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2025 करवा चौथ व्रत का दिन और पूजा मुहूर्त Perth, Western Australia, ऑस्ट्रेलिया के लिए

DeepakDeepak

2025 करवा चौथ

Perth, ऑस्ट्रेलिया
करवा चौथ
10वाँ
अक्टूबर 2025
Friday / शुक्रवार
करवा चौथ पर पति को छलनी से देख व्रत का पारण करते हुए
Sighting husband through sieve during Karwa Chauth

करवा चौथ के दिन चन्द्रोदय और पूजा मुहूर्त

करवा चौथ शुक्रवार, अक्टूबर 10, 2025 को
करवा चौथ पूजा मुहूर्त - 06:24 पी एम से 07:32 पी एम
अवधि - 01 घण्टा 08 मिनट्स
करवा चौथ व्रत समय - 05:43 ए एम से 10:22 पी एम
अवधि - 16 घण्टे 39 मिनट्स
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ - अक्टूबर 10, 2025 को 01:24 ए एम बजे
चतुर्थी तिथि समाप्त - अक्टूबर 10, 2025 को 10:08 पी एम बजे

टिप्पणी: सभी समय १२-घण्टा प्रारूप में Perth, ऑस्ट्रेलिया के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं।
आधी रात के बाद के समय जो आगामि दिन के समय को दर्शाते हैं, आगामि दिन से प्रत्यय कर दर्शाये गए हैं। पञ्चाङ्ग में दिन सूर्योदय से शुरू होता है और पूर्व दिन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाता है।

2025 करवा चौथ

करवा चौथ का व्रत कार्तिक हिन्दु माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दौरान किया जाता है। अमान्त पञ्चाङ्ग जिसका अनुसरण गुजरात, महाराष्ट्र, और दक्षिणी भारत में किया जाता है, के अनुसार करवा चौथ आश्विन माह में पड़ता है। हालाँकि यह केवल माह का नाम है जो इसे अलग-अलग करता है और सभी राज्यों में करवा चौथ एक ही दिन मनाया जाता है।

करवा चौथ का दिन और संकष्टी चतुर्थी, जो कि भगवान गणेश के लिये उपवास करने का दिन होता है, एक ही समय होते हैं। विवाहित महिलायें पति की दीर्घायु के लिये करवा चौथ का व्रत और इसकी रस्मों को पूरी निष्ठा से करती हैं। विवाहित महिलायें भगवान शिव, माता पार्वती और कार्तिकेय के साथ-साथ भगवान गणेश की पूजा करती हैं और अपने व्रत को चन्द्रमा के दर्शन और उनको अर्घ अर्पण करने के पश्चात् ही तोड़ती हैं। करवा चौथ का व्रत कठोर होता है और इसे अन्न और जल ग्रहण किये बिना ही सूर्योदय से रात में चन्द्रमा के दर्शन तक किया जाता है।

करवा चौथ के दिन को करक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। करवा या करक मिट्टी के पात्र को कहते हैं जिससे चन्द्रमा को जल अर्पण, जो कि अर्घ कहलाता है, किया जाता है। पूजा के दौरान करवा बहुत महत्वपूर्ण होता है और इसे ब्राह्मण या किसी योग्य महिला को दान में भी दिया जाता है।

करवा चौथ दक्षिण भारत की तुलना में उत्तरी भारत में अधिक प्रसिद्ध है। करवा चौथ के चार दिन बाद पुत्रों की दीर्घायु और समृद्धि के लिये अहोई अष्टमी व्रत किया जाता है। महाराष्ट्र आदि क्षेत्रों में करवा चौथ के दिन वक्रतुण्ड संकष्टी चतुर्थी का व्रत किया जाता है। इस व्रत में भगवान गणेश के वक्रतुण्ड स्वरूप की पूजा-अर्चना की जाती है जो अष्टविनायक में प्रथम हैं।

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