नमः।
Om Rodhinyai Namah।
जो अवरोध उत्पन्न करने वाली हैं
वश्या
705
ॐ वश्यायै नमः।
Om Vashyayai Namah।
जो अधीन करने वाली हैं
सकला
706
ॐ सकलायै नमः।
Om Sakalayai Namah।
जो सम्पूर्ण सृष्टि स्वरूपा हैं
शब्दरूपिणी
707
ॐ शब्दरूपिण्यै नमः।
Om Shabdarupinyai Namah।
जो शब्द के रूप में स्थित हैं
बीजरूपा
708
ॐ बीजरूपायै नमः।
Om Bijarupayai Namah।
जो बीज मन्त्र के रूप में स्थित हैं
महामुद्रा
709
ॐ महामुद्रायै नमः।
Om Mahamudrayai Namah।
जो योग महामुद्रा के रूप में स्थित हैं
वशिनी
710
ॐ वशिन्यै नमः।
Om Vashinyai Namah।
जो वश में करने वाली हैं
योगरूपिणी
711
ॐ योगरूपिण्यै नमः।
Om Yogarupinyai Namah।
जो योनि के रूप में स्थित हैं
अनङ्गकुसुमा
712
ॐ अनङ्गकुसुमायै नमः।
Om Anangakusumayai Namah।
जो कामदेव के पुष्प के समान सुन्दर हैं
अनङ्गमेखला
713
ॐ अनङ्गमेखलायै नमः।
Om Anangamekhalayai Namah।
जो कामदेव को मेखला के रूप में धारण करती हैं
अनङ्गरूपिणी
714
ॐ अनङ्गरूपिण्यै नमः।
Om Anangarupinyai Namah।
जो स्वयं कामदेव के रूप में विराजमान हैं
अनङ्गमदना
715
ॐ अनङ्गमदनायै नमः।
Om Anangamadanayai Namah।
जो काम का मान-मर्दन करने वाली हैं
अनङ्गरेखा
716
ॐ अनङ्गरेखायै नमः।
Om Anangarekhayai Namah।
जो कामदेव की भाँति रूप वाली हैं
अनङ्गाङ्कुशेश्वरी
717
ॐ अनङ्गाङ्कुशेश्वर्यै नमः।
Om Anangankusheshvaryai Namah।
जिनके समस्त अङ्ग कमल पुष्प के समान हैं
अनङ्गमालिनी
718
ॐ अनङ्गमालिन्यै नमः।
Om Anangamalinyai Namah।
जो कामदेव को माला के रूप में धारण करने वाली हैं
कामेश्वरी
719
ॐ कामेश्वर्यै नमः।
Om Kameshvaryai Namah।
जो कामदेव के लिये पूजनीय हैं
सर्वार्थसाधिका
720
ॐ सर्वार्थसाधिकायै नमः।
Om Sarvarthasadhikayai Namah।
जो समस्त मनोरथ सिद्ध करने वाली हैं
सर्वतन्त्रमयी
721
ॐ सर्वतन्त्रमय्यै नमः।
Om Sarvatantramayyai Namah।
जो समस्त प्रकार के तन्त्रों में वास करती हैं
सर्वमोदिनी
722
ॐ सर्वमोदिन्यै नमः।
Om Sarvamodinyai Namah।
जो आनन्द प्रदान करती हैं
आनन्दरूपिणी
723
ॐ आनन्दरूपिण्यै नमः।
Om Anandarupinyai Namah।
जो स्वयं आनन्द स्वरूपा हैं
वज्रेश्वरी
724
ॐ वज्रेश्वर्यै नमः।
Om Vajreshvaryai Namah।
जो वज्र से अधिक शक्तिशालिनी हैं
जयिनी
725
ॐ जयिन्यै नमः।
Om Jayinyai Namah।
जो विजय के लिये आतुर हैं
सर्वदुःखक्षयङ्करी
726
ॐ सर्वदुःखक्षयङ्कर्यै नमः।
Om Sarvaduhkhakshayankaryai Namah।
जो समस्त दुखों का नाश करने वाली हैं
षडङ्गयुवती
727
ॐ षडङ्गयुवत्यै नमः।
Om Shadangayuvatyai Namah।
जो छः वेदांग (शिक्षा, कल्प, व्याकरण, ज्योतिष, छन्द, निरुक्त) से युक्त हैं
योगयुक्ता
728
ॐ योगयुक्तायै नमः।
Om Yogayuktayai Namah।
जो ध्यान योग में लीन हैं
ज्वालांशुमालिनी
729
ॐ ज्वालांशुमालिन्यै नमः।
Om Jvalamshumalinyai Namah।
जो ज्वाला को माला के रूप में धारण करने वाली हैं
दुराशया
730
ॐ दुराशयायै नमः।
Om Durashayayai Namah।
जो सूक्ष्म शरीर के रूप में स्थित हैं
दुराधारा
731
ॐ दुराधारायै नमः।
Om Duradharayai Namah।
जिनका मार्ग कोई नहीं रोक सकता
दुर्जया
732
ॐ दुर्जयायै नमः।
Om Durjayayai Namah।
जिन्हें पराजित करना असम्भव है
दुर्गरूपिणी
733
ॐ दुर्गरूपिण्यै नमः।
Om Durgarupinyai Namah।
जो देवी दुर्गा के रूप में विराजमान हैं
दुरन्ता
734
ॐ दुरन्तायै नमः।
Om Durantayai Namah।
जो अनन्त-असीम हैं
दुष्कृतिहरा
735
ॐ दुष्कृतिहरायै नमः।
Om Dushkritiharayai Namah।
जो पाप कर्मों को हरने वाली हैं
दुर्ध्येया
736
ॐ दुर्ध्येयायै नमः।
Om Durdhyeyayai Namah।
जिन पर ध्यान केन्द्रित करना अथवा जिन्हें ध्यान में स्थित करना दुर्लभ है
दुरतिक्रमा
737
ॐ दुरतिक्रमायै नमः।
Om Duratikramayai Namah।
जो सदा विजयी हैं
हंसेश्वरी
738
ॐ हंसेश्वर्यै नमः।
Om Hamseshvaryai Namah।
जो परम पिता परमात्मा की देवी हैं
त्रिलोकस्था
739
ॐ त्रिलोकस्थायै नमः।
Om Trilokasthayai Namah।
जो तीनों लोकों में स्थित हैं
शाकम्भरी
740
ॐ शाकम्भर्यै नमः।
Om Shakambharyai Namah।
जो शाक-सब्जियों की देवी हैं
अनुरागिणी
741
ॐ अनुरागिण्यै नमः।
Om Anuraginyai Namah।
जो राग रूप में स्थित हैं
त्रिकोणनिलया
742
ॐ त्रिकोणनिलयायै नमः।
Om Trikonanilayayai Namah।
जो त्रिचक्र (त्रिकोण) में निवास करने वाली हैं
नित्या
743
ॐ नित्यायै नमः।
Om Nityayai Namah।
जो शाश्वत हैं
परमामृतरञ्जिता
744
ॐ परमामृतरञ्जितायै नमः।
Om Paramamritaranjitayai Namah।
जो परम अमृत स्वरूपा हैं
महाविद्येश्वरी
745
ॐ महाविद्येश्वर्यै नमः।
Om Mahavidyeshvaryai Namah।
जो महाविद्याओं की देवी हैं
श्वेता
746
ॐ श्वेतायै नमः।
Om Shvetayai Namah।
जो श्वेत वर्ण वाली हैं
भेरुण्डा
747
ॐ भेरुण्डायै नमः।
Om Bherundayai Namah।
जो विकट भयंकर हैं
कुलसुन्दरी
748
ॐ कुलसुन्दर्यै नमः।
Om Kulasundaryai Namah।
जो देवकुल में सर्वाधिक सुन्दर हैं
त्वरिता
749
ॐ त्वरितायै नमः।
Om Tvaritayai Namah।
जो शीघ्रता से कार्य करती हैं
भक्तिसंयुक्ता
750
ॐ भक्तिसंयुक्तायै नमः।
Om Bhaktisamyuktayai Namah।
जो भक्ति स्वरूपा हैं
भक्तिवश्या
751
ॐ भक्तिवश्यायै नमः।
Om Bhaktivashyayai Namah।
जो भक्ति के वश में हैं
सनातनी
752
ॐ सनातन्यै नमः।
Om Sanatanyai Namah।
जिनका न आदि है न अन्त है
भक्तानन्दमयी
753
ॐ भक्तानन्दमय्यै नमः।
Om Bhaktanandamayyai Namah।
जो भक्तों के आनन्द में लीन हैं
भक्तभाविता
754
ॐ भक्तभावितायै नमः।
Om Bhaktabhavitayai Namah।
जो भक्तों के भाव में स्थित हैं
भक्तशङ्करी
755
ॐ भक्तशङ्कर्यै नमः।
Om Bhaktashankaryai Namah।
जो भक्तों का कल्याण करने वाली हैं
सर्वसौन्दर्यनिलया
756
ॐ सर्वसौन्दर्यनिलयायै नमः।
Om Sarvasaundaryanilayayai Namah।
समस्त प्रकार के सौन्दर्य जिनमें समाहित हैं
सर्वसौभाग्यशालिनी
757
ॐ सर्वसौभाग्यशालिन्यै नमः।
Om Sarvasaubhagyashalinyai Namah।
समस्त प्रकार के सौभाग्य जिनमें समाहित हैं
सर्वसम्भोगभवना
758
ॐ सर्वसम्भोगभवनायै नमः।
Om Sarvasambhogabhavanayai Namah।
जो समस्त प्रकार के भोगों की स्वामिनी हैं
सर्वसौख्यानुरूपिणी
759
ॐ सर्वसौख्यानुरूपिण्यै नमः।
Om Sarvasaukhyanurupinyai Namah।
जो समस्त प्रकार के सुखों के रूप में स्थित हैं
कुमारीपूजनरता
760
ॐ कुमारीपूजनरतायै नमः।
Om Kumaripujanaratayai Namah।
