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कार्तिक माह त्यौहार हिन्दु कैलेण्डर के लिए

DeepakDeepak

कार्तिक त्यौहार


कार्तिक त्यौहार

कार्तिक माह हिन्दु कैलेण्डर में आठवाँ चन्द्र महीना है।

हिन्दु कैलेण्डर में, चन्द्र मास के प्रारम्भ को चिह्नित करने के दो नियम अमान्त एवं पूर्णिमान्त हैं। पूर्णिमान्त में, मास का प्रारम्भ पूर्णिमा के अगले दिन से होता है, पूर्णिमान्त पर आधारित पञ्चांग को पूर्णिमान्त कैलेंडर या पूर्णिमान्त पञ्चांग के रूप में जाना जाता है। अमान्त में, मास का प्रारम्भ अमावस्या के अगले दिन से होता है, अमान्त पर आधारित पञ्चांग को अमान्त कैलेंडर या अमान्त पञ्चांग के रूप में जाना जाता है।

कार्तिक त्यौहारों की सूची

कार्तिक त्यौहारों की सूची

  1. करवा चौथ - करवा चौथ पूजा मुहूर्त, करवा चौथ व्रत का समय तथा करवा चौथ के दिन चन्द्रोदय कब होगा? यह ज्ञात करने हेतु उक्त पृष्ठ का अवलोकन करें। करवा चौथ का व्रत हिन्दु पूर्णिमान्त पञ्चाङ्ग के अनुसार, कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर किया जाता है।
  2. अहोई अष्टमी - अहोई अष्टमी का व्रत स्त्रियों द्वारा अपनी सन्तान की दीर्घायु एवं समृद्धि की कामना से किया जाता है। इस व्रत का पारण, सायाह्नकाल में तारों के दर्शन के पश्चात किया जाता है। तारों के दर्शन हेतु साँझ का समय तथा चन्द्रोदय का समय इस पृष्ठ पर प्रदान किया गया है।
  3. रमा एकादशी - रमा एकादशी
  4. धनतेरस - धनतेरस, पञ्च दिवसीय दीवाली उत्सव का प्रथम दिवस है, जिसे धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन देवी लक्ष्मी एवं भगवान कुबेर की पूजा की जाती है। धनतेरस पर लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त इस पृष्ठ पर दिया गया है।
  5. नरक चतुर्दशी - नरक चतुर्दशी
  6. लक्ष्मी पूजा - पञ्च दिवसीय दीवाली उत्सव के दौरान लक्ष्मी माता की पूजा की जाती है। लक्ष्मी पूजा, पञ्च दिवसीय उत्सव का सर्वाधिक महत्वपूर्ण दिन है। अपने शहर के लिये, प्रदोष काल एवं वृषभ काल सहित लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त ज्ञात करने हेतु सम्पूर्ण विवरण देखें।
  7. गोवर्धन पूजा - जिस दिन भगवान कृष्ण ने देवराज इन्द्र को पराजित किया था, उस दिन को गोवर्धन पूजा या अन्नकूट पूजा के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को बलि प्रतिपदा एवं नव वर्ष दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। प्रातःकाल एवं सायाह्नकाल पूजन हेतु, गोवर्धन पूजा मुहूर्त यहाँ दिया गया है।
  8. भैया दूज - भाई दूज के दिन बहनें अपने भाई का तिलक करती हैं, जिसके फलस्वरूप भाई को दीर्घायु एवं सुख-सुविधाओं प्राप्ति होती है। भाई दूज को भैय्या दूज को भाऊ बीज, भात्र द्वितीया एवं भतरु द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। भाई दूज के लिये अपराह्न काल यहाँ दिया गया है।
  9. छठ पूजा - प्रस्तुत लेख में छठ पूजा के दिन सूर्योदय एवं सूर्यास्त का समय प्रदान किया गया है। छठ पूजा, भगवान सूर्य को समर्पित एक अत्यन्त लोकप्रिय त्यौहार है। छठ पूजा के अवसर पर आत्म-कल्याण, समृद्धि एवं उन्नति की कामना से सूर्यदेव की पूजा-अर्चना जाती है।
  10. गोपाष्टमी - गोपाष्टमी का पर्व, कार्तिक शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। मथुरा, वृन्दावन तथा ब्रज के अन्य क्षेत्रों में यह एक अति लोकप्रिय त्यौहार है। गोपाष्टमी पर गायों एवं उनके बछड़ों का शृङ्गार करके पूर्ण विधि-विधान से उनकी पूजा-अर्चना की जाती है।
  11. कंस वध - कंस वध के दिन भगवान कृष्ण ने कंस का वध किया था तथा उग्रसेन को पुनः मथुरा के राजा के रूप में प्रतिष्ठित किया था। कंस वध का पर्व चतुर्वेदी समुदाय के लिये अत्यन्त महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। कंस वध का पर्व मुख्य रूप से मथुरा में ही मनाया जाता है।
  12. देवुत्थान एकादशी - देवउत्थान एकादशी उन चौबीस एकादशी व्रतों में से एक है, जो भगवान विष्णु की विशेष कृपा एवं आशीर्वाद प्राप्त करने हेतु किया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु चार माह की योग निद्रा से जागते हैं।
  13. तुलसी विवाह - देवी तुलसी और भगवान विष्णु विवाहोत्सव

Kalash
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