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भाद्रपद माह त्यौहार हिन्दु कैलेण्डर के लिए

DeepakDeepak

भाद्रपद त्यौहार


भाद्रपद त्यौहार

भाद्रपद माह हिन्दु कैलेण्डर में छठवाँ चन्द्र महीना है।

हिन्दु कैलेण्डर में, चन्द्र मास के प्रारम्भ को चिह्नित करने के दो नियम अमान्त एवं पूर्णिमान्त हैं। पूर्णिमान्त में, मास का प्रारम्भ पूर्णिमा के अगले दिन से होता है, पूर्णिमान्त पर आधारित पञ्चांग को पूर्णिमान्त कैलेंडर या पूर्णिमान्त पञ्चांग के रूप में जाना जाता है। अमान्त में, मास का प्रारम्भ अमावस्या के अगले दिन से होता है, अमान्त पर आधारित पञ्चांग को अमान्त कैलेंडर या अमान्त पञ्चांग के रूप में जाना जाता है।

भाद्रपद त्यौहारों की सूची

भाद्रपद त्यौहारों की सूची

  1. कजरी तीज - हरियाली तीज के उपरान्त आगामी तीज जो हरियाली तीज के पन्द्रह दिन पश्चात आती है, उसे कजरी तीज के नाम से जाना जाता है। इस दिन विवाहित स्त्रियाँ अपने पति की दीर्घायु की कामना से व्रत रखती हैं।
  2. कृष्ण जन्माष्टमी - कृष्ण जन्माष्टमी की तिथि, पूजा मुहुर्त, पारण एवं निशिता पूजा का समय दिया गया है। कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव भगवान कृष्ण के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। भगवान कृष्ण भगवान विष्णु के दशावतारों में से नवम अवतार थे।
  3. अजा एकादशी - अजा एकादशी
  4. दही हाण्डी - दही हाण्डी महाराष्ट्र एवं गोवा के नगरों में आयोजित होने वाला एक लोकप्रिय पर्व है। दही हाण्डी का उत्सव कृष्ण जन्माष्टमी के अगले दिन मनाया जाता है। दही हाण्डी उत्सव, भगवान कृष्ण की माखन-चोरी लीला को अभिव्यक्त करता है।
  5. गायत्री जापम - गायत्री जापम दिवस उपाकर्म दिवस से सम्बन्धित है तथा यह श्रावणी उपाकर्म के अगले दिन मनाया जाता है। इस अवसर पर वेदों का अध्ययन करने वाले युवा विद्यार्थी, उपाकर्म अनुष्ठान के पश्चात् ही वेदाध्ययन आरम्भ करते हैं।
  6. हरतालिका तीज - हरितालिका तीज हरियाली तीज के एक माह उपरान्त आती है तथा अधिकांशतः गणेश चतुर्थी से एक दिवस पूर्व मनायी जाती है। इस दिन सुखी दाम्पत्य जीवन एवं सन्तान प्राप्ति हेतु माता पार्वती की पूजा की जाती है।
  7. गणेश चतुर्थी - भाद्रपद महीने में पड़ने वाली शुक्ल पक्ष विनायक चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के रूप में जाना जाता है।
  8. ऋषि पञ्चमी - ऋषि पञ्चमी
  9. राधा अष्टमी - देवी राधा के जन्मोत्सव को राधा अष्टमी के रूप में मनाया जाता है। भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर राधा अष्टमी का उत्सव मनाया जाता है। इस दिन देवी राधा के भक्तगण एक दिवसीय उपवास का पालन तथा विशेष पूजा अर्चना करते हैं।
  10. परिवर्तिनी एकादशी - परिवर्तिनी एकादशी
  11. गणेश विसर्जन - गणेश विसर्जन के दिन गणेश जी की मूर्ति को एक विशाल शोभायात्रा के उपरान्त किसी जलाशय, जैसे नदी, सरोवर आदि में विसर्जित किया जाता है। गणेश विसर्जन के लिये अनन्त चतुर्दशी सर्वाधिक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है।
  12. वामन जयन्ती - वामन जयन्ती, भगवान विष्णु के वामन अवतार की जन्म जयन्ती है। त्रेता युग के समय भगवान विष्णु के पाँचवें अवतार के रूप में श्री वामन देव प्रकट हुये थे। स्वर्गलोक, भूलोक तथा पाताललोक को राजा बलि के शासन से मुक्त करवाने के उद्देश्य से भगवान विष्णु ने श्री वामन अवतार लिया था।
  13. महालक्ष्मी व्रत आरम्भ - महालक्ष्मी व्रत भाद्रपद शुक्ल अष्टमी से प्रारम्भ होकर निरन्तर सोलह दिवस तक किया जाता है। यह व्रत देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने तथा धन-सम्पदा की प्राप्ति हेतु किया जाता है। इस दिन राधा अष्टमी एवं दूर्वा अष्टमी का व्रत भी किया जाता है।
  14. अनन्त चतुर्दशी - अनन्त चतुर्दशी
  15. दूर्वा अष्टमी - भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष अष्टमी को दुर्वाष्टमी व्रत किया जाता है। दूर्वा अष्टमी व्रत का पालन मुख्यतः स्त्रियों द्वारा किया जाता है। इस दिन परिवार की कुशलता एवं बाधाओं के निवारण हेतु भगवान गणेश को दूर्वा अर्पित करके उनकी पूजा-अर्चना की जाती है।

Kalash
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