जो कुमारी पूजन से प्रसन्न होने वाली हैं
कुमारीव्रतचारिणी
761
ॐ कुमारीव्रतचारिण्यै नमः।
Om Kumarivratacharinyai Namah।
जो कुमारी व्रत का पालन करती हैं
कुमारीभक्तिसुखिनी
762
ॐ कुमारीभक्तिसुखिन्यै नमः।
Om Kumaribhaktisukhinyai Namah।
जिन्हें कुमारी भक्ति से सुख प्राप्त होता है
कुमारीरूपधारिणी
763
ॐ कुमारीरूपधारिण्यै नमः।
Om Kumarirupadharinyai Namah।
जो कुमारी का रूप धारण करने वाली हैं
कुमारीपूजकप्रीता
764
ॐ कुमारीपूजकप्रीतायै नमः।
Om Kumaripujakapritayai Namah।
जिन्हें देवी पूजन करने वाले प्रिय हैं
कुमारीप्रीतिदप्रिया
765
ॐ कुमारीप्रीतिदप्रियायै नमः।
Om Kumaripritidapriyayai Namah।
जिन्हें शक्ति के उपासक प्रिय हैं
कुमारीसेवकासङ्गा
766
ॐ कुमारीसेवकासङ्गायै नमः।
Om Kumarisevakasangayai Namah।
जो देवी के भक्तों के साथ रहती हैं
कुमारीसेवकालया
767
ॐ कुमारीसेवकालयायै नमः।
Om Kumarisevakalayayai Namah।
जो देवी सेवकों को आश्रय प्रदान करने वाली हैं
आनन्दभैरवी
768
ॐ आनन्दभैरव्यै नमः।
Om Anandabhairavyai Namah।
जो आनन्द प्रदान करने वाली हैं
बालभैरवी
769
ॐ बालभैरव्यै नमः।
Om Balabhairavyai Namah।
जो बालिका रूप में विराजमान हैं
वटुभैरवी
770
ॐ वटुभैरव्यै नमः।
Om Vatubhairavyai Namah।
जो युवती के रूप में विराजमान हैं
श्मशानभैरवी
771
ॐ श्मशानभैरव्यै नमः।
Om Shmashanabhairavyai Namah।
जो श्मशान में निवास करती हैं
कालभैरवी
772
ॐ कालभैरव्यै नमः।
Om Kalabhairavyai Namah।
जो काल (समय अथवा मृत्यु) की देवी हैं
पुरभैरवी
773
ॐ पुरभैरव्यै नमः।
Om Purabhairavyai Namah।
जो समस्त पुरों (नगरों) की देवी हैं
महाभैरवपत्नी
774
ॐ महाभैरवपत्न्यै नमः।
Om Mahabhairavapatnyai Namah।
जो महाभैरव (शिव जी) की धर्मपत्नी हैं
परमानन्दभैरवी
775
ॐ परमानन्दभैरव्यै नमः।
Om Paramanandabhairavyai Namah।
जो परम आनन्द प्रदान करने वाली देवी हैं
सुरानन्दभैरवी
776
ॐ सुरानन्दभैरव्यै नमः।
Om Suranandabhairavyai Namah।
जो देवताओं को आनन्द प्रदान करने वाली देवी हैं
उन्मदानन्दभैरवी
777
ॐ उन्मदानन्दभैरव्यै नमः।
Om Unmadanandabhairavyai Namah।
जो उन्माद में रहने वाली देवी हैं
यज्ञानन्दभैरवी
778
ॐ यज्ञानन्दभैरव्यै नमः।
Om Yajnanandabhairavyai Namah।
जो यज्ञ से आनन्दित होने वाली देवी हैं
तरुणभैरवी
779
ॐ तरुणभैरव्यै नमः।
Om Tarunabhairavyai Namah।
जो चिर-यौवना देवी हैं
ज्ञानानन्दभैरवी
780
ॐ ज्ञानानन्दभैरव्यै नमः।
Om Jnananandabhairavyai Namah।
जो ज्ञान प्रदान करने वाली देवी हैं
अमृतानन्दभैरवी
781
ॐ अमृतानन्दभैरव्यै नमः।
Om Amritanandabhairavyai Namah।
जो अमृत स्वरूपा देवी हैं
महाभयङ्करी
782
ॐ महाभयङ्कर्यै नमः।
Om Mahabhayankaryai Namah।
जो अति प्रचण्ड हैं
तीव्रा
783
ॐ तीव्रायै नमः।
Om Tivrayai Namah।
जो वेग स्वरूपा हैं
तीव्रवेगा
784
ॐ तीव्रवेगायै नमः।
Om Tivravegayai Namah।
जो तीव्र वेग (गति) वाली हैं
तरस्विनी
785
ॐ तरस्विन्यै नमः।
Om Tarasvinyai Namah।
जो भगवान शिव की अर्धाङ्गिनी हैं
त्रिपुरापरमेशानी
786
ॐ त्रिपुरापरमेशान्यै नमः।
Om Tripuraparameshanyai Namah।
जो त्रिपुर (सोने, चाँदी, लोहे के तीन नगर) की देवी हैं
सुन्दरी
787
ॐ सुन्दर्यै नमः।
Om Sundaryai Namah।
जो रूपवती हैं
पुरसुन्दरी
788
ॐ पुरसुन्दर्यै नमः।
Om Purasundaryai Namah।
जो समस्त लोकों में सर्वाधिक सुन्दर हैं
त्रिपुरेशी
789
ॐ त्रिपुरेश्यै नमः।
Om Tripureshyai Namah।
जो त्रिपुर की स्वामिनी हैं
पञ्चदशी
790
ॐ पञ्चदश्यै नमः।
Om Panchadashyai Namah।
जो अमावस्या स्वरूपा हैं
पञ्चमी
791
ॐ पञ्चम्यै नमः।
Om Panchamyai Namah।
जो पञ्चमी स्वरूपा हैं
पुरवासिनी
792
ॐ पुरवासिन्यै नमः।
Om Puravasinyai Namah।
जो त्रिपुर में निवास करती हैं
महासप्तदशी
793
ॐ महासप्तदश्यै नमः।
Om Mahasaptadashyai Namah।
जो महासप्तदशी के रूप में स्थित हैं
षोडशी
794
ॐ षोडश्यै नमः।
Om Shodashyai Namah।
जो षोडशी के रूप में स्थित हैं
त्रिपुरेश्वरी
795
ॐ त्रिपुरेश्वर्यै नमः।
Om Tripureshvaryai Namah।
जो त्रिपुर की आराध्या देवी हैं
महाङ्कुशस्वरूपा
796
ॐ महाङ्कुशस्वरूपायै नमः।
Om Mahankushasvarupayai Namah।
जो नियन्त्रित करने वाली हैं
महाचक्रेश्वरी
797
ॐ महाचक्रेश्वर्यै नमः।
Om Mahachakreshvaryai Namah।
जो महाचक्र की अधिष्ठात्री हैं
नवचक्रेश्वरी
798
ॐ नवचक्रेश्वर्यै नमः।
Om Navachakreshvaryai Namah।
जो नव-चक्रों की अधिष्ठात्री हैं
चक्रेश्वरी
799
ॐ चक्रेश्वर्यै नमः।
Om Chakreshvaryai Namah।
जो समस्त चक्रों की अधिष्ठात्री हैं
त्रिपुरमालिनी
800
ॐ त्रिपुरमालिन्यै नमः।
Om Tripuramalinyai Namah।
जो त्रिपुरों को माला के रूप में धारण करने वाली हैं
राजचक्रेश्वरी
801
ॐ राजचक्रेश्वर्यै नमः।
Om Rajachakreshvaryai Namah।
जो राजा के रथ चक्र की देवी हैं
राज्ञी
802
ॐ राज्ञ्यै नमः।
Om Rajnyai Namah।
जो सपूर्ण ब्रह्माण्ड पर राज्य करने वाली हैं
महात्रिपुरसुन्दरी
803
ॐ महात्रिपुरसुन्दर्यै नमः।
Om Mahatripurasundaryai Namah।
जो तीनों लोकों में सर्वाधिक सुन्दर हैं
सिन्दूरपूररुचिरा
804
ॐ सिन्दूरपूररुचिरायै नमः।
Om Sindurapuraruchirayai Namah।
जिन्हें लाल रंग प्रिय है
श्रीमत्त्रिपुरसुन्दरी
805
ॐ श्रीमत्त्रिपुरसुन्दर्यै नमः।
Om Shrimattripurasundaryai Namah।
जो तीनों लोकों में सम्मानीय एवं पूजनीय हैं
सर्वाङ्गसुन्दरी
806
ॐ सर्वाङ्गसुन्दर्यै नमः।
Om Sarvangasundaryai Namah।
जिनके समस्त अङ्ग सुन्दर हैं
रक्तारक्तवस्त्रोत्तरीयका
807
ॐ रक्तारक्तवस्त्रोत्तरीयकायै नमः।
Om Raktaraktavastrottariyakayai Namah।
जो रक्तरञ्जित वस्त्र धारण करती हैं
यवायावकसिन्दूररक्तचन्दनधारिणी
808
ॐ यवायावकसिन्दूररक्तचन्दनधारिण्यै नमः।
Om Yavayavakasinduraraktachandanadharinyai Namah।
जो महावर एवं रक्तचन्दन धारण करती हैं
यवायावकसिन्दूररक्तचन्दनरूपधृक्
809
ॐ यवायावकसिन्दूररक्तचन्दनरूपधृषे नमः।
Om Yavayavakasinduraraktachandanarupadhrishe Namah।
जो स्वयं महावर एवं रक्त चन्दन के रूप में स्थित हैं
चमरीवालकुटिला
810
ॐ चमरीवालकुटिलायै नमः।
Om Chamarivalakutilayai Namah।
जिनके केश सुरा गाय की पूँछ के समान हैं
निर्मलश्यामकेशिनी
811
ॐ निर्मलश्यामकेशिन्यै नमः।
Om Nirmalashyamakeshinyai Namah।
जिनके केश स्वच्छ एवं काले हैं
