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-0006 अपराजिता पूजा का दिन और समय कोलंबस, Ohio, संयुक्त राज्य अमेरिका के लिये

DeepakDeepak

-0006 अपराजिता पूजा

कोलंबस, संयुक्त राज्य अमेरिका
अपराजिता पूजा
31वाँ
अगस्त -0006
Tuesday / मंगलवार
विजयादशमी पर देवी अपराजिता की पूजा
Vijaya Lakshmi

विजयादशमी मुहूर्त

विजयादशमी मंगलवार, अगस्त 31, -0006 को
विजय मुहूर्त - 14:46 से 15:39
अवधि - 00 घण्टे 53 मिनट्स
बंगाल विजयादशमी बुधवार, सितम्बर 1, -0006 को
अपराह्न पूजा का समय - 13:54 से 16:31
अवधि - 02 घण्टे 38 मिनट्स
दशमी तिथि प्रारम्भ - अगस्त 31, -0006 को 08:22 बजे
दशमी तिथि समाप्त - सितम्बर 01, -0006 को 07:37 बजे
श्रवण नक्षत्र प्रारम्भ - सितम्बर 01, -0006 को 03:50 बजे
श्रवण नक्षत्र समाप्त - सितम्बर 02, -0006 को 04:06 बजे

टिप्पणी: सभी समय २४:००+ प्रारूप में कोलंबस, संयुक्त राज्य अमेरिका के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं।
आधी रात के बाद के समय २४:०० से अधिक हैं और आगामि दिन के समय को दर्शाते हैं। पञ्चाङ्ग में दिन सूर्योदय से शुरू होता है और पूर्व दिन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाता है।

-0006 अपराजिता पूजा

देवी अपराजिता की पूजा-अर्चना विजयादशमी के दिन की जाती है। हिन्दु समयगणना के अनुसार, अपराजिता पूजन के लिये अपराह्ण काल उपयुक्त माना जाता है। देवी अपराजिता का पूजन विजय प्राप्ति हेतु किया जाता है।

मान्यताओं के अनुसार, भगवान राम ने दैत्यराज रावण से युद्ध हेतु लङ्का गमन से पूर्व देवी अपराजिता का पूजन किया था। देवी अपराजिता की कृपा से मनुष्य की यात्रा सफल, सुरक्षित एवं फलदायी होती है। अतः किसी यात्रा पर जाने से पूर्व देवी अपराजिता की पूजा की जाती है।

देवी अपराजिता पूजन मन्त्र -

इमां पूजां मयां देवि यथाशक्ति निवेदिताम्।
रक्षार्थं तु समादाय व्रजस्व स्थानमुत्तमम्॥

भावार्थ - हे देवी! मेरी विजय हेतु की गयी इस यथाशक्ति पूजन को स्वीकार कर, निजस्थान की ओर प्रस्थान करें।

हारेण तु विचित्रेण भास्वत्कनकमेखला।
अपराजिता भद्ररता करोतु विजयं मम॥

भावार्थ - हे अपराजिता देवी! गले में विचित्र हार तथा कमर पर भव्य स्वर्ण करधनी अर्थात मेखला धारण करने वाली देवी, मुझे विजयी करें।

Kalash
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