॥ एकश्लोकी रामायणम् ॥
आदौ रामतपोवनादिगमनं हत्वा मृगं काञ्चनं
वैदेहीहरणं जटायुमरणं सुग्रीवसम्भाषणम्।
वालीनिर्दलनं समुद्रतरणं लङ्कापुरीदाहनं
पश्चाद्रावणकुम्भकर्णहननमेतद्धि रामायणम्॥
आदौ रामतपोवनादिगमनं हत्वा मृगं काञ्चनं
वैदेहीहरणं जटायुमरणं सुग्रीवसम्भाषणम्।
वालीनिर्दलनं समुद्रतरणं लङ्कापुरीदाहनं
पश्चाद्रावणकुम्भकर्णहननमेतद्धि रामायणम्॥
श्री राम जी, भगवान विष्णु के सातवें अवतार हैं। तत्वदर्शियों ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम को पूर्ण परब्रह्म के रूप में वर्णित किया है। भगवान श्री राम ने रावण सहित अन्य भीषण राक्षसों का संहार किया था।
भगवान श्री राम ने त्रेता युग में अवतार धारण किया था। प्रस्तुत लेख में वर्तमान एवं वैदिक काल गणना के अनुसार विभिन्न तथ्यों पर विचार करते हुये भगवान श्री राम के युग एवं जन्मतिथि का निर्धारण किया गया है।
चैत्र शुक्ल नवमी के दिन भगवान श्री हरि विष्णु, राजा दशरथ एवं माता कौशल्या के यहाँ श्री राम लला के रूप में प्रकट हुये थे। भगवान श्री राम के इस पावन जन्म दिवस को रामभक्तों द्वारा विश्व भर में श्री राम नवमी के रूप में मनाया जाता है।
राम नवमी के दिन हिन्दु भक्तगण भगवान राम का जन्मोत्सव मनाते हैं। इस दिन अयोध्या के राजा दशरथ एवं रानी कौशल्या के घर भगवान राम का जन्म हुआ था। आगामी राम नवमी की तिथि एवं समय ज्ञात करने हेतु इस पृष्ठ का अवलोकन करें।
इस पृष्ठ पर भगवान श्री राम की विस्तृत पूजा विधि चरणबद्ध रूप से वर्णित की गयी। राम नवमी के अवसर पर प्रस्तुत षोडशोपचार पूजा विधि की सहायता से भगवान राम का पूजन सरलता से किया जा सकता है।
इस पृष्ठ पर मित्रों एवं प्रियजनों को श्री राम नवमी की शुभकामनायें भेजने हेतु आकर्षक ग्रीटिंग कार्ड्स उपलब्ध कराये गये हैं। सुन्दर चित्रों पर लिखे हुये रामनवमी के शुभकामना सन्देश को पढ़कर आपका एवं आपके प्रियजनों का मन आनन्दित हो उठेगा।
प्रस्तुत पृष्ठ पर भगवान श्री राम की अत्यन्त प्रिय एवं मधुर आरती प्रदान की गयी है। आरती पूजा का एक महत्वपूर्ण एवं अनिवार्य अंग है। भगवान श्री राम जी की प्रसन्नता हेतु इस आरती का गायन किया जाता है।
यह आरती श्री रामायण जी को समर्पित है। रामायण, २४००० श्लोकों एवं ७ खण्डों से युक्त एक प्रसिद्ध हिन्दु महाकाव्य है। श्री रामायण धर्मग्रन्थ को स्वयं राम जी के ही मूर्त स्वरूप में पूजा जाता है।
श्री राम चालीसा, भगवान श्री राम को समर्पित एक चालीस चौपाईयों से युक्त अत्यन्त सुमधुर भक्तिगीत है। भगवान श्री राम की अनुपम कृपा प्राप्त करने हेतु श्री राम चालीसा का श्रद्धापूर्वक पाठ करना चाहिये।
इस पृष्ठ पर भगवान श्री राम के १०८ पवित्र नाम दिये गये हैं, जिन्हें श्री राम अष्टोत्तर शतनामावली के नाम से भी जाना जाता है। भगवान श्री राम के १०८ नामों का नियमित पाठ करने से भक्ति एवं आनन्द की प्राप्ति होती है तथा निर्भयता का अनुभव होता है।
लीलाधर भगवान श्री विष्णु समय-समय पर सृष्टि के कल्याण हेतु नाना प्रकार के रूप धारण करते रहते हैं। भगवान विष्णु के प्रमुख दस रूपों को धर्मग्रन्थों में दशावतार के नाम से वर्णित किया गया है। धर्मग्रन्थों के अनुसार दशावतारों में से एक कल्कि अवतार वर्तमान कलयुग के अन्त में प्रकट होने वाले हैं।
भगवान श्री राम का ध्यान करने एवं उनकी कृपा प्राप्त करने हेतु श्री राम जी के मन्त्रों का जप किया जाता है। इस पृष्ठ पर श्री राम मूल मन्त्र, राम गायत्री मन्त्र तथा राम तारक मन्त्र आदि उपलब्ध हैं। श्री राम मन्त्र का जप एवं ध्यान करने प्रभु श्री राम प्रसन्न होकर साधक का कल्याण करते हैं।