वज्रमौक्तिकरत्नाढ्या
812
ॐ वज्रमौक्तिकरत्नाढ्यायै नमः।
Om Vajramauktikaratnadhyayai Namah।
जो हीरे, मोती एवं रत्नों से अलंकृत हैं
किरीटकुण्डलोज्ज्वला
813
ॐ किरीटकुण्डलोज्ज्वलायै नमः।
Om Kiritakundalojjvalayai Namah।
जो सुन्दर मुकुट धारण किये हुये अथवा सुन्दर कुण्डल धारण किये हुये हैं
रत्नकुण्डलसंयुक्ता
814
ॐ रत्नकुण्डलसंयुक्तायै नमः।
Om Ratnakundalasamyuktayai Namah।
जो रत्नजड़ित कुण्डल धारण किये हुये हैं
स्फुरद्गण्डमनोरमा
815
ॐ स्फुरद्गण्डमनोरमायै नमः।
Om Sphuradgandamanoramayai Namah।
जिनसे अति मनमोहक सुगन्ध आती है
कुञ्जरेश्वरकुम्भोत्थमुक्तारञ्जितनासिका
816
ॐ कुञ्जरेश्वरकुम्भोत्थमुक्तारञ्जितनासिकायै नमः।
Om Kunjareshvarakumbhotthamuktaranjitanasikayai Namah।
जिनकी नासिका मोतियों से सुशोभित है
मुक्ताविद्रुममाणिक्यहीराढ्यस्तनमण्डला
817
ॐ मुक्ताविद्रुममाणिक्यहीराढ्यस्तनमण्डलायै नमः।
Om Muktavidrumamanikyahiradhyastanamandalayai Namah।
जिनके वक्षस्थल पर मूँगा-मोती जड़ित हार सुशोभित है
सूर्यकान्तेन्दुकान्ताढ्या
818
ॐ सूर्यकान्तेन्दुकान्ताढ्यायै नमः।
Om Suryakantendukantadhyayai Namah।
जिनकी कान्ति सूर्य के तेज के समान है
स्पर्शाश्मगलभूषणा
819
ॐ स्पर्शाश्मगलभूषणायै नमः।
Om Sparshashmagalabhushanayai Namah।
जिनके कण्ठ पर पन्ना रत्न सुशोभित है
बीजपूरस्फुरद्बीजदन्तपंक्ति
820
ॐ बीजपूरस्फुरद्बीजदन्तपङ्क्तये नमः।
Om Bijapurasphuradbijadantapanktaye Namah।
जिनके कम्पित ओष्ठों के मध्य से दाँत चमक रहे हैं
अनुत्तमा
821
ॐ अनुत्तमायै नमः।
Om Anuttamayai Namah।
जो अतुलनीय रूप से सर्वश्रेष्ठ हैं
कामकोदण्डकाभग्नभ्रूकटाक्षप्रवर्षिणी
822
ॐ कामकोदण्डकाभग्नभ्रूकटाक्षप्रवर्षिण्यै नमः।
Om Kamakodandakabhagnabhrukatakshapravarshinyai Namah।
जो अपनी वक्र भृकुटी एवं दृष्टि से काम की वर्षा करती हैं
मातङ्गकुम्भवक्षोजा
823
ॐ मातङ्गकुम्भवक्षोजायै नमः।
Om Matangakumbhavakshojayai Namah।
जिनका वक्षस्थल हाथी के समान विशाल है
लसत्कनकदक्षिणा
824
ॐ लसत्कनकदक्षिणायै नमः।
Om Lasatkanakadakshinayai Namah।
जो दक्षिण दिशा में स्वर्णमयी तेज के साथ प्रकाशित होती हैं
मनोज्ञशष्कुलीकर्णा
825
ॐ मनोज्ञशष्कुलीकर्णायै नमः।
Om Manojnashashkulikarnayai Namah।
जिनके कान सुन्दर एवं विशाल हैं
हंसीगतिविडम्बिनी
826
ॐ हंसीगतिविडम्बिन्यै नमः।
Om Hamsigatividambinyai Namah।
जिनकी चाल हंस के समान है
पद्मरागाङ्गदद्योतद्दोश्चतुष्कप्रकाशिनी
827
ॐ पद्मरागाङ्गदद्योतद्दोश्चतुष्कप्रकाशिन्यै नमः।
Om Padmaragangadadyotaddoshchatushkaprakashinyai Namah।
जिनके कमल वर्ण शरीर की आभा से चारों दिशायें प्रकाशित हैं
कर्पूरागरुकस्तूरीकुङ्कुमद्रवलेपिता
828
ॐ कर्पूरागरुकस्तूरीकुङ्कुमद्रवलेपितायै नमः।
Om Karpuragarukasturikunkumadravalepitayai Namah।
जो कपूर, कस्तूरी एवं कुमकुम का लेपन करती हैं
विचित्ररत्नपृथिवीकल्पशाखितलस्थिता
829
ॐ विचित्ररत्नपृथिवीकल्पशाखितलस्थितायै नमः।
Om Vichitraratnaprithivikalpashakhitalasthitayai Namah।
जो विचित्र रत्नों से युक्त कल्पवृक्ष के मूल में निवास करती हैं
रत्नद्वीपस्फुरद्रत्नसिंहासननिवासिनी
830
ॐ रत्नद्वीपस्फुरद्रत्नसिंहासननिवासिन्यै नमः।
Om Ratnadvipasphuradratnasimhasananivasinyai Namah।
जो रत्नद्वीप स्थित सिंहासन पर विराजमान हैं
षट्चक्रभेदनकरी
831
ॐ षट्चक्रभेदनकर्यै नमः।
Om Shatchakrabhedanakaryai Namah।
जो षट चक्रों (मूलाधार, स्वाधिष्ठान, मणिपूरक, अनाहत, विशुद्धि, आज्ञा) का भेदन करने वाली हैं
परमानन्दरूपिणी
832
ॐ परमानन्दरूपिण्यै नमः।
Om Paramanandarupinyai Namah।
जो स्वयं परमानन्द स्वरूपा हैं
सहस्रदलपद्मान्ता
833
ॐ सहस्रदलपद्मान्तायै नमः।
Om Sahasradalapadmantayai Namah।
जो सहस्र दल वाले कमल पुष्प पर विराजमान हैं
चन्द्रमण्डलवर्तिनी
834
ॐ चन्द्रमण्डलवर्तिन्यै नमः।
Om Chandramandalavartinyai Namah।
जो चन्द्र मण्डल में निवास करती हैं
ब्रह्मरूपा
835
ॐ ब्रह्मरूपायै नमः।
Om Brahmarupayai Namah।
जो स्वयं परब्रह्म स्वरूपा हैं
शिवक्रोडा
836
ॐ शिवक्रोडायै नमः।
Om Shivakrodayai Namah।
जो भगवान शिव के हृदय में निवास करती हैं
नानासुखविलासिनी
837
ॐ नानासुखविलासिन्यै नमः।
Om Nanasukhavilasinyai Namah।
जो विभिन्न प्रकार के सुखों की स्वामिनी हैं
हरविष्णुविरिञ्चीन्द्रग्रहनायकसेविता
838
ॐ हरविष्णुविरिञ्चीन्द्रग्रहनायकसेवितायै नमः।
Om Haravishnuvirinchindragrahanayakasevitayai Namah।
जिनकी सेवा में शिव, विष्णु, ब्रह्मा, इन्द्र एवं सूर्य तत्पर हैं
शिवा
839
ॐ शिवायै नमः।
Om Shivayai Namah।
जो भगवान शिव की शक्ति हैं
शैवा
840
ॐ शैवायै नमः।
Om Shaivayai Namah।
जो भगवान शिव की उपासना करती हैं
रुद्राणी
841
ॐ रुद्राण्यै नमः।
Om Rudranyai Namah।
जो रुद्र (भगवान शिव) की धर्मपत्नी हैं
शिवनादिनी
842
ॐ शिवनादिन्यै नमः।
Om Shivanadinyai Namah।
जो भगवान शिव की प्रतिध्वनि हैं
महादेवप्रिया
843
ॐ महादेवप्रियायै नमः।
Om Mahadevapriyayai Namah।
जो महादेव को प्रिय हैं
देवी
844
ॐ देव्यै नमः।
Om Devyai Namah।
जो अनन्त शक्ति से युक्त हैं
अनङ्गमेखला
845
ॐ अनङ्गमेखलायै नमः।
Om Anangamekhalayai Namah।
जो अन्तरिक्ष को अपनी मेखला के रूप में धारण करती हैं
डाकिनी
846
ॐ डाकिन्यै नमः।
Om Dakinyai Namah।
जो डाकिनी स्वरूपा हैं
योगिनी
847
ॐ योगिन्यै नमः।
Om Yoginyai Namah।
जो योगिनी स्वरूपा हैं
उपयोगिनी
848
ॐ उपयोगिन्यै नमः।
Om Upayoginyai Namah।
जो उपयोगिनी स्वरूपा हैं
मता
849
ॐ मतायै नमः।
Om Matayai Namah।
जो मता (बुद्धि) स्वरूपा हैं
माहेश्वरी
850
ॐ माहेश्वर्यै नमः।
Om Maheshvaryai Namah।
जो महेश्वर (भगवान शिव) की शक्ति हैं
वैष्णवी
851
ॐ वैष्णव्यै नमः।
Om Vaishnavyai Namah।
जो वैष्णवी के रूप में विराजमान हैं
भ्रामरी
852
ॐ भ्रामर्यै नमः।
Om Bhramaryai Namah।
जो भ्रामरी प्राणायाम के रूप में स्थित हैं
शिवरूपिणी
853
ॐ शिवरूपिण्यै नमः।
Om Shivarupinyai Namah।
जो भगवान शिव के रूप में स्थित हैं
अलम्बुसा
854
ॐ अलम्बुसायै नमः।
Om Alambusayai Namah।
जो सीमारेखा के रूप में स्थित हैं
भोगवती
855
ॐ भोगवत्यै नमः।
Om Bhogavatyai Namah।
जो धन-वैभव से युक्त हैं
क्रोधरूपा
856
ॐ क्रोधरूपायै नमः।
Om Krodharupayai Namah।
