☰
Search
Mic
En
Android Play StoreIOS App Store
Setting
Clock

108 Names of Goddess Lakshmi | Ashtottara Shatanamavali of Goddess Lakshmi

DeepakDeepak

108 Lakshmi Names

Ashtottara Shatanamavali of Goddess Lakshmi

X
प्रकृति
1
ॐ प्रकृत्यै नमः।
Om Prakrityai Namah।
जो स्वयं प्रकृति स्वरूपा हैं।
विकृति
2
ॐ विकृत्यै नमः।
Om Vikrityai Namah।
जिन्हें विभिन्न रूपों एवं नामों से जाना जाता है। / जो बहुरूपी प्रकृति हैं।
विद्या
3
ॐ विद्यायै नमः।
Om Vidyayai Namah।
जो समस्त प्रकार की विद्याओं में विद्यमान हैं।
सर्वभूतहितप्रदा
4
ॐ सर्वभूतहितप्रदायै नमः।
Om Sarvabhutahitapradayai Namah।
जो संसार के समस्त सुख प्रदान करती हैं।
श्रद्धा
5
ॐ श्रद्धायै नमः।
Om Shraddhayai Namah।
जिन्हें मात्र सच्ची श्रद्धा द्वारा प्राप्त किया जा सकता है।
विभूति
6
ॐ विभूत्यै नमः।
Om Vibhutyai Namah।
सम्पत्ति स्वरूपा, जो अपने भक्तों को धन-सम्पदा प्रदान करती हैं।
सुरभि
7
ॐ सुरभ्यै नमः।
Om Surabhyai Namah।
जो सर्वोच्च देवी हैं। / त्रिमूर्ति भी जिनकी आराधना करते हैं।
परमात्मिका
8
ॐ परमात्मिकायै नमः।
Om Paramatmikayai Namah।
जो तीनों लोकों की आराध्य देवी हैं। / जो सर्वशक्तिमान हैं।
वाचि
9
ॐ वाचे नमः।
Om Vache Namah।
जिनकी वाणी अमृत तुल्य है।
पद्मलया
10
ॐ पद्मालयायै नमः।
Om Padmalayayai Namah।
जो कमल पुष्प के आसन पर विराजमान हैं।
पद्मा
11
ॐ पद्मायै नमः।
Om Padmayai Namah।
जो कमल वर्ण वाली हैं।
शुचि
12
ॐ शुचये नमः।
Om Shuchaye Namah।
जो स्वयं पवित्रता का स्वरूप हैं। / जो पवित्रता में वास करती हैं।
स्वाहा
13
ॐ स्वाहायै नमः।
Om Swahayai Namah।
जो स्वयं आहुति स्वरूपा हैं।
स्वधा
14
ॐ स्वधायै नमः।
Om Swadhayai Namah।
जो स्वधा देवी के रूप में स्थित हैं।
सुधा
15
ॐ सुधायै नमः।
Om Sudhayai Namah।
जो अमृत स्वरूपा हैं। / जो स्वयं अमृत के रूप में विद्यमान हैं।
धन्या
16
ॐ धन्यायै नमः।
Om Dhanyayai Namah।
जो कृतज्ञता का मूर्त रूप हैं। / जो कृतज्ञता में वास करती हैं।
हिरण्मयी
17
ॐ हिरण्मय्यै नमः।
Om Hiranmayyai Namah।
जिनकी आभा स्वर्ण के समान तेजपूर्ण है।
लक्ष्मी
18
ॐ लक्ष्म्यै नमः।
Om Lakshmyai Namah।
जो धन की देवी हैं। / जो धन-ऐश्वर्य प्रदान करती हैं।
नित्यपुष्टा
19
ॐ नित्यपुष्टायै नमः।
Om NityaPushtayai Namah।
जो निरन्तर पुष्ट (शक्तिशाली) होती जाती हैं।
विभा
20
ॐ विभावर्यै नमः।
Om Vibhavaryai Namah।
जो अत्यन्त सुन्दर हैं। / जो अनन्त तेज को धारण करती हैं।
आदित्य
21
ॐ अदित्यै नमः।
