devotionally made & hosted in India
Search
Mic
Android Play StoreIOS App Store
Ads Subscription Disabled
हि
Setting
Clock
Ads Subscription Disabledविज्ञापन हटायें
X

2025 मंगला गौरी व्रत के दिन लँकेस्टर, California, संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए

DeepakDeepak

2025 मंगला गौरी व्रत

पूर्णिमान्त सावनअमान्त सावन
2025 मंगला गौरी उपवास
[2081 - 2082] विक्रम सम्वत
राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, छत्तीसगढ़, बिहार और झारखण्ड के लिए मंगला गौरी व्रत
श्रावण प्रारम्भ *उत्तर
जुलाई 11, 2025, शुक्रवार
प्रथम मंगला गौरी व्रत
जुलाई 15, 2025, मंगलवार
द्वितीय मंगला गौरी व्रत
जुलाई 22, 2025, मंगलवार
तृतीय मंगला गौरी व्रत
जुलाई 29, 2025, मंगलवार
चतुर्थ मंगला गौरी व्रत
अगस्त 5, 2025, मंगलवार
श्रावण समाप्त
अगस्त 8, 2025, शुक्रवार
आन्ध्र प्रदेश, तेलंगाना, गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्णाटक और तमिलनाडु के लिए मंगला गौरी व्रत
श्रावण प्रारम्भ
जुलाई 25, 2025, शुक्रवार
प्रथम मंगला गौरी व्रत
जुलाई 29, 2025, मंगलवार
द्वितीय मंगला गौरी व्रत
अगस्त 5, 2025, मंगलवार
तृतीय मंगला गौरी व्रत
अगस्त 12, 2025, मंगलवार
चतुर्थ मंगला गौरी व्रत
अगस्त 19, 2025, मंगलवार
श्रावण समाप्त
अगस्त 22, 2025, शुक्रवार

टिप्पणी: सभी समय १२-घण्टा प्रारूप में लँकेस्टर, संयुक्त राज्य अमेरिका के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं।
आधी रात के बाद के समय जो आगामि दिन के समय को दर्शाते हैं, आगामि दिन से प्रत्यय कर दर्शाये गए हैं। पञ्चाङ्ग में दिन सूर्योदय से शुरू होता है और पूर्व दिन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाता है।

2025 मंगला गौरी के दिन

Mangala Gauri

हिन्दु कैलेण्डर में, श्रावण मास भगवान शिव एवं उनकी अर्धांगिनी माता गौरी को समर्पित है। भगवान शिव और माता गौरी के व्रत कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करने हेतु श्रावण मास को पवित्र माह माना गया है। श्रावण सोमवार और मंगला गौरी जैसे व्रत श्रावण मास में किये जाते हैं। भक्त या तो श्रावण मास के दौरान व्रत करने का सङ्कल्प लेते हैं अन्यथा श्रावण मास के आरम्भ से, अगले सोलह सप्ताह व्रत करने का सङ्कल्प लेते हैं।

मंगला गौरी का व्रत श्रावण मास के प्रत्येक मंगलवार को विवाहित स्त्रियों द्वारा किया जाता है। स्त्रियाँ, मुख्यतः नवविवाहित स्त्रियाँ, सुखी वैवाहिक जीवन के लिये माता गौरी का आशीर्वाद प्राप्त करने हेतु इस व्रत को करती हैं। श्रावण मास को उत्तर भारतीय राज्यों में सावन माह के रूप में भी जाना जाता है।

आन्ध्र प्रदेश, तेलंगाना सहित अन्य दक्षिण भारतीय राज्यों में मंगला गौरी व्रत को श्री मंगला गौरी व्रतम के रूप में भी जाना जाता है।

क्षेत्रों के आधार पर, श्रावण मास के प्रारम्भिक समय में पन्द्रह दिनों का अन्तर हो सकता है। पूर्णिमान्त कैलेण्डर में, जो कि सामान्यतः उत्तर भारतीय राज्यों में प्रचलित है, श्रावण माह अमान्त कैलेण्डर से पन्द्रह दिन पूर्व प्रारम्भ होता है।

आन्ध्र प्रदेश, तेलंगाना, गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्णाटक और तमिल नाडु में, अमान्त चन्द्र कैलेण्डर का पालन किया जाता है, जबकि उत्तर भारतीय राज्यों जैसे, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, छत्तीसगढ़, बिहार और झारखण्ड में पूर्णिमान्त चन्द्र कैलेण्डर का पालन किया जाता है। इसीलिये सावन सोमवार की आधी तिथियाँ दोनों कैलेण्डर में भिन्न-भिन्न होती हैं।

Name
Name
Email
द्रिकपञ्चाङ्ग पर टिप्पणी दर्ज करने के लिये गूगल अकाउंट से लॉग इन करें।
टिप्पणी
और लोड करें ↓
Kalash
कॉपीराइट नोटिस
PanditJi Logo
सभी छवियाँ और डेटा - कॉपीराइट
Ⓒ www.drikpanchang.com
प्राइवेसी पॉलिसी
द्रिक पञ्चाङ्ग और पण्डितजी लोगो drikpanchang.com के पञ्जीकृत ट्रेडमार्क हैं।
Android Play StoreIOS App Store
Drikpanchang Donation