जो क्रोध के रूप में स्थित हैं
सुमेखला
857
ॐ सुमेखलायै नमः।
Om Sumekhalayai Namah।
जो सुन्दर मेखला धारण करती हैं
गान्धारी
858
ॐ गान्धार्यै नमः।
Om Gandharyai Namah।
जो गान्धारी स्वरूपा हैं
हस्तिजिह्वा
859
ॐ हस्तिजिह्वायै नमः।
Om Hastijihvayai Namah।
जिनकी जिह्वा लम्बी है
इडा
860
ॐ इडायै नमः।
Om Idayai Namah।
जो इडा नाड़ी के रूप में स्थित है
शुभङ्करी
861
ॐ शुभङ्कर्यै नमः।
Om Shubhankaryai Namah।
जो शुभ एवं मंगल करने वाली हैं
पिङ्गला
862
ॐ पिङ्गलायै नमः।
Om Pingalayai Namah।
जो पिङ्गला नामक नाड़ी के रूप में स्थित है
दक्षसूत्री
863
ॐ दक्षसूत्र्यै नमः।
Om Dakshasutryai Namah।
जो अति बुद्धिशालिनी हैं
सुषुम्ना
864
ॐ सुषुम्नायै नमः।
Om Sushumnayai Namah।
जो सुषुम्ना नाड़ी के रूप में स्थित हैं
गन्धिनी
865
ॐ गन्धिन्यै नमः।
Om Gandhinyai Namah।
जो गन्ध के रूप में स्थित हैं
भगात्मिका
866
ॐ भगात्मिकायै नमः।
Om Bhagatmikayai Namah।
जो योनि स्वरूपा हैं
भगाधारा
867
ॐ भगाधारायै नमः।
Om Bhagadharayai Namah।
जो योनि का आधार हैं
भगेशी
868
ॐ भगेश्यै नमः।
Om Bhageshyai Namah।
जो भाग्य एवं समृद्धि की देवी हैं
भगरूपिणी
869
ॐ भगरूपिण्यै नमः।
Om Bhagarupinyai Namah।
जो योनि के रूप में स्थित हैं
लिङ्गाख्या
870
ॐ लिङ्गाख्यायै नमः।
Om Lingakhyayai Namah।
जो लिङ्ग के रूप में स्थित हैं
कामेशी
871
ॐ कामेश्यै नमः।
Om Kameshyai Namah।
जो कामनाओं की देवी हैं
त्रिपुराभैरवी
872
ॐ त्रिपुरायै भैरव्यै नमः।
Om Tripurayai Bhairavyai Namah।
जो त्रिपुर में पूजी जाने वाली देवी हैं
लिङ्गगीति
873
ॐ लिङ्गगीत्यै नमः।
Om Lingagityai Namah।
जो लिङ्ग की गाथा का गायन करती हैं
सुगीति
874
ॐ सुगीत्यै नमः।
Om Sugityai Namah।
जो मधुर गायन करती हैं
लिङ्गस्था
875
ॐ लिङ्गस्थायै नमः।
Om Lingasthayai Namah।
जो लिङ्ग में स्थित हैं
लिङ्गरूपधृक्
876
ॐ लिङ्गरूपधृषे नमः।
Om Lingarupadhrishe Namah।
जो लिङ्ग का रूप धारण करने वाली हैं
लिङ्गमाला
877
ॐ लिङ्गमालायै नमः।
Om Lingamalayai Namah।
जो लिङ्गों की माला धारण करने वाली हैं
लिङ्गभवा
878
ॐ लिङ्गभवायै नमः।
Om Lingabhavayai Namah।
जो लिङ्ग से उत्पन्न हुयी हैं
लिङ्गलिङ्गा
879
ॐ लिङ्गलिङ्गायै नमः।
Om Lingalingayai Namah।
जो लैंगिक एवं अलैंगिक हैं
पावकी
880
ॐ पावक्यै नमः।
Om Pavakyai Namah।
जो देवी पार्वती स्वरूपा हैं
भगवती
881
ॐ भगवत्यै नमः।
Om Bhagavatyai Namah।
जो भाग्यशालिनी हैं
कौशिकी
882
ॐ कौशिक्यै नमः।
Om Kaushikyai Namah।
जो कोशिका के रूप में स्थित हैं
प्रेमरूपा
883
ॐ प्रेमरूपायै नमः।
Om Premarupayai Namah।
जो प्रेम के रूप में विद्यमान हैं
प्रियम्वदा
884
ॐ प्रियंवदायै नमः।
Om Priyamvadayai Namah।
जो प्रिय बोलने वाली हैं
गृध्ररूपी
885
ॐ गृध्ररूप्यै नमः।
Om Gridhrarupyai Namah।
जो इच्छा के रूप में स्थित हैं
शिवारूपा
886
ॐ शिवारूपायै नमः।
Om Shivarupayai Namah।
जो भगवान शिव की शक्ति के रूप में विद्यमान हैं
चक्रेशी
887
ॐ चक्रेश्यै नमः।
Om Chakreshyai Namah।
जो चक्र धारण करती हैं
चक्ररूपधृक्
888
ॐ चक्ररूपधृषे नमः।
Om Chakrarupadhrishe Namah।
जो स्वयं चक्र के रूप में स्थित हैं
आत्मयोनि
889
ॐ आत्मयोन्यै नमः।
Om Atmayonyai Namah।
जो आत्मा स्वरूपा हैं
ब्रह्मयोनि
890
ॐ ब्रह्मयोन्यै नमः।
Om Brahmayonyai Namah।
जो ब्रह्म स्वरूपा हैं
जगद्योनि
891
ॐ जगद्योन्यै नमः।
Om Jagadyonyai Namah।
जो सृष्टि स्वरूपा हैं
अयोनिजा
892
ॐ अयोनिजायै नमः।
Om Ayonijayai Namah।
जो किसी गर्भ से नहीं जन्मी हैं
भगरूपा
893
ॐ भगरूपायै नमः।
Om Bhagarupayai Namah।
जो योनि रूप में स्थित हैं
भगस्थात्री
894
ॐ भगस्थात्र्यै नमः।
Om Bhagasthatryai Namah।
जो योनि में निवास करती हैं
भगिनी
895
ॐ भगिन्यै नमः।
Om Bhaginyai Namah।
जो पूजनीय एवं सम्मानीय स्त्री मात्रक हैं
भगमालिनी
896
ॐ भगमालिन्यै नमः।
Om Bhagamalinyai Namah।
जो योनि की माला धारण करती हैं
भगात्मिका
897
ॐ भगात्मिकायै नमः।
Om Bhagatmikayai Namah।
जो योनि रूप में समाहित हैं
भगाधाररूपिणी
898
ॐ भगाधाररूपिण्यै नमः।
Om Bhagadhararupinyai Namah।
जो योनि के आधार के रूप में विद्यमान हैं
भगशालिनी
899
ॐ भगशालिन्यै नमः।
Om Bhagashalinyai Namah।
जो योनि से युक्त हैं
लिङ्गाभिधायिनी
900
ॐ लिङ्गाभिधायिन्यै नमः।
Om Lingabhidhayinyai Namah।
जो लिङ्ग को निरूपित करती हैं
लिङ्गप्रिया
901
ॐ लिङ्गप्रियायै नमः।
Om Lingapriyayai Namah।
जो लिङ्ग को प्रिय हैं
लिङ्गनिवासिनी
902
ॐ लिङ्गनिवासिन्यै नमः।
Om Linganivasinyai Namah।
जो लिङ्ग में निवास करती हैं
लिङ्गस्था
903
ॐ लिङ्गस्थायै नमः।
Om Lingasthayai Namah।
जो लिङ्ग में स्थित हैं
लिङ्गिनी
904
ॐ लिङ्गिन्यै नमः।
Om Linginyai Namah।
जो लिङ्ग की शक्ति के रूप में विद्यमान हैं
लिङ्गरूपिणी
905
ॐ लिङ्गरूपिण्यै नमः।
Om Lingarupinyai Namah।
जो लिङ्ग के रूप में विद्यमान हैं
लिङ्गसुन्दरी
906
ॐ लिङ्गसुन्दर्यै नमः।
Om Lingasundaryai Namah।
जो लिङ्ग के साथ सुन्दर रूप में विद्यमान हैं
लिङ्गरीति
907
ॐ लिङ्गरीत्यै नमः।
Om Lingarityai Namah।
जो लिङ्ग की मार्गदर्शिका हैं
महाप्रीति
908
ॐ महाप्रीत्यै नमः।
Om Mahaprityai Namah।
जो परम कृपालु हैं
भगगीति
909
ॐ भगगीत्यै नमः।
Om Bhagagityai Namah।
जो योनि की गाथा का गायन करती हैं
महासुखा
910
ॐ महासुखायै नमः।
Om Mahasukhayai Namah।
जो परम सुख स्वरूपा हैं
लिङ्गनामसदानन्दा
911
ॐ लिङ्गनामसदानन्दायै नमः।
Om Linganamasadanandayai Namah।
जो लिङ्ग के स्मरण से निरन्तर आनन्दित होती हैं
भगनामसदारति
912
ॐ भगनामसदारत्यै नमः।
Om Bhaganamasadaratyai Namah।
जो निरन्तर योनि के स्मरण में रत रहती हैं
भगनामसदानन्दा
913
ॐ भगनामसदानन्दायै नमः।
Om Bhaganamasadanandayai Namah।
जो योनि का नाम सुनकर आनन्दित होती हैं
लिङ्गनामसदारति
914
ॐ लिङ्गनामसदारत्यै नमः।
Om Linganamasadaratyai Namah।
जो निरन्तर लिङ्ग स्मरण में रत रहती हैं
लिङ्गमालाकराभूषा
915
ॐ लिङ्गमालाकराभूषायै नमः।
Om Lingamalakarabhushayai Namah।
जो लिङ्ग को हाथ में आभूषण के रूप में धारण करती हैं
भगमालाविभूषणा
916
ॐ भगमालाविभूषणायै नमः।
Om Bhagamalavibhushanayai Namah।
जो योनि की मालाओं से अलंकृत हैं
भगलिङ्गामृतवृता
917
