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देवी दुर्गा का प्रस्थान चरणायुध पर - अशुभ समय का सूचक

DeepakDeepak

देवी दुर्गा मुर्गे पर

देवी दुर्गा का प्रस्थान चरणायुध पर

शशिसूर्यदिने यदि सा विजया महिषागमने रुजशोककरा।
शनिभौमदिने यदि सा विजया चरणायुधयानकरी विकला॥
बुधशुक्रदिने यदि सा विजया गजवाहनगा शुभवृष्टिकरा।
सुरराजगुरौ यदि सा विजया नरवाहनगा शुभसौख्यकरा॥

भगवती रविवार और सोमवार को महिष (भैंसा) की सवारी से जाती हैं
जिससे देश में रोग और शोक की वृद्धि होती है।
शनिवार और मंगलवार को चरणायुध पर जाती हैं जिससे विकलता की वृद्धि होती है।
बुध और शुक्र दिन में भगवती हाथी पर जाती हैं। इससे वृष्टि (बारिश) वृद्धि होती है।
बृहस्पतिवार को भगवती मनुष्य की सवारी से जाती हैं। जो सुख और सौख्य की वृद्धि करती हैं।

सप्ताह का वह दिन, जिस दिन दुर्गा विसर्जन किया जाता है उसे देवी दुर्गा के प्रस्थान का दिन माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार यदि देवी दुर्गा मंगलवार या शनिवार को प्रस्थान करती हैं तो वे चरणायुध अर्थात् मुर्गे पर सवार होकर जाती हैं। मुर्गे को कुक्कुट भी कहा जाता है। देवी दुर्गा का चरणायुध पर प्रस्थान अशुभ माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार यह आने वाले वर्ष में दुख, कष्ट एवं पीड़ा का सूचक होता है।

Kalash
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