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2026 हरतालिका तीज व्रत एवं उत्सव का दिन मुम्बई, महाराष्ट्र, भारत के लिए

DeepakDeepak

2026 हरतालिका तीज

मुम्बई, भारत
हरतालिका तीज
14वाँ
सितम्बर 2026
Monday / सोमवार
स्त्रियाँ हरतालिका तीज पर झूले का आनन्द लेती हुई
Hartalika Teej

हरितालिका तीज पूजा

हरितालिका तीज सोमवार, सितम्बर 14, 2026 को
प्रातःकाल हरितालिका पूजा मुहूर्त - 06:26 ए एम से 07:06 ए एम
अवधि - 00 घण्टे 41 मिनट्स
तृतीया तिथि प्रारम्भ - सितम्बर 13, 2026 को 07:08 ए एम बजे
तृतीया तिथि समाप्त - सितम्बर 14, 2026 को 07:06 ए एम बजे

टिप्पणी: सभी समय १२-घण्टा प्रारूप में मुम्बई, भारत के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं।
आधी रात के बाद के समय जो आगामि दिन के समय को दर्शाते हैं, आगामि दिन से प्रत्यय कर दर्शाये गए हैं। पञ्चाङ्ग में दिन सूर्योदय से शुरू होता है और पूर्व दिन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाता है।

2026 हरतालिका तीज

हरतालिका तीज व्रत भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं भगवान शिवमाता पार्वती की रेत के द्वारा बनाई गई अस्थाई मूर्तियों को पूजती हैं व सुखी वैवाहिक जीवन तथा संतान की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करती हैं।

हरतालिका तीज की उत्पत्ति व इसके नाम का महत्त्व एक पौराणिक कथा में मिलता है। हरतालिका शब्द, हरतआलिका से मिलकर बना है, जिसका अर्थ क्रमशः अपहरणस्त्रीमित्र (सहेली) होता है। हरतालिका तीज की कथा के अनुसार, पार्वतीजी की सहेलियां उनका अपहरण कर उन्हें घने जंगल में ले गई थीं। ताकि पार्वतीजी की इच्छा के विरुद्ध उनके पिता उनका विवाह भगवान विष्णु से न कर दें।

हरतालिका पूजा के लिए सुबह का समय उचित माना गया है। यदि किसी कारणवश प्रातःकाल पूजा कर पाना संभव नहीं है है तो प्रदोषकाल में शिव-पार्वती की पूजा की जा सकती है। तीज की पूजा प्रातः स्नान के पश्चात् नए व सुन्दर वस्त्र पहनकर की जाती है। रेत से बनी शिव-पार्वती की प्रतिमा का विधिवत पूजन किया जाता है व हरतालिका व्रत कथा को सुना जाता है।

कर्णाटक, आन्ध्र प्रदेश व तमिलनाडु में हरतालिका तीज को गौरी हब्बा के नाम से जाना जाता है व माता गौरी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण दिन के रूप में पूजा जाता है। गौरी हब्बा के दिन महिलाएं स्वर्ण गौरी व्रत रखती हैं व माता गौरी से सुखी वैवाहिक जीवन के लिए प्रार्थना करती हैं।

तीज का त्यौहार मुख्यतः उत्तर भारतीय महिलाओं द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है। तीज मुख्यतः राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखण्ड में मनाई जाती है। सावन (श्रावण) और भादव (भाद्रपद) के मास में आने वाली तीन प्रमुख तीज निम्न हैं:

  1. हरियाली तीज
  2. कजरी तीज
  3. हरतालिका तीज

उपरोक्त तिजों के अतिरिक्त अन्य प्रमुख तीज निम्न है- आखा तीज, जिसे अक्षय तृतीया भी कहते है और गणगौर तृतीया (गणगौर) है।

हरतालिका तीज व्रत भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाया जाता है। हरतालिका तीज हरियाली तीज के एक मास बाद आती है व मुख्यतः गणेश चतुर्थी के एक दिन पहले मनाई जाती है। इस दिन महिलाएं शिव-पार्वती की मिट्टी से बनी प्रतिमा की पूजा-अर्चना करती हैं।

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