ॐ भगलिङ्गामृतवृतायै नमः।
Om Bhagalingamritavritayai Namah।
जो योनि-लिङ्ग में अमृत तुल्य बीज प्रदान करने वाली हैं
भगलिङ्गामृतात्मिका
918
ॐ भगलिङ्गामृतात्मिकायै नमः।
Om Bhagalingamritatmikayai Namah।
जो योनि-लिङ्ग में अमृत तुल्य बीज के रूप में विद्यमान हैं
भगलिङ्गार्चनप्रीता
919
ॐ भगलिङ्गार्चनप्रीतायै नमः।
Om Bhagalingarchanapritayai Namah।
जिन्हें योनि एवं लिङ्ग पूजन प्रिय है
भगलिङ्गस्वरूपिणी
920
ॐ भगलिङ्गस्वरूपिण्यै नमः।
Om Bhagalingasvarupinyai Namah।
जो योनि एवं लिङ्ग के रूप में स्थित हैं
भगलिङ्गस्वरूपा
921
ॐ भगलिङ्गस्वरूपायै नमः।
Om Bhagalingasvarupayai Namah।
जो योनि एवं लिङ्ग स्वरूपा हैं
भगलिङ्गसुखावहा
922
ॐ भगलिङ्गसुखावहायै नमः।
Om Bhagalingasukhavahayai Namah।
जो योनि एवं लिङ्ग से हर्षित होने वाली हैं
स्वयम्भूकुसुमप्रीता
923
ॐ स्वयम्भूकुसुमप्रीतायै नमः।
Om Svayambhukusumapritayai Namah।
जिन्हें कुसुम पुष्प प्रिय हैं
स्वयम्भूकुसुमार्चिता
924
ॐ स्वयम्भूकुसुमार्चितायै नमः।
Om Svayambhukusumarchitayai Namah।
जिनकी कुसुम पुष्प से पूजा-अर्चना की जाती है
स्वयम्भूकुसुमप्राणा
925
ॐ स्वयम्भूकुसुमप्राणायै नमः।
Om Svayambhukusumapranayai Namah।
जो कुसुम पुष्प की प्राण रूप हैं
स्वयम्भूकुसुमोत्थिता
926
ॐ स्वयम्भूकुसुमोत्थितायै नमः।
Om Svayambhukusumotthitayai Namah।
जो कुसुम पुष्प से उत्पन्न हुयी हैं
स्वयम्भूकुसुमस्नाता
927
ॐ स्वयम्भूकुसुमस्नातायै नमः।
Om Svayambhukusumasnatayai Namah।
जो कुसुम पुष्पों से स्नान करती हैं
स्वयम्भूपुष्पतर्पिता
928
ॐ स्वयम्भूपुष्पतर्पितायै नमः।
Om Svayambhupushpatarpitayai Namah।
जिन्हें पुष्प अर्पित किये जाते हैं
स्वयम्भूपुष्पघटिता
929
ॐ स्वयम्भूपुष्पघटितायै नमः।
Om Svayambhupushpaghatitayai Namah।
जो स्वयं प्रकट होने वाले पुष्पों से युक्त हैं
स्वयम्भूपुष्पधारिणी
930
ॐ स्वयम्भूपुष्पधारिण्यै नमः।
Om Svayambhupushpadharinyai Namah।
जो स्वयं प्रकट होने वाले पुष्प धारण करती हैं
स्वयम्भूपुष्पतिलका
931
ॐ स्वयम्भूपुष्पतिलकायै नमः।
Om Svayambhupushpatilakayai Namah।
जो स्वयं प्रकट होने वाले पुष्प का तिलक धारण करती हैं
स्वयम्भूपुष्पचर्चिता
932
ॐ स्वयम्भूपुष्पचर्चितायै नमः।
Om Svayambhupushpacharchitayai Namah।
जो स्वयं प्रकट होने वाले पुष्प द्वारा पूजी जाती हैं
स्वयम्भूपुष्पनिरता
933
ॐ स्वयम्भूपुष्पनिरतायै नमः।
Om Svayambhupushpaniratayai Namah।
जो स्वयं प्रकट होने वाले पुष्प से प्रसन्न होती हैं
स्वयम्भूकुसुमाग्रहा
934
ॐ स्वयम्भूकुसुमाग्रहायै नमः।
Om Svayambhukusumagrahayai Namah।
जो स्वयं प्रकट होने वाले पुष्प का निवास हैं
स्वयम्भूपुष्पयज्ञेशा
935
ॐ स्वयम्भूपुष्पयज्ञेशायै नमः।
Om Svayambhupushpayajneshayai Namah।
जिनका हवन कुसुम पुष्प से किया जाता है
स्वयम्भूकुसुममालिका
936
ॐ स्वयम्भूकुसुममालिकायै नमः।
Om Svayambhukusumamalikayai Namah।
जो कुसुम पुष्प की माला धारण करती हैं
स्वयम्भूपुष्पनिचिता
937
ॐ स्वयम्भूपुष्पनिचितायै नमः।
Om Svayambhupushpanichitayai Namah।
जो स्वयम्भू पुष्पों से घिरी हुयी हैं
स्वयम्भूकुसुमप्रिया
938
ॐ स्वयम्भूकुसुमप्रियायै नमः।
Om Svayambhukusumapriyayai Namah।
जिन्हें कुसुम पुष्प प्रिय हैं
स्वयम्भूकुसुमादानलालसोन्मत्तमानसा
939
ॐ स्वयम्भूकुसुमादानलालसोन्मत्तमानसायै नमः।
Om Svayambhukusumadanalalasonmattamanasayai Namah।
जिनका मन कुसुम पुष्प की लालसा से आनन्दित हो उठता है
स्वयम्भूकुसुमानन्दलहरीस्निग्धदेहिनी
940
ॐ स्वयम्भूकुसुमानन्दलहरीस्निग्धदेहिन्यै नमः।
Om Svayambhukusumanandalaharisnigdhadehinyai Namah।
जिनका शरीर कुसुम पुष्प की आनन्द लहरों में लिप्त है
स्वयम्भूकुसुमाधारा
941
ॐ स्वयम्भूकुसुमाधारायै नमः।
Om Svayambhukusumadharayai Namah।
जो कुसुम पुष्प धारण करती हैं
स्वयम्भूकुसुमाकुला
942
ॐ स्वयम्भूकुसुमाकुलायै नमः।
Om Svayambhukusumakulayai Namah।
जो कुसुम पुष्प के समान हैं
स्वयम्भूपुष्पनिलया
943
ॐ स्वयम्भूपुष्पनिलयायै नमः।
Om Svayambhupushpanilayayai Namah।
जो स्वयम्भू पुष्प में विद्यमान हैं
स्वयम्भूपुष्पवासिनी
944
ॐ स्वयम्भूपुष्पवासिन्यै नमः।
Om Svayambhupushpavasinyai Namah।
जो स्वयम्भू पुष्प में निवास करती हैं
स्वयम्भूकुसुमस्निग्धा
945
ॐ स्वयम्भूकुसुमस्निग्धायै नमः।
Om Svayambhukusumasnigdhayai Namah।
जिन्हें कुसुम पुष्प अत्यन्त प्रिय हैं
स्वयम्भूकुसुमात्मिका
946
ॐ स्वयम्भूकुसुमात्मिकायै नमः।
Om Svayambhukusumatmikayai Namah।
जिनसे कुसुम पुष्प उत्पन्न हुये हैं
स्वयम्भूपुष्पकरिणी
947
ॐ स्वयम्भूपुष्पकरिण्यै नमः।
Om Svayambhupushpakarinyai Namah।
जो स्वयम्भू पुष्प को धारण करती हैं
स्वयम्भूपुष्पमालिका
948
ॐ स्वयम्भूपुष्पमालिकायै नमः।
Om Svayambhupushpamalikayai Namah।
जो स्वयम्भू पुष्प की माला धारण करती हैं
स्वयम्भूकुसुमन्यासा
949
ॐ स्वयम्भूकुसुमन्यासायै नमः।
Om Svayambhukusumanyasayai Namah।
जो कुसुम पुष्प में समाहित हैं
स्वयम्भूकुसुमप्रभा
950
ॐ स्वयम्भूकुसुमप्रभायै नमः।
Om Svayambhukusumaprabhayai Namah।
जो कुसुम पुष्प की आभा हैं
स्वयम्भूकुसुमज्ञाना
951
ॐ स्वयम्भूकुसुमज्ञानायै नमः।
Om Svayambhukusumajnanayai Namah।
जिन्हें कुसुम पुष्प का ज्ञान है
स्वयम्भूपुष्पभोगिनी
952
ॐ स्वयम्भूपुष्पभोगिन्यै नमः।
Om Svayambhupushpabhoginyai Namah।
जो स्वयम्भू पुष्प का उपयोग करती हैं
स्वयम्भूकुसुमोल्लासा
953
ॐ स्वयम्भूकुसुमोल्लासायै नमः।
Om Svayambhukusumollasayai Namah।
जो कुसुम पुष्प से उल्लसित होती हैं
स्वयम्भूपुष्पवर्षिणी
954
ॐ स्वयम्भूपुष्पवर्षिण्यै नमः।
Om Svayambhupushpavarshinyai Namah।
जिनपर स्वयम्भू पुष्पों की वर्षा होती है
स्वयम्भूकुसुमानन्दा
955
ॐ स्वयम्भूकुसुमानन्दायै नमः।
Om Svayambhukusumanandayai Namah।
जिन्हें कुसुम पुष्प से आनन्द प्राप्त होता है
स्वयम्भूपुष्पपुष्पिणी
956
ॐ स्वयम्भूपुष्पपुष्पिण्यै नमः।
Om Svayambhupushpapushpinyai Namah।
जो कुसुम पुष्प के समान कामुक हैं
स्वयम्भूकुसुमोत्साहा
957
ॐ स्वयम्भूकुसुमोत्साहायै नमः।
Om Svayambhukusumotsahayai Namah।
जो कुसुम पुष्प से उत्साहित होती हैं
स्वयम्भूपुष्परूपिणी
958
ॐ स्वयम्भूपुष्परूपिण्यै नमः।
Om Svayambhupushparupinyai Namah।