Om Adityai Namah।
जिनकी कान्ति सूर्य के समान है।
दित्य
22
ॐ दित्ये नमः।
Om Dityai Namah।
जो भक्तों की प्रार्थना का उत्तर हैं।
दीपायै
23
ॐ दीपायै नमः।
Om Dipayai Namah।
जिनका तेज सहस्र सूर्यों के समान है। / जिनका तेज अग्नि के समान है।
वसुधा
24
ॐ वसुधायै नमः।
Om Vasudhayai Namah।
जो भूमिदेवी के रूप में भक्तों का कल्याण करती हैं।
वसुधारिणी
25
ॐ वसुधारिण्यै नमः।
Om Vasudharinyai Namah।
जो सम्पूर्ण पृथ्वी का भार धारण करती हैं।
कमला
26
ॐ कमलायै नमः।
Om Kamalayai Namah।
कमला पुष्प से प्रकट होने वाली देवी
कान्ता
27
ॐ कान्तायै नमः।
Om Kantayai Namah।
जो भगवान श्री विष्णु की अर्धांगिनी हैं।
कामाक्षी
28
ॐ कामाक्ष्यै नमः।
Om Kamakshyai Namah।
जिनके नेत्र अत्यधिक आकर्षक एवं दिव्य हैं।
क्ष्रीरोधसंभवा
29
ॐ क्ष्रीरोधसंभवाम् नमः।
Om Kshirodhasambhavam Namah।
जो भगवान विष्णु के साथ क्षीरसागर में निवास करती हैं।
अनुग्रहप्रदा
30
ॐ अनुग्रहप्रदायै नमः।
Om Anugrahapradayai Namah।
जो नाना प्रकार के सुख प्रदान करती हैं।
बुध्दि
31
ॐ बुद्धये नमः।
Om Buddhaye Namah।
जो स्वयं बुद्धि स्वरूपा हैं।
अनघा
32
ॐ अनघायै नमः।
Om Anaghayai Namah।
जो निष्पाप हैं।
हरिवल्लभि
33
ॐ हरिवल्लभायै नमः।
Om Harivallabhyai Namah।
जो भगवान श्री हरी की धर्मपत्नी हैं।
अशोका
34
ॐ अशोकायै नमः।
Om Ashokayai Namah।
जो दुख का नाश करती हैं।
अमृता
35
ॐ अमृतायै नमः।
Om Amritayai Namah।
जो अमृत का मूल तत्व हैं। / जो सागरमन्थन से अमृत के साथ प्रकट हुई थीं।
दीप्ता
36
ॐ दीप्तायै नमः।
Om Diptayai Namah।
जो सदैव दीप्तिमान रहती हैं।
लोकशोकविनाशि
37
ॐ लोकशोकविनाशिन्यै नमः।
Om Lokashokavinashinyai Namah।
जो समस्त सृष्टि की पीड़ा का शमन करती हैं।
धर्मनिलया
38
ॐ धर्मनिलयायै नमः।
Om Dharmanilayayai Namah।
सनातन धर्म की स्थापना करने वाली
करुणा
39
ॐ करुणायै नमः।
Om Karunayai Namah।
जो दया एवं करुणा का सागर हैं।
लोकमात्रि
40
ॐ लोकमात्रे नमः।
Om Lokamatre Namah।
जो सम्पूर्ण जगत की माता हैं।
पद्मप्रिया
41
ॐ पद्मप्रियायै नमः।
Om Padmapriyayai Namah।
जिन्हें कमल पुष्प अति प्रिय है।
पद्महस्ता
42
ॐ पद्महस्तायै नमः।
Om Padmahastayai Namah।
जिनके हाथ कमल पुष्प के समान हैं।
पद्माक्ष्या
43
ॐ पद्माक्ष्यै नमः।
Om Padmakshyai Namah।
कमल नयन, जिनके नेत्र कमल के समान हैं।
पद्मसुन्दरी
44
ॐ पद्मसुन्दर्यै नमः।
Om Padmasundaryai Namah।
जो कमल पुष्प की भाँति सुन्दर हैं।
पद्मोद्भवा
45
ॐ पद्मोद्भवायै नमः।
Om Padmodbhavayai Namah।
