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-2007 दुर्गा पूजा के दौरान नवपत्रिका का दिन और समय Fairfield, Connecticut, संयुक्त राज्य अमेरिका के लिये

DeepakDeepak

-2007 नवपत्रिका पूजा

Fairfield, संयुक्त राज्य अमेरिका
नवपत्रिका पूजा
26वाँ
अगस्त -2007
Wednesday / बुधवार
नवपत्रिका पूजा
Navpatrika Puja

नवपत्रिका पूजा मुहूर्त

नवपत्रिका पूजा बुधवार, अगस्त 26, -2007 को
नवपत्रिका के दिन अरुणोदय - 04:46
नवपत्रिका के दिन अवलोकनीय सूर्योदय - 05:15
सप्तमी तिथि प्रारम्भ - अगस्त 25, -2007 को 11:31 बजे
सप्तमी तिथि समाप्त - अगस्त 26, -2007 को 11:41 बजे

टिप्पणी: सभी समय २४-घण्टा प्रारूप में Fairfield, संयुक्त राज्य अमेरिका के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं।
आधी रात के बाद के समय जो आगामि दिन के समय को दर्शाते हैं, आगामि दिन से प्रत्यय कर दर्शाये गए हैं। पञ्चाङ्ग में दिन सूर्योदय से शुरू होता है और पूर्व दिन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाता है।

-2007 नवपत्रिका पूजा

नवपत्रिका पूजा दिवस को महा सप्तमी के रूप में भी जाना जाता है। महा सप्तमी दुर्गा पूजा का पहला दिन होता है। हिन्दु धर्म में किसी भी देवी-देवता को आमन्त्रित करने के लिये एक जीवन्त माध्यम आवश्यक है। इस जीवन्त माध्यम के द्वारा साधक अपने आराध्य से वार्तालाप कर सकते हैं तथा उन्हें भावान्जलि अर्पित कर सकते हैं। बिल्व निमन्त्रण दिवस पर, बिल्व वृक्ष अथवा उसकी शाखा को पवित्र कर, उसमें देवी दुर्गा से अधिवास के लिये आवाहन किया जाता है तथा अगले दिन का पूजन स्वीकार करने के लिये निमन्त्रण दिया जाता है।

महा सप्तमी के दिन, देवी दुर्गा को नौ पौधों के एक समूह में आमन्त्रित किया जाता है, जिन्हें नवपत्रिका कहा जाता है। नवपत्रिका का निर्माण नौ भिन्न-भिन्न पौधों को बाँधकर किया जाता है, जिसमें पिछले दिन के पूजन में उपयोग की गयी बिल्व वृक्ष की शाखा भी सम्मिलित की जाती है। इसके उपरान्त, नवपत्रिका को लाल अथवा नारँगी रँग के वस्त्र से सुसज्जित कर, किसी जल निकाय, विशेषतः किसी नदी में औपचारिक रूप से स्नान कराया जाता है। स्नान के पश्चात नवपत्रिका को देवी दुर्गा के चित्रपट के दायीं ओर एक लकड़ी की चौकी पर स्थापित किया जाता है।

महा सप्तमी पूजन का आरम्भ महास्नान के उपरान्त होता है। महा स्नान के लिये एक दर्पण को लकड़ी की चौकी पर इस प्रकार स्थापित किया जाता है कि, उस दर्पण में देवी दुर्गा का प्रतिबिम्ब स्पष्ट दिखायी दे। देवी दुर्गा के प्रतिबिम्ब को विभिन्न पवित्र सामग्रियों का उपयोग करते हुये अनुष्ठानिक स्नान करवाया जाता है। स्नान सम्पूर्ण होने के पश्चात प्राण प्रतिष्ठा संस्कार किया जाता है, जिसमें देवी दुर्गा के चित्रपट अथवा मूर्ति का अभिषेक किया जाता है तथा उन्हें जागृत किया जाता है। प्राण प्रतिष्ठा के उपरान्त षोडशोपचार पूजा की जाती है, जिसके अन्तर्गत सोलह भिन्न-भिन्न पवित्र पूजन सामग्रियों सहित विस्तृत अनुष्ठान किया जाता है।

दुर्गा पूजा का सप्त दिवस देवी भोग एवं आरती के साथ सम्पन्न होता है। पश्चिम बंगाल में नवपत्रिका पूजा को कोलाबोऊ पूजा और नबपत्रिका पूजा के नाम से भी जाना जाता है।

Kalash
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