जो कुसुम पुष्प के रूप में स्थित हैं
स्वयम्भूकुसुमोन्मादा
959
ॐ स्वयम्भूकुसुमोन्मादायै नमः।
Om Svayambhukusumonmadayai Namah।
जो कुसुम पुष्प से उन्मादित हो जाती हैं
स्वयम्भूपुष्पसुन्दरी
960
ॐ स्वयम्भूपुष्पसुन्दर्यै नमः।
Om Svayambhupushpasundaryai Namah।
जो पुष्प के समान सुन्दर हैं
स्वयम्भूकुसुमाराध्या
961
ॐ स्वयम्भूकुसुमाराध्यायै नमः।
Om Svayambhukusumaradhyayai Namah।
जिनकी आराधना कुसुम पुष्प से की जाती है
स्वयम्भूकुसुमोद्भवा
962
ॐ स्वयम्भूकुसुमोद्भवायै नमः।
Om Svayambhukusumodbhavayai Namah।
जो कुसुम पुष्प से प्रकट हुयी हैं
स्वयम्भूकुसुमव्यग्रा
963
ॐ स्वयम्भूकुसुमव्यग्रायै नमः।
Om Svayambhukusumavyagrayai Namah।
जो कुसुम पुष्प हेतु व्याकुल हैं
स्वयम्भूपुष्पपूजिता
964
ॐ स्वयम्भूपुष्पपूजितायै नमः।
Om Svayambhupushpapujitayai Namah।
जो कुसुम पुष्प द्वारा पूजित हैं
स्वयम्भूपूजकप्राज्ञा
965
ॐ स्वयम्भूपूजकप्राज्ञायै नमः।
Om Svayambhupujakaprajnayai Namah।
जो शिव भक्त की बुद्धि के रूप में स्थित हैं
स्वयम्भूहोतृमात्रिका
966
ॐ स्वयम्भूहोतृमात्रिकायै नमः।
Om Svayambhuhotrimatrikayai Namah।
जो शिव हवन की मातृका हैं
स्वयम्भूदातृरक्षित्री
967
ॐ स्वयम्भूदातृरक्षित्र्यै नमः।
Om Svayambhudatrirakshitryai Namah।
जो भगवान शिव के वरदान की रक्षा करती हैं
स्वयम्भूभक्तभाविका
968
ॐ स्वयम्भूभक्तभाविकायै नमः।
Om Svayambhubhaktabhavikayai Namah।
जो शिव भक्तों से प्रसन्न होती हैं
स्वयम्भूकुसुमप्रीता
969
ॐ स्वयम्भूकुसुमप्रीतायै नमः।
Om Svayambhukusumapritayai Namah।
जो भगवान शिव को प्रिय हैं
स्वयम्भूपूजकप्रिया
970
ॐ स्वयम्भूपूजकप्रियायै नमः।
Om Svayambhupujakapriyayai Namah।
जो शिव भक्तों की प्रिय हैं
स्वयम्भूवन्दकाधारा
971
ॐ स्वयम्भूवन्दकाधारायै नमः।
Om Svayambhuvandakadharayai Namah।
जो शिव वन्दना करने वालों की आधार हैं
स्वयम्भूनिन्दकान्तका
972
ॐ स्वयम्भूनिन्दकान्तकायै नमः।
Om Svayambhunindakantakayai Namah।
जो शिव निन्दकों का अन्त करने वाली हैं
स्वयम्भूप्रदसर्वस्वा
973
ॐ स्वयम्भूप्रदसर्वस्वायै नमः।
Om Svayambhupradasarvasvayai Namah।
जिन्हें भगवान शिव ने सर्वस्व प्रदान किया है
स्वयम्भूप्रदपुत्रिणी
974
ॐ स्वयम्भूप्रदपुत्रिण्यै नमः।
Om Svayambhupradaputrinyai Namah।
जिन्हें भगवान शिव ने पुत्र प्रदान किया है
स्वयम्भूप्रदसस्मेरा
975
ॐ स्वयम्भूप्रदसस्मेरायै नमः।
Om Svayambhupradasasmerayai Namah।
जिनके मुख पर शिव द्वारा प्रदत्त मुस्कान है
स्वयम्भूतशरीरिणी
976
ॐ स्वयम्भूतशरीरिण्यै नमः।
Om Svayambhutasharirinyai Namah।
जो भगवान शिव में निवास करती हैं
सर्वलोकोद्भवप्रीता
977
ॐ सर्वलोकोद्भवप्रीतायै नमः।
Om Sarvalokodbhavapritayai Namah।
जो समस्त लोकों में प्रिय हैं
सर्वलोकोद्भवात्मिका
978
ॐ सर्वलोकोद्भवात्मिकायै नमः।
Om Sarvalokodbhavatmikayai Namah।
जो सृष्टि का उद्भव हैं
सर्वकालोद्भवोद्भावा
979
ॐ सर्वकालोद्भवोद्भावायै नमः।
Om Sarvakalodbhavodbhavayai Namah।
जो समस्त कालों के उद्भव का स्रोत हैं
सर्वकालोद्भवोद्भवा
980
ॐ सर्वकालोद्भवोद्भवायै नमः।
Om Sarvakalodbhavodbhavayai Namah।
जो सभी कालों की रचना करती हैं
कुण्डपुष्पसमप्रीति
981
ॐ कुण्डपुष्पसमप्रीत्यै नमः।
Om Kundapushpasamaprityai Namah।
जिन्हें कुन्द पुष्प प्रिय हैं
कुण्डपुष्पसमारति
982
ॐ कुण्डपुष्पसमारत्यै नमः।
Om Kundapushpasamaratyai Namah।
जो कुन्द पुष्प के समान आनन्दमयी हैं
कुण्डगोलोद्भवप्रीता
983
ॐ कुण्डगोलोद्भवप्रीतायै नमः।
Om Kundagolodbhavapritayai Namah।
जिन्हें स्त्री-पुरुष के बीज का मिश्रण प्रिय है
कुण्डगोलोद्भवात्मिका
984
ॐ कुण्डगोलोद्भवात्मिकायै नमः।
Om Kundagolodbhavatmikayai Namah।
जो स्त्री-पुरुष के बीज के रूप में स्थित हैं
स्वयम्भू
985
ॐ स्वयम्भुवे नमः।
Om Svayambhuve Namah।
जो स्वयं प्रकट हुयी हैं
शिवा
986
ॐ शिवायै नमः।
Om Shivayai Namah।
जो शुभ हैं
शक्ता
987
ॐ शक्तायै नमः।
Om Shaktayai Namah।
जो शक्ति स्वरूपा हैं
पावनी
988
ॐ पावन्यै नमः।
Om Pavanyai Namah।
जो परम पवित्र एवं पावन हैं
लोकपावनी
989
ॐ लोकपावन्यै नमः।
Om Lokapavanyai Namah।
जो संसार को पवित्र करने वाली हैं
कीर्ति
990
ॐ कीर्त्यै नमः।
Om Kirtyai Namah।
जो स्वयं कीर्ति स्वरूपा हैं
यशस्विनी
991
ॐ यशस्विन्यै नमः।
Om Yashasvinyai Namah।
जिनका यश सम्पूर्ण सृष्टि में फैला हुआ है
मेधा
992
ॐ मेधायै नमः।
Om Medhayai Namah।
जो बुद्धि स्वरूपा हैं
विमेधा
993
ॐ विमेधायै नमः।
Om Vimedhayai Namah।
जो बुद्धिमत्ता के रूप में स्थित हैं
सुरसुन्दरी
994
ॐ सुरसुन्दर्यै नमः।
Om Surasundaryai Namah।
जो समस्त देवी-देवताओं में सर्वाधिक सुन्दर हैं
अश्विनी
995
ॐ अश्विन्यै नमः।
Om Ashvinyai Namah।
जो अश्विनी नक्षत्र के रूप में विद्यमान हैं
कृत्तिका
996
ॐ कृत्तिकायै नमः।
Om Krittikayai Namah।
जो कृत्तिका नक्षत्र के रूप में विद्यमान हैं
पुष्या
997
ॐ पुष्यायै नमः।
Om Pushyayai Namah।
जो पुष्य नक्षत्र के रूप में विद्यमान हैं
तेजस्विचन्द्रमण्डला
998
ॐ तेजस्विचन्द्रमण्डलायै नमः।
Om Tejasvichandramandalayai Namah।
जिनका तेज चन्द्रमण्डल के समान है
सूक्ष्मासूक्ष्मप्रदा
999
ॐ सूक्ष्मासूक्ष्मप्रदायै नमः।
Om Sukshmasukshmapradayai Namah।
जो सूक्ष्म एवं असूक्ष्म दोनों प्रदान करने वाली हैं
सूक्ष्मासूक्ष्मभयविनाशिनी
1000
ॐ सूक्ष्मासूक्ष्मभयविनाशिन्यै नमः।
Om Sukshmasukshmabhayavinashinyai Namah।
जो सूक्ष्म एवं असूक्ष्म भय का नाश करती हैं
वरदा
1001
ॐ वरदायै नमः।
Om Varadayai Namah।
जो वर प्रदान करने वाली हैं
अभयदा
1002
ॐ अभयदायै नमः।
Om Abhayadayai Namah।
जो अभय प्रदान करने वाली हैं
मुक्तिबन्धविनाशिनी
1003
ॐ मुक्तिबन्धविनाशिन्यै नमः।
Om Muktibandhavinashinyai Namah।
जो मुक्तिमार्ग की बाधाओं को नष्ट करती हैं
कामुकी
1004
ॐ कामुक्यै नमः।
Om Kamukyai Namah।
जो कामुक हैं
कामदा
1005
ॐ कामदायै नमः।
Om Kamadayai Namah।
जो कामनाओं की पूर्ति करती हैं
क्षान्ता
1006
ॐ क्षान्तायै नमः।
Om Kshantayai Namah।
जो धैर्यशालिनी हैं
कामाख्या
1007
ॐ कामाख्यायै नमः।
Om Kamakhyayai Namah।
जो इच्छाओं को पूर्ण करती हैं
कुलसुन्दरी
1008
ॐ कुलसुन्दर्यै नमः।
Om Kulasundaryai Namah।