जो कमल पुष्प के अन्दर से प्रकट होने वाली हैं।
पद्ममुखी
46
ॐ पद्ममुख्यै नमः।
Om Padmamukhyai Namah।
जिनका मुख कमल के समान है।
पद्मनाभाप्रिया
47
ॐ पद्मनाभप्रियायै नमः।
Om Padmanabhapriyayai Namah।
जो पद्मनाभ (भगवान विष्णु) की प्रियतमा हैं।
रमा
48
ॐ रमायै नमः।
Om Ramayai Namah।
जो भगवान विष्णु को प्रसन्न करती हैं।
पद्ममालाधरा
49
ॐ पद्ममालाधरायै नमः।
Om Padmamaladharayai Namah।
जो कमल पुष्पों की माला धारण करती हैं।
देवी
50
ॐ देव्यै नमः।
Om Devyai Namah।
जो सर्वशक्तिशाली हैं।
पद्मिनी
51
ॐ पद्मिन्यै नमः।
Om Padminyai Namah।
क्षीरसागर में कमल पुष्प से प्रकट होने वाली देवी
पद्मगन्धिनी
52
ॐ पद्मगन्धिन्यै नमः।
Om Padmagandhinyai Namah।
जिनकी कमल पुष्प के समान सुगन्ध है।
पुण्यगन्धा
53
ॐ पुण्यगन्धायै नमः।
Om Punyagandhayai Namah।
जो दैवीय सुगन्ध वाली हैं।
सुप्रसन्ना
54
ॐ सुप्रसन्नायै नमः।
Om Suprasannayai Namah।
जो सदैव प्रसन्न एवं आनन्दमग्न रहती हैं।
प्रसादाभिमुखी
55
ॐ प्रसादाभिमुख्यै नमः।
Om Prasadabhimukhyai Namah।
जो सदैव भक्तों की वर प्रदान करने हेतु तत्पर हैं। / जो वर प्रदान करने हेतु प्रकट हुयी हैं।
प्रभा
56
ॐ प्रभायै नमः।
Om Prabhayai Namah।
जिनकी कान्ति सहस्रों देवीप्यमान सूर्यों के समान है।
चन्द्रवदना
57
ॐ चन्द्रवदनायै नमः।
Om Chandravadanayai Namah।
जिनका मुखमण्डल चन्द्रमा के समान है।
चन्द्रा
58
ॐ चन्द्रायै नमः।
Om Chandrayai Namah।
जो चन्द्र की भाँति शान्त एवं शीतल हैं।
चन्द्रसहोदरी
59
ॐ चन्द्रसहोदर्यै नमः।
Om Chandrasahodaryai Namah।
जो चन्द्रमा की बहन हैं।
चतुर्भुजा
60
ॐ चतुर्भुजायै नमः।
Om Chaturbhujayai Namah।
जिनकी चार भुजायेँ हैं, चतुर्भुजाधारी
चन्द्ररूपा
61
ॐ चन्द्ररूपायै नमः।
Om Chandrarupayai Namah।
जिनका चन्द्र के समान रूप है।
इन्दिरा
62
ॐ इन्दिरायै नमः।
Om Indirayai Namah।
जो क्षीरसागर में सूर्य के समान देवीप्यमान हैं।
इन्दुशीतला
63
ॐ इन्दुशीतलायै नमः।
Om Indushitalayai Namah।
जिनका स्वभाव चन्द्रमा के समान शान्त एवं शीतल है।
आह्लादजननी
64
ॐ आह्लादजनन्यै नमः।
Om Ahladajananyai Namah।
जो समस्त सृष्टि की प्रसन्नता का स्रोत हैं।
पुष्टि
65
ॐ पुष्टयै नमः।
Om Pushtayai Namah।
जो भक्तों को स्वास्थ्य (आरोग्य) प्रदान करती हैं। / जो भक्तों को पुष्ट करती हैं।
शिवा
66
ॐ शिवायै नमः।
Om Shivayai Namah।
जो अत्यधिक शुभ हैं।
शिवकरी
67
ॐ शिवकर्यै नमः।
Om Shivakaryai Namah।
जो समस्त शुभ एवं मांगलिक क्रियाओं की स्रोत हैं।
सत्या
68
ॐ सत्यै नमः।
