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भगवान गणेश हिन्दु धर्म के सर्वाधिक लोकप्रिय देवताओं में से एक हैं। वे समस्त देवताओं में प्रथम पूज्य के रूप में प्रतिष्ठित हैं। समस्त प्रकार की बाधाओं से मुक्ति हेतु भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है।
यहाँ विनायक चतुर्थी का विस्तृत वर्णन किया गया है। इसे विनायक चविथी अथवा विनायगर चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। भगवान गणेश के भक्त इस व्रत का पालन करते हैं।
यहाँ गणेश चतुर्थी की विस्तृत पूजा विधि प्रदान की गयी है। यहाँ विनायक चतुर्थी की षोडशोपचार पूजा विधि को चरण बद्ध रूप से वर्णित किया गया है।
भाद्रपद महीने में पड़ने वाली शुक्ल पक्ष विनायक चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के रूप में जाना जाता है।
यहाँ आप अपने परिजनों को भगवान गणेश के ई-कार्ड्स भेज सकते हैं। इस पृष्ठ पर अनेक सुन्दर एवं कलात्मक ई-कार्ड्स प्रदान किये गये हैं।
केरल में मलयालम कैलेण्डर के अनुसार, चिंगम माह की शुक्ल पक्ष चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है।
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥ भगवान गणेश को समर्पित सर्वाधिक लोकप्रिय आरती के बोल एवं वीडियो प्रदान की गयी है। भक्तगण भगवान गणेश की प्रसन्नता एवं कृपा प्राप्ति हेतु इस आरती का गायन करते हैं।
गणेश जी की अष्टोत्तर शतनामावली, भगवान गणेश के 108 दिव्य नामों का संग्रह है। भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त करने हेतु इन नामों का जाप किया जाता है।
'गणेश चालीसा' 40 चौपाइयों से युक्त एक प्रार्थना है, जो भगवान श्री गणेश जी को समर्पित है। गणेश चालीसा का भक्तिपूर्वक पाठ करने से समस्त प्रकार की विघ्न-बाधाओं का निवारण होता है।
गणेश विसर्जन के दिन गणेश जी की मूर्ति को एक विशाल शोभायात्रा के उपरान्त किसी जलाशय, जैसे नदी, सरोवर आदि में विसर्जित किया जाता है। गणेश विसर्जन के लिये अनन्त चतुर्दशी सर्वाधिक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है।
यहाँ सरल एवं सुन्दर गणेश रंगोली डिजाइन दी गयी हैं। भगवान गणेश से सम्बन्धित विभिन्न विशेष अवसरों पर इन रंगोली डिजाइन का प्रयोग किया जा सकता है।
भगवान गणेश के 8 प्रमुख अवतारों को संयुक्त रूप से अष्ट विनायक के रूप में जाना जाता है। वक्रतुण्ड, एकदन्त, महोदरा एवं गजानन आदि भगवान गणेश के अष्ट विनायक रूपों में से कुछ लोकप्रिय अवतार हैं।
गणेश चतुर्थी के पावन अवसर पर अपने मित्रों एवं प्रियजनों को यह आकर्षक बधाई सन्देश भेजें। यह सन्देश हिन्दी एवं अँग्रेजी दोनों भाषाओं में प्रदान किये गये हैं।
गणेश चतुर्थी पूजा हेतु आवश्यक 21 पत्तों के नाम यहाँ सूचीबद्ध किये गये हैं। भगवान गणेश से सम्बन्धित विशेष अवसरों पर 21 प्रकार के पत्तों द्वारा उनकी पूजा-अर्चना की जाती है।
यहाँ श्री गणेश जी के विग्रह की स्थापना विधि वर्णित की गयी है। चतुर्थी तथा चतुर्दशी तिथि को गणेश स्थापना हेतु अत्यन्त शुभ माना जाता है।
गणेश चतुर्थी तथा गणेश जी सम्बन्धित अन्य पर्वों पर भगवान गणेश की अङ्ग पूजा की जाती है। गणेश अङ्ग पूजा विधि के द्वारा भगवान गणेश के प्रथक-प्रथक अङ्गों की पूजा की जाती है।
21 नामों द्वारा भगवान गणेश जी की पूजा को 'एक विंशति नाम पूजा' भी कहा जाता है। यह पूजन, बुद्धि एवं ज्ञान के देवता, भगवान गणेश को समर्पित है।
'वक्रतुण्ड महाकाय' मन्त्र भगवान गणेश के सर्वाधिक महत्वपूर्ण एवं प्रसिद्ध मन्त्रों में से एक है। इस मन्त्र का जाप करने से भगवान गणेश शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
गणेश जी के सर्वाधिक महत्वपूर्ण मन्त्र यहाँ प्रदान किये गये हैं। यहाँ एक शक्तिशाली गणेश यन्त्र भी प्रदान किया गया है, जिसे घर अथवा कार्यस्थल में पूजा के स्थान पर स्थापित किया जा सकता है।