जो अपने कुल में सर्वाधिक सौन्दर्य से युक्त हैं
सुखदा
1009
ॐ सुखदायै नमः।
Om Sukhadayai Namah।
जो सुख प्रदान करने वाली हैं
दुःखदा
1010
ॐ दुःखदायै नमः।
Om Duhkhadayai Namah।
जो दुख प्रदान करने वाली हैं
मोक्षा
1011
ॐ मोक्षायै नमः।
Om Mokshayai Namah।
जो स्वयं मोक्ष स्वरूपा हैं
मोक्षदार्थप्रकाशिनी
1012
ॐ मोक्षदार्थप्रकाशिन्यै नमः।
Om Mokshadarthaprakashinyai Namah।
जो मोक्ष प्रदान करने हेतु प्रकट हुयी हैं
दुष्टादुष्टमति
1013
ॐ दुष्टादुष्टमत्यै नमः।
Om Dushtadushtamatyai Namah।
जो उत्पाती एवं उपद्रवी हैं
सर्वकार्यविनाशिनी
1014
ॐ सर्वकार्यविनाशिन्यै नमः।
Om Sarvakaryavinashinyai Namah।
जो समस्त कार्यों का विनाश करने वाली हैं
शुक्राधारा
1015
ॐ शुक्राधारायै नमः।
Om Shukradharayai Namah।
जो शुक्र का आधार हैं
शुक्ररूपा
1016
ॐ शुक्ररूपायै नमः।
Om Shukrarupayai Namah।
जो शुक्र के रूप में स्थित हैं
शुक्रसिन्धुनिवासिनी
1017
ॐ शुक्रसिन्धुनिवासिन्यै नमः।
Om Shukrasindhunivasinyai Namah।
जो शुक्र के सागर में निवास करती हैं
शुक्रालया
1018
ॐ शुक्रालयायै नमः।
Om Shukralayayai Namah।
जो शुक्र का निवास हैं
शुक्रभोगा
1019
ॐ शुक्रभोगायै नमः।
Om Shukrabhogayai Namah।
जो शुक्र का आनन्द लेने वाली हैं
शुक्रपूजासदारति
1020
ॐ शुक्रपूजासदारत्यै नमः।
Om Shukrapujasadaratyai Namah।
जो सदैव शुक्र पूजा में लीन रहती हैं
शुक्रपूज्या
1021
ॐ शुक्रपूज्यायै नमः।
Om Shukrapujyayai Namah।
जो शुक्र के द्वारा पूजनीय हैं
शुक्रहोमसन्तुष्टा
1022
ॐ शुक्रहोमसन्तुष्टायै नमः।
Om Shukrahomasantushtayai Namah।
जो शुक्र हवन द्वारा प्रसन्न होती हैं
शुक्रवत्सला
1023
ॐ शुक्रवत्सलायै नमः।
Om Shukravatsalayai Namah।
जिन्हें शुक्र प्रिय हैं
शुक्रमूर्ति
1024
ॐ शुक्रमूर्त्यै नमः।
Om Shukramurtyai Namah।
जो शुक्र का मूर्त स्वरूप हैं
शुक्रदेहा
1025
ॐ शुक्रदेहायै नमः।
Om Shukradehayai Namah।
जो शुक्र के रूप में स्थित हैं
शुक्रपूजकपुत्रिणी
1026
ॐ शुक्रपूजकपुत्रिण्यै नमः।
Om Shukrapujakaputrinyai Namah।
जो शुक्र पूजन करने वालों की पुत्री स्वरूपा हैं
शुक्रस्था
1027
ॐ शुक्रस्थायै नमः।
Om Shukrasthayai Namah।
जो शुक्र में स्थित हैं
शुक्रिणी
1028
ॐ शुक्रिण्यै नमः।
Om Shukrinyai Namah।
जो शुक्र की शक्ति हैं
शुक्रसंस्पृहा
1029
ॐ शुक्रसंस्पृहायै नमः।
Om Shukrasamsprihayai Namah।
जो शुक्र के लिये व्याकुल हैं
शुक्रसुन्दरी
1030
ॐ शुक्रसुन्दर्यै नमः।
Om Shukrasundaryai Namah।
जो शुक्र की सुन्दरता के रूप में विद्यमान हैं
शुक्रस्नाता
1031
ॐ शुक्रस्नातायै नमः।
Om Shukrasnatayai Namah।
जो शुक्र से स्नान करती हैं
शुक्रकरी
1032
ॐ शुक्रकर्यै नमः।
Om Shukrakaryai Namah।
जो शुक्र का निर्माण करने वाली हैं
शुक्रसेव्या
1033
ॐ शुक्रसेव्यायै नमः।
Om Shukrasevyayai Namah।
शुक्र जिनकी सेवा में तत्पर है
अतिशुक्रिणी
1034
ॐ अतिशुक्रिण्यै नमः।
Om Atishukrinyai Namah।
जिनमें शुक्र की प्रचुरता है
महाशुक्रा
1035
ॐ महाशुक्रायै नमः।
Om Mahashukrayai Namah।
जो सर्वोत्तम शुक्र के रूप में विद्यमान हैं
शुक्रभवा
1036
ॐ शुक्रभवायै नमः।
Om Shukrabhavayai Namah।
जो शुक्र के अस्तित्व के रूप में स्थित हैं
शुक्रवृष्टिविधायिनी
1037
ॐ शुक्रवृष्टिविधायिन्यै नमः।
Om Shukravrishtividhayinyai Namah।
जो शुक्र की वर्षा करने वाली हैं
शुक्राभिधेया
1038
ॐ शुक्राभिधेयायै नमः।
Om Shukrabhidheyayai Namah।
जो शुक्र का लक्ष्य हैं
शुक्रार्हा
1039
ॐ शुक्रार्हायै नमः।
Om Shukrarhayai Namah।
जो शुक्र के योग्य हैं
शुक्रवन्दकवन्दिता
1040
ॐ शुक्रवन्दकवन्दितायै नमः।
Om Shukravandakavanditayai Namah।
जो शुक्र पूजन करने वालों की वन्दना करती हैं
शुक्रानन्दकरी
1041
ॐ शुक्रानन्दकर्यै नमः।
Om Shukranandakaryai Namah।
जो शुक्र का आनन्द प्रदान करने वाली हैं
शुक्रसदानन्दविधायिनी
1042
ॐ शुक्रसदानन्दविधायिन्यै नमः।
Om Shukrasadanandavidhayinyai Namah।
जो शुक्र एवं निरन्तर आनन्द प्रदान करती हैं
शुक्रोत्साहा
1043
ॐ शुक्रोत्साहायै नमः।
Om Shukrotsahayai Namah।
जो शुक्र से उत्साहित होती हैं
सदाशुक्रपूर्णा
1044
ॐ सदाशुक्रपूर्णायै नमः।
Om Sadashukrapurnayai Namah।
जो सदैव शुक्र की आपूर्ति करती हैं
शुक्रमनोरमा
1045
ॐ शुक्रमनोरमायै नमः।
Om Shukramanoramayai Namah।
जिनका मन शुक्र से आकर्षित होता है
शुक्रपूजकसर्वस्वा
1046
ॐ शुक्रपूजकसर्वस्वायै नमः।
Om Shukrapujakasarvasvayai Namah।
जो शुक्र पूजन करने वालों की सर्वस्व हैं
शुक्रनिन्दकनाशिनी
1047
ॐ शुक्रनिन्दकनाशिन्यै नमः।
Om Shukranindakanashinyai Namah।
जो शुक्र की निन्दा करने वालों का नाश करती हैं
शुक्रात्मिका
1048
ॐ शुक्रात्मिकायै नमः।
Om Shukratmikayai Namah।
जो शुक्र की आत्मा हैं
शुक्रसम्पत्
1049
ॐ शुक्रसम्पदे नमः।
Om Shukrasampade Namah।
जो शुक्र रूपी सम्पदा से युक्त हैं
शुक्राकर्षणकारिणी
1050
ॐ शुक्राकर्षणकारिण्यै नमः।
Om Shukrakarshanakarinyai Namah।
जो शुक्र को आकर्षित करने वाली हैं
रक्ताशया
1051
ॐ रक्ताशयायै नमः।
Om Raktashayayai Namah।
जो रक्त से परिपूर्ण हैं
रक्तभोगा
1052
ॐ रक्तभोगायै नमः।
Om Raktabhogayai Namah।
जो रक्त का आनन्द उठाती हैं
रक्तपूजासदारति
1053
ॐ रक्तपूजासदारत्यै नमः।
Om Raktapujasadaratyai Namah।
जो सदैव रक्त पूजन में लीन रहती हैं
रक्तपूज्या
1054
ॐ रक्तपूज्यायै नमः।
Om Raktapujyayai Namah।
जो रक्त द्वारा पूजी जाने वाली हैं
रक्तहोमा
1055
ॐ रक्तहोमायै नमः।
Om Raktahomayai Namah।
जो रक्त के हवन के रूप में स्थित हैं
रक्तस्था
1056
ॐ रक्तस्थायै नमः।
Om Raktasthayai Namah।
जो रक्त में स्थित हैं
रक्तवत्सला
1057
ॐ रक्तवत्सलायै नमः।
Om Raktavatsalayai Namah।
जो रक्त की रक्षा करने वाली हैं
रक्तपूर्णारक्तदेहा
1058
ॐ रक्तपूर्णारक्तदेहायै नमः।
Om Raktapurnaraktadehayai Namah।
जो रक्त क्षेत्र में रक्त के रूप में स्थित हैं
रक्तपूजकपुत्रिणी
1059
ॐ रक्तपूजकपुत्रिण्यै नमः।
Om Raktapujakaputrinyai Namah।
जो रक्त पूजन करने वालों की पुत्री के रूप में स्थित हैं
रक्ताख्या
1060
ॐ रक्ताख्यायै नमः।
Om Raktakhyayai Namah।
जो रक्त प्रदान करने वाली हैं
रक्तिनी
1061
ॐ रक्तिन्यै नमः।
Om Raktinyai Namah।