Om Satyai Namah।
जो परम सत्य हैं।
विमला
69
ॐ विमलायै नमः।
Om Vimalayai Namah।
जो सर्वाधिक शुद्ध हैं।
विश्वजननी
70
ॐ विश्वजनन्यै नमः।
Om Vishwajananyai Namah।
जो सम्पूर्ण चराचर जगत की माता हैं।
तुष्टि
71
ॐ तुष्टयै नमः।
Om Tushtayai Namah।
जो समस्त तुष्टियों की स्वामिनी हैं (साँख्य में नौ प्रकार की तुष्टियाँ मानी गई हैं, चार आध्यात्मिक और पाँच वाह्य)
दारिद्र्यनाशिनी
72
ॐ दारिद्र्यनाशिन्यै नमः।
Om Daridryanashinyai Namah।
जो दरिद्रता को नष्ट करती हैं।
प्रीतिपुष्करिणी
73
ॐ प्रीतिपुष्करिण्यै नमः।
Om Pritipushkarinyai Namah।
जिनके नेत्र सुख प्रदान करने वाले
शान्ता
74
ॐ शान्तायै नमः।
Om Shantayai Namah।
जो श्रुति स्वरूपा हैं।
शुक्लमाल्यांबरा
75
ॐ शुक्लमाल्यांबरायै नमः।
Om Shuklamalyambarayai Namah।
जो श्वेत पुष्पों की माला एवं श्वेत वस्त्र धारण करती हैं।
श्री
76
ॐ श्रियै नमः।
Om Shriyai Namah।
जो श्री (लक्ष्मी) एवं सौभाग्य प्रदान करती हैं। / जो सौभाग्य स्वरूपा हैं।
भस्करि
77
ॐ भास्कर्यै नमः।
Om Bhaskaryai Namah।
जिनके तेज से तीनों लोक प्रकाशित हैं।
बिल्वनिलया
78
ॐ बिल्वनिलयायै नमः।
Om Bilvanilayayai Namah।
जो बिल्ववृक्ष में निवास करती हैं।
वरारोहा
79
ॐ वरारोहायै नमः।
Om Vararohayai Namah।
जो भक्तों को इच्छित वर प्रदान करने हेतु सदैव तत्पर हैं।
यशस्विनी
80
ॐ यशस्विन्यै नमः।
Om Yashaswinyai Namah।
जो सम्पूर्ण सृष्टि में सम्मानीय एवं पूजनीय हैं।
वसुन्धरा
81
ॐ वसुन्धरायै नमः।
Om Vasundharayai Namah।
जो पृथ्वी की पुत्री हैं।
उदाराङ्गा
82
ॐ उदारांगायै नमः।
Om Udarangayai Namah।
जो सुन्दर अंगों वाली हैं।
हरिणी
83
ॐ हरिण्यै नमः।
Om Harinyai Namah।
जो हिरण के समान सुन्दर एवं सौम्य हैं।
हेममालिनी
84
ॐ हेममालिन्यै नमः।
Om Hemamalinyai Namah।
जो स्वर्ण का हार धारण करती हैं।
धनधान्यकी
85
ॐ धनधान्यकर्ये नमः।
Om Dhanadhanyakaryai Namah।
जो धन-धान्य प्रदान करती हैं।
सिध्दि
86
ॐ सिद्धये नमः।
Om Siddhaye Namah।
जो नाना प्रकार की सिद्धि प्रदान करती हैं।
स्त्रैणसौम्या
87
ॐ स्त्रैणसौम्यायै नमः।
Om Strainasoumyayai Namah।
जो मृदुस्वभाव वाली देवी हैं।
शुभप्रदा
88
ॐ शुभप्रदाये नमः।
Om Shubhapradayai Namah।
जो शुभफल प्रदान करती हैं।
नृपवेश्मगतानन्दा
89
ॐ नृपवेश्मगतानन्दायै नमः।
Om Nripaveshmagatanandayai Namah।
जिन्हें राजसी महल में निवास करना प्रिय है।
वरलक्ष्मी
90
ॐ वरलक्ष्म्यै नमः।
Om Varalakshmyai Namah।
जो सुख-सुविधा प्रदान करती हैं।
वसुप्रदा
91
ॐ वसुप्रदायै नमः।
Om Vasupradayai Namah।
जो धन-सम्पदा प्रदान करती हैं।
शुभा
92
ॐ शुभायै नमः।
Om Shubhayai Namah।
जो सफलता एवं सम्पन्नता प्रदान करती हैं।
हिरण्यप्राकारा
93
ॐ हिरण्यप्राकारायै नमः।
Om Hiranyaprakarayai Namah।
जो स्वर्ण में निवास करती हैं।
समुद्रतनया
94
ॐ समुद्रतनयायै नमः।
Om Samudratanayayai Namah।
जो क्षीरसागर की प्रिय पुत्री हैं (समुद्रमन्थन से प्रकट होने के कारण यह नाम पड़ा)।
जया
95
ॐ जयायै नमः।
Om Jayayai Namah।
जो विजय की देवी हैं।
मङ्गला देवी
96
ॐ मंगळा देव्यै नमः।
Om Mangala Devyai Namah।
जो सर्वाधिक शुभ हैं।
विष्णुवक्षस्स्थलस्थिता
97
ॐ विष्णुवक्षस्स्थलस्थितायै नमः।
Om Vishnuvakshassthalasthitayai Namah।
जो भगवान श्री हरी विष्णु के हृदय में निवास करती हैं।
विष्णुपत्नी
98
ॐ विष्णुपत्न्यै नमः।
Om Vishnupatnyai Namah।
जो भगवान विष्णु की धर्मपत्नी हैं।
प्रसन्नाक्षी
99
ॐ प्रसन्नाक्ष्यै नमः।
Om Prasannakshyai Namah।
जिनकी दृष्टि प्रसन्नता से परिपूर्ण है।
नारायणसमाश्रिता
100
ॐ नारायणसमाश्रितायै नमः।
Om Narayanasamashritayai Namah।
भगवान नारायण जिनका आश्रय हैं।
दारिद्र्यध्वंसिनी
101
ॐ दारिद्र्यध्वंसिन्यै नमः।
Om Daridryadhwamsinyai Namah।
जो दुख-दारिद्र्य को नष्ट कर देती हैं।
देवी
102
ॐ देव्यै नमः।
Om Devyai Namah।
जो सर्वशक्तिशाली हैं।
सर्वोपद्रव वारिणी
103
ॐ सर्वोपद्रव वारिण्यै नमः।
Om Sarvopadrava Varinyai Namah।
जो समस्त प्रकार के उपद्रव शान्त करती हैं।
नवदुर्गा
104
ॐ नवदुर्गायै नमः।
Om Navadurgayai Namah।
जो नवदुर्गा के नौ रूपों में स्थित हैं।
महाकाली
105
ॐ महाकाल्यै नमः।
Om Mahakalyai Namah।
जो स्वयं महाकाली स्वरूपा हैं।
ब्रह्माविष्णुशिवात्मिका
106
ॐ ब्रह्माविष्णुशिवात्मिकायै नमः।
Om Brahmavishnushivatmikayai Namah।
जो त्रिमूर्ति (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) की प्रिय हैं।
त्रिकालज्ञानसम्पन्ना
107
ॐ त्रिकालज्ञानसंपन्नायै नमः।
Om Trikalajnanasampannayai Namah।
जिन्हें तीनों कालों (भूत, भविष्य, वर्तमान) का ज्ञान है।
भुवनेश्वरी
108
ॐ भुवनेश्वर्यै नमः।
Om Bhuvaneshwaryai Namah।
जो 14 भुवनों की स्वामिनी हैं।

॥ इति श्रीलक्ष्मीष्टोत्तरशतनामावलिः सम्पूर्णा ॥

Kalash
Copyright Notice
PanditJi Logo
All Images and data - Copyrights
Ⓒ www.drikpanchang.com
Privacy Policy
Drik Panchang and the Panditji Logo are registered trademarks of drikpanchang.com
Android Play StoreIOS App Store
Drikpanchang Donation