जो रक्तरञ्जित हैं
रक्तसंस्कृता
1062
ॐ रक्तसंस्कृतायै नमः।
Om Raktasamskritayai Namah।
जो रक्त में स्थित हैं
रक्तसुन्दरी
1063
ॐ रक्तसुन्दर्यै नमः।
Om Raktasundaryai Namah।
जो रक्त की देवी हैं
रक्ताभिदेहा
1064
ॐ रक्ताभिदेहायै नमः।
Om Raktabhidehayai Namah।
जो लाल देह वाली हैं
रक्तार्हा
1065
ॐ रक्तार्हायै नमः।
Om Raktarhayai Namah।
जो रक्त द्वारा पूजी जाती हैं
रक्तवन्दकवन्दिता
1066
ॐ रक्तवन्दकवन्दितायै नमः।
Om Raktavandakavanditayai Namah।
जो रक्तपूजन करने वालों का वन्दन करती हैं
महारक्ता
1067
ॐ महारक्तायै नमः।
Om Maharaktayai Namah।
जो स्वयं दिव्य रक्त स्वरूपा हैं
रक्तभवा
1068
ॐ रक्तभवायै नमः।
Om Raktabhavayai Namah।
जो रक्त के रूप में विद्यमान हैं
रक्तवृष्टिविधायिनी
1069
ॐ रक्तवृष्टिविधायिन्यै नमः।
Om Raktavrishtividhayinyai Namah।
जो रक्त की वर्षा करती हैं
रक्तस्नाता
1070
ॐ रक्तस्नातायै नमः।
Om Raktasnatayai Namah।
जो रक्त से स्नान करती हैं
रक्तप्रीता
1071
ॐ रक्तप्रीतायै नमः।
Om Raktapritayai Namah।
जिन्हें रक्त अतिप्रिय है
रक्तसेव्यातिरक्तिनी
1072
ॐ रक्तसेव्यातिरक्तिन्यै नमः।
Om Raktasevyatiraktinyai Namah।
जो रक्त द्वारा सेवित एवं रक्तमयी हैं
रक्तानन्दकरी
1073
ॐ रक्तानन्दकर्यै नमः।
Om Raktanandakaryai Namah।
जो रक्त से आनन्दित होती हैं
रक्तसदानन्दविधायिनी
1074
ॐ रक्तसदानन्दविधायिन्यै नमः।
Om Raktasadanandavidhayinyai Namah।
जो रक्त एवं आनन्द प्रदान करने वाली हैं
रक्तारक्ता
1075
ॐ रक्तारक्तायै नमः।
Om Raktaraktayai Namah।
जो रक्त एवं अरक्त स्वरूप में हैं
रक्तपूर्णा
1076
ॐ रक्तपूर्णायै नमः।
Om Raktapurnayai Namah।
जो रक्त की पूर्ति करने वाली हैं
रक्तसव्येक्षणीरमा
1077
ॐ रक्तसव्येक्षणीरमायै नमः।
Om Raktasavyekshaniramayai Namah।
जो रक्त पूजन करने वालों से शीघ्र प्रसन्न होती हैं
रक्तसेवकसर्वस्वा
1078
ॐ रक्तसेवकसर्वस्वायै नमः।
Om Raktasevakasarvasvayai Namah।
जो रक्त पूजन करने वालों की सर्वस्व हैं
रक्तनिन्दकनाशिनी
1079
ॐ रक्तनिन्दकनाशिन्यै नमः।
Om Raktanindakanashinyai Namah।
जो रक्त की निन्दा करने वालों का नाश करती हैं
रक्तात्मिका
1080
ॐ रक्तात्मिकायै नमः।
Om Raktatmikayai Namah।
जो रक्त का मूल तत्व हैं
रक्तरूपा
1081
ॐ रक्तरूपायै नमः।
Om Raktarupayai Namah।
जो स्वयं रक्त के रूप में विद्यमान हैं
रक्ताकर्षणकारिणी
1082
ॐ रक्ताकर्षणकारिण्यै नमः।
Om Raktakarshanakarinyai Namah।
जो रक्त को आकर्षित करने वाली हैं
रक्तोत्साहा
1083
ॐ रक्तोत्साहायै नमः।
Om Raktotsahayai Namah।
जो रक्त द्वारा उत्साहित होती हैं
रक्तव्यग्रा
1084
ॐ रक्तव्यग्रायै नमः।
Om Raktavyagrayai Namah।
जो रक्त के लिये व्याकुल रहती हैं
रक्तपानपरायणा
1085
ॐ रक्तपानपरायणायै नमः।
Om Raktapanaparayanayai Namah।
जो निरन्तर रक्त पान करती हैं
शोणितानन्दजननी
1086
ॐ शोणितानन्दजनन्यै नमः।
Om Shonitanandajananyai Namah।
जो पिशाचों की माता हैं
कल्लोलस्निग्धरूपिणी
1087
ॐ कल्लोलस्निग्धरूपिण्यै नमः।
Om Kallolasnigdharupinyai Namah।
जो प्रसन्न एवं दिव्य रूप में स्थित हैं
साधकान्तर्गता
1088
ॐ साधकान्तर्गतायै नमः।
Om Sadhakantargatayai Namah।
जो साधक के ध्यान में प्रतिष्ठित होती हैं
देवी
1089
ॐ देव्यै नमः।
Om Devyai Namah।
जो सर्वोच्च शक्ति हैं
पार्वती
1090
ॐ पार्वत्यै नमः।
Om Parvatyai Namah।
जो देवी पार्वती स्वरूपा हैं
पापनाशिनी
1091
ॐ पापनाशिन्यै नमः।
Om Papanashinyai Namah।
जो पापों का नाश करने वाली हैं
साधूनां हृदि संस्थात्री
1092
ॐ साधूनां हृदि संस्थात्र्यै नमः।
Om Sadhunam Hridi Samsthatryai Namah।
जो साधुओं के हृदय में स्थित रहती हैं
साधकानन्दकारिणी
1093
ॐ साधकानन्दकारिण्यै नमः।
Om Sadhakanandakarinyai Namah।
जो साधकों के आनन्द का कारण हैं
साधकानां जननी
1094
ॐ साधकानां जनन्यै नमः।
Om Sadhakanam Jananyai Namah।
जो साधकों की माता हैं
साधकप्रियकारिणी
1095
ॐ साधकप्रियकारिण्यै नमः।
Om Sadhakapriyakarinyai Namah।
जो साधकों पर कृपा करती हैं
साधकप्रचुरानन्दसम्पत्तिसुखदायिनी
1096
ॐ साधकप्रचुरानन्दसम्पत्तिसुखदायिन्यै नमः।
Om Sadhakaprachuranandasampattisukhadayinyai Namah।
जो साधकों को असीम आनन्द, सम्पत्ति एवं सुख प्रदान करने वाली हैं
साधकासाधकप्राणा
1097
ॐ साधकासाधकप्राणायै नमः।
Om Sadhakasadhakapranayai Namah।
जो साधकों के भक्तों की प्राण स्वरूपा हैं
साधकासक्तमानसा
1098
ॐ साधकासक्तमानसायै नमः।
Om Sadhakasaktamanasayai Namah।
जिन्हें साधक प्रिय हैं
साधकोत्तमसर्वस्वा
1099
ॐ साधकोत्तमसर्वस्वायै नमः।
Om Sadhakottamasarvasvayai Namah।
जो साधकों की सर्वस्व हैं
साधका
1100
ॐ साधकायै नमः।
Om Sadhakayai Namah।
जो साधना करने वाली हैं
भक्तरक्तपा
1101
ॐ भक्तरक्तपायै नमः।
Om Bhaktaraktapayai Namah।
समस्त डाकिनी जिनकी भक्त हैं
साधकानन्दसन्तोषा
1102
ॐ साधकानन्दसन्तोषायै नमः।
Om Sadhakanandasantoshayai Namah।
जो साधकों के आनन्द एवं सन्तोष के रूप में स्थित हैं
साधकारिविनाशिनी
1103
ॐ साधकारिविनाशिन्यै नमः।
Om Sadhakarivinashinyai Namah।
जो साधकों का अहित करने वाले विकारों को नष्ट करती हैं
आत्मविद्या
1104
ॐ आत्मविद्यायै नमः।
Om Atmavidyayai Namah।
जो आत्मविद्या रूप में स्थित हैं
ब्रह्मविद्या
1105
ॐ ब्रह्मविद्यायै नमः।
Om Brahmavidyayai Namah।
जो ब्रह्मविद्या के रूप में स्थित हैं
परब्रह्मकुटुम्बिनी
1106
ॐ परब्रह्मकुटुम्बिन्यै नमः।
Om Parabrahmakutumbinyai Namah।
जो परब्रह्म परमात्मा की शक्ति हैं
त्रिकूटस्था
1107
ॐ त्रिकूटस्थायै नमः।
Om Trikutasthayai Namah।
जो त्रिकूट चक्र में स्थित अथवा त्रिकूट पर्वत पर स्थित हैं
पञ्चकूटा
1108
ॐ पञ्चकूटायै नमः।
Om Panchakutayai Namah।
जो पञ्चकूट के रूप में स्थित हैं
सर्वकूटशरीरिणी
1109
ॐ सर्वकूटशरीरिण्यै नमः।
Om Sarvakutasharirinyai Namah।
जो समस्त पर्वतों के रूप में स्थित हैं
सर्ववर्णमयी
1110
ॐ सर्ववर्णमय्यै नमः।
Om Sarvavarnamayyai Namah।
जो सभी वर्णों से युक्त हैं
वर्णजपमालाविधायिनी
1111
ॐ वर्णजपमालाविधायिन्यै नमः।
Om Varnajapamalavidhayinyai Namah।
जो वर्ण को जप माला के रूप में धारण करती हैं